नई दिल्ली: अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया के प्लेन क्रैश की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। यह रिपोर्ट भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने देर रात जारी की है। इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक एयर इंडिया के बोइंग 787 ने जैसे ही टेकऑफ किया, उसके 3 सेकंड बाद ही प्लेन के दोनों इंजन अचानक बंद हो गए, जिसके बाद प्लेन क्रैश हो गया।
AAIB ने इस हादसे पर 15 पेज की जांच रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक प्लेन सुबह 8 बजकर 8 मिनट पर 180 नॉट्स की अधिकतम इंडिकेटेड स्पीड पर पहुंच गया था। इसके 3 सेकंड बाद ही इंजन नंबर-1 और इंजन नंबर-2 का फ्यूल स्विच कट ऑफ की स्थिति में चले गए। यानी दोनों ही इंजनों तक फ्यूल पहुंचना बंद हो गया। फ्यूल न पहुंचने की स्थिति में इंजन एन-1 और एन-2 की रोटेशन स्पीड तेजी से गिरती चली गई और प्लेन क्रैश हो गया।
पहले पायलट ने पूछा- फ्यूल कटऑफ क्यों किया
रिपोर्ट ने के मुताबिक प्लेन में फ्यूल न आने की घटना से फ्लाइट उड़ा रहे दोनों पायलट भी अचंभित थे। इस बात का भी खुलासा हुआ है कि उड़ान के बाद एक पायलट ने दूसरे पायलट से पूछा था कि उसने फ्यूल कटऑफ क्यों किया। इस पर दूसरा पायलट जवाब देता है कि उसने ऐसा नहीं किया है।
10 सेकंड बाद रिकवर होने लगे थे दोनों इंजनरिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि बंद होने के दस सेकंड बाद एक इंजन का फ्यूल कटऑफ स्विच कटऑफ रन में बदल गया। यानी फ्यूल की सप्लाई फिर से शुरू हो गई। इसके ठीक चार सेकंड बाद दूसरे इंजन के साथ भी ऐसा ही हुआ। इस बीच इंजन नंबर-1 और 2 दोनों ने रिकवरी करना शुरू किया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
उड़ान के 26 सेकंड बाद पायलटों ने दी मेडे कॉलरिपोर्ट के मुताबिक फ्लाइट के उड़ान भरने के 26 सेकंड बाद पायलटों ने 'मेडे' कॉल दी। बता दें कि यह कॉल तब दी जाती है, जब फ्लाइट को गंभीर खतरा होता है। पायलटों के मेडे कॉल देने के 6 सेकंड बाद ही यह दुर्घटना हो गई। रिपोर्ट में बताया गया है कि फ्लाइट के एयर ट्रैक के आसपास पक्षियों की गतिविधि दर्ज नहीं की गई। एयरपोर्ट परिसर की दीवार पार करने से पहले ही फ्लाइट की ऊंचाई कम होने लगी।
AAIB ने इस हादसे पर 15 पेज की जांच रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक प्लेन सुबह 8 बजकर 8 मिनट पर 180 नॉट्स की अधिकतम इंडिकेटेड स्पीड पर पहुंच गया था। इसके 3 सेकंड बाद ही इंजन नंबर-1 और इंजन नंबर-2 का फ्यूल स्विच कट ऑफ की स्थिति में चले गए। यानी दोनों ही इंजनों तक फ्यूल पहुंचना बंद हो गया। फ्यूल न पहुंचने की स्थिति में इंजन एन-1 और एन-2 की रोटेशन स्पीड तेजी से गिरती चली गई और प्लेन क्रैश हो गया।
पहले पायलट ने पूछा- फ्यूल कटऑफ क्यों किया
रिपोर्ट ने के मुताबिक प्लेन में फ्यूल न आने की घटना से फ्लाइट उड़ा रहे दोनों पायलट भी अचंभित थे। इस बात का भी खुलासा हुआ है कि उड़ान के बाद एक पायलट ने दूसरे पायलट से पूछा था कि उसने फ्यूल कटऑफ क्यों किया। इस पर दूसरा पायलट जवाब देता है कि उसने ऐसा नहीं किया है।
10 सेकंड बाद रिकवर होने लगे थे दोनों इंजनरिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि बंद होने के दस सेकंड बाद एक इंजन का फ्यूल कटऑफ स्विच कटऑफ रन में बदल गया। यानी फ्यूल की सप्लाई फिर से शुरू हो गई। इसके ठीक चार सेकंड बाद दूसरे इंजन के साथ भी ऐसा ही हुआ। इस बीच इंजन नंबर-1 और 2 दोनों ने रिकवरी करना शुरू किया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
उड़ान के 26 सेकंड बाद पायलटों ने दी मेडे कॉलरिपोर्ट के मुताबिक फ्लाइट के उड़ान भरने के 26 सेकंड बाद पायलटों ने 'मेडे' कॉल दी। बता दें कि यह कॉल तब दी जाती है, जब फ्लाइट को गंभीर खतरा होता है। पायलटों के मेडे कॉल देने के 6 सेकंड बाद ही यह दुर्घटना हो गई। रिपोर्ट में बताया गया है कि फ्लाइट के एयर ट्रैक के आसपास पक्षियों की गतिविधि दर्ज नहीं की गई। एयरपोर्ट परिसर की दीवार पार करने से पहले ही फ्लाइट की ऊंचाई कम होने लगी।
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