नई दिल्ली: चश्मे बेचने वाली भारत की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी Lenskart Solutions है। इस कंपनी का IPO (Initial Public Offering) आज शेयर बाजार में हिट कर रहा है। यह IPO 7,278 करोड़ रुपये का है। निवेशक इसमें आज से लेकर आगामी 4 नवंबर तक निवेश कर सकेंगे। कंपनी ने अपने एक शेयर का प्राइस बैंड 382 से 402 रुपये के बीच तय किया है। इस IPO में 2,150 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जाएंगे और 5,128 करोड़ रुपये के शेयर मौजूदा शेयरधारक बेचेंगे। इनमें SoftBank, Kedaara Capital और Temasek जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।   
   
क्या है इस आईपीओ का GMPअनलिस्टेड मार्केट में Lenskart के IPO को लेकर काफी उत्साह दिख रहा है। तभी तो इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) यानी IPO खुलने से पहले ही शेयरों की मांग भी ज्यादा है। फिलहाल इसका जीएमपी 74 रुपये चल रहा है। इसका मतलब है कि शेयर बाज़ार में लिस्ट होने पर करीब 18.41% का फायदा हो सकता है। यह शेयर की ऊपरी कीमत 402 रुपये पर आधारित है। यह दिखाता है कि लोग इस IPO में दिलचस्पी ले रहे हैं।
     
क्या करती है कंपनीLenskart की शुरुआत एक ऑनलाइन चश्मे की दुकान के तौर पर हुई थी, लेकिन अब यह एक पूरी तरह से ऑनलाइन और ऑफलाइन (Omnichannel) रिटेल कंपनी बन गई है। कंपनी चश्मे, धूप के चश्मे और कॉन्टैक्ट लेंस भी बेचती है। आप इन्हें उनकी वेबसाइट, ऐप और अब 2,800 से ज़्यादा ऑफलाइन स्टोर्स से खरीद सकते हैं। इनमें से 2,137 स्टोर्स सिर्फ भारत में हैं। Lenskart के पास जापान का Owndays और स्पेन का Meller जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड भी हैं, जिससे एशिया और यूरोप में उनकी अच्छी पकड़ है।
     
क्या है कंपनी का बिजनेसकंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025 (FY25) में 6,653 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाया, जो पिछले साल से 23% ज़्यादा है। वहीं, 296 करोड़ रुपये का मुनाफा भी हुआ है। यह एक बड़ी बात है क्योंकि वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में कंपनी को घाटा हुआ था। कंपनी का EBITDA मार्जिन भी सुधरकर 14.7% हो गया है। ऐसा बेहतर खर्चों पर नियंत्रण, अच्छी ब्रांडिंग और प्रीमियम उत्पादों की बिक्री की वजह से हुआ है। Lenskart अपने ज़्यादातर चश्मे खुद ही बनाती है। इसके लिए उनके पास भिवाड़ी और गुरुग्राम में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं। इससे वे सप्लाई चेन को कंट्रोल कर पाते हैं, जिससे चश्मे किफायती दामों पर अच्छी क्वालिटी के साथ मिल पाते हैं। कंपनी हैदराबाद में दुनिया की सबसे बड़ी चश्मे बनाने वाली फैक्ट्री भी लगा रही है। इससे उनकी लागत और भी कम होगी और वे ज़्यादा उत्पादन कर पाएंगे।
   
शेयरों का मूल्यांकन और वित्तीय स्थितिअगर Lenskart अपने IPO के ऊपरी मूल्य बैंड 402 रुपये पर शेयर बेचती है, तो कंपनी का मूल्यांकन उसके FY25 के मुनाफे के मुकाबले 235 गुना (P/E ratio) होगा। वहीं, EV/EBITDA मल्टीपल 68 गुना होगा। यह हाल के वर्षों में सबसे महंगे रिटेल IPO में से एक है। विश्लेषकों का कहना है कि भले ही शेयर महंगे लग रहे हों, लेकिन कंपनी के लंबे समय के विकास की संभावनाएं बहुत अच्छी हैं। भारत में चश्मे का बाज़ार अभी 78,800 करोड़ रुपये का है और यह वित्तीय वर्ष 2030 (FY30) तक दोगुना होकर 1.48 लाख करोड़ रुपये का हो जाने का अनुमान है। यह बाज़ार हर साल 13% की दर से बढ़ेगा। इसकी वजह है डिजिटल तरीकों का बढ़ता इस्तेमाल, स्वास्थ्य सुविधाओं का बेहतर होना और लोगों का फैशन के प्रति ज़्यादा जागरूक होना।
   
IPO से मिलने वाले पैसे का इस्तेमालIPO से जो पैसा आएगा, उसका इस्तेमाल कंपनी नए स्टोर खोलने (272 करोड़ रुपये), स्टोर्स के किराए और लीज के भुगतान (591 करोड़ रुपये), टेक्नोलॉजी और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश (213 करोड़ रुपये) और ब्रांड मार्केटिंग व बिज़नेस को बढ़ाने (320 करोड़ रुपये) के लिए करेगी।
   
ब्रोकरेज फर्मों की रायSBI Securities ने इस IPO को "लंबे समय के लिए सब्सक्राइब करें" (Subscribe for long term) की सलाह दी है। उनका मानना है कि Lenskart का बिज़नेस मॉडल बहुत मजबूत है और यह ऐसे बाज़ार में है जहाँ अभी बहुत ज़्यादा पैठ नहीं है। ब्रोकरेज का कहना है कि लिस्टिंग पर शायद बहुत ज़्यादा फायदा न हो, लेकिन कंपनी की मजबूत सप्लाई चेन, बढ़ता मुनाफा और ब्रांड की ताकत लंबे समय तक विकास के अच्छे मौके देती है। Ventura Securities ने भी "सब्सक्राइब" (Subscribe) करने की सलाह दी है। वे Lenskart को एक "दूरदर्शी ग्रोथ स्टोरी" (visionary growth story) मानते हैं। उनका कहना है कि टेक्नोलॉजी पर आधारित विस्तार, AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से चलने वाला कस्टमर इंटरफेस और एक साल से भी कम समय में स्टोर से पैसा वापस आ जाना, ये सब कंपनी के लिए बहुत ज़्यादा रिटर्न की संभावना पैदा करते हैं। ब्रोकरेज को उम्मीद है कि जैसे-जैसे कंपनी का विस्तार होगा और वह नए देशों में जाएगी, उसका मुनाफा और भी बढ़ेगा। इसके विपरीत, Nirmal Bang का कहना है कि पहली नज़र में IPO महंगा लग रहा है। लेकिन, जब इसकी तुलना Trent और Metro जैसी दूसरी आधुनिक रिटेल कंपनियों से की जाती है, तो यह मूल्यांकन सही लगता है। इस फर्म ने भी "लंबे समय के लिए सब्सक्राइब करें" (Subscribe with long-term view) की रेटिंग दी है। वे Lenskart के मजबूत ब्रांड, प्रीमियम उत्पादों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार की योजनाओं को अहम मानते हैं।
   
(डिस्क्लेमर: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये नवभारत टाइम्स के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
  
क्या है इस आईपीओ का GMPअनलिस्टेड मार्केट में Lenskart के IPO को लेकर काफी उत्साह दिख रहा है। तभी तो इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) यानी IPO खुलने से पहले ही शेयरों की मांग भी ज्यादा है। फिलहाल इसका जीएमपी 74 रुपये चल रहा है। इसका मतलब है कि शेयर बाज़ार में लिस्ट होने पर करीब 18.41% का फायदा हो सकता है। यह शेयर की ऊपरी कीमत 402 रुपये पर आधारित है। यह दिखाता है कि लोग इस IPO में दिलचस्पी ले रहे हैं।
क्या करती है कंपनीLenskart की शुरुआत एक ऑनलाइन चश्मे की दुकान के तौर पर हुई थी, लेकिन अब यह एक पूरी तरह से ऑनलाइन और ऑफलाइन (Omnichannel) रिटेल कंपनी बन गई है। कंपनी चश्मे, धूप के चश्मे और कॉन्टैक्ट लेंस भी बेचती है। आप इन्हें उनकी वेबसाइट, ऐप और अब 2,800 से ज़्यादा ऑफलाइन स्टोर्स से खरीद सकते हैं। इनमें से 2,137 स्टोर्स सिर्फ भारत में हैं। Lenskart के पास जापान का Owndays और स्पेन का Meller जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड भी हैं, जिससे एशिया और यूरोप में उनकी अच्छी पकड़ है।
क्या है कंपनी का बिजनेसकंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025 (FY25) में 6,653 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाया, जो पिछले साल से 23% ज़्यादा है। वहीं, 296 करोड़ रुपये का मुनाफा भी हुआ है। यह एक बड़ी बात है क्योंकि वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में कंपनी को घाटा हुआ था। कंपनी का EBITDA मार्जिन भी सुधरकर 14.7% हो गया है। ऐसा बेहतर खर्चों पर नियंत्रण, अच्छी ब्रांडिंग और प्रीमियम उत्पादों की बिक्री की वजह से हुआ है। Lenskart अपने ज़्यादातर चश्मे खुद ही बनाती है। इसके लिए उनके पास भिवाड़ी और गुरुग्राम में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं। इससे वे सप्लाई चेन को कंट्रोल कर पाते हैं, जिससे चश्मे किफायती दामों पर अच्छी क्वालिटी के साथ मिल पाते हैं। कंपनी हैदराबाद में दुनिया की सबसे बड़ी चश्मे बनाने वाली फैक्ट्री भी लगा रही है। इससे उनकी लागत और भी कम होगी और वे ज़्यादा उत्पादन कर पाएंगे।
शेयरों का मूल्यांकन और वित्तीय स्थितिअगर Lenskart अपने IPO के ऊपरी मूल्य बैंड 402 रुपये पर शेयर बेचती है, तो कंपनी का मूल्यांकन उसके FY25 के मुनाफे के मुकाबले 235 गुना (P/E ratio) होगा। वहीं, EV/EBITDA मल्टीपल 68 गुना होगा। यह हाल के वर्षों में सबसे महंगे रिटेल IPO में से एक है। विश्लेषकों का कहना है कि भले ही शेयर महंगे लग रहे हों, लेकिन कंपनी के लंबे समय के विकास की संभावनाएं बहुत अच्छी हैं। भारत में चश्मे का बाज़ार अभी 78,800 करोड़ रुपये का है और यह वित्तीय वर्ष 2030 (FY30) तक दोगुना होकर 1.48 लाख करोड़ रुपये का हो जाने का अनुमान है। यह बाज़ार हर साल 13% की दर से बढ़ेगा। इसकी वजह है डिजिटल तरीकों का बढ़ता इस्तेमाल, स्वास्थ्य सुविधाओं का बेहतर होना और लोगों का फैशन के प्रति ज़्यादा जागरूक होना।
IPO से मिलने वाले पैसे का इस्तेमालIPO से जो पैसा आएगा, उसका इस्तेमाल कंपनी नए स्टोर खोलने (272 करोड़ रुपये), स्टोर्स के किराए और लीज के भुगतान (591 करोड़ रुपये), टेक्नोलॉजी और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश (213 करोड़ रुपये) और ब्रांड मार्केटिंग व बिज़नेस को बढ़ाने (320 करोड़ रुपये) के लिए करेगी।
ब्रोकरेज फर्मों की रायSBI Securities ने इस IPO को "लंबे समय के लिए सब्सक्राइब करें" (Subscribe for long term) की सलाह दी है। उनका मानना है कि Lenskart का बिज़नेस मॉडल बहुत मजबूत है और यह ऐसे बाज़ार में है जहाँ अभी बहुत ज़्यादा पैठ नहीं है। ब्रोकरेज का कहना है कि लिस्टिंग पर शायद बहुत ज़्यादा फायदा न हो, लेकिन कंपनी की मजबूत सप्लाई चेन, बढ़ता मुनाफा और ब्रांड की ताकत लंबे समय तक विकास के अच्छे मौके देती है। Ventura Securities ने भी "सब्सक्राइब" (Subscribe) करने की सलाह दी है। वे Lenskart को एक "दूरदर्शी ग्रोथ स्टोरी" (visionary growth story) मानते हैं। उनका कहना है कि टेक्नोलॉजी पर आधारित विस्तार, AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से चलने वाला कस्टमर इंटरफेस और एक साल से भी कम समय में स्टोर से पैसा वापस आ जाना, ये सब कंपनी के लिए बहुत ज़्यादा रिटर्न की संभावना पैदा करते हैं। ब्रोकरेज को उम्मीद है कि जैसे-जैसे कंपनी का विस्तार होगा और वह नए देशों में जाएगी, उसका मुनाफा और भी बढ़ेगा। इसके विपरीत, Nirmal Bang का कहना है कि पहली नज़र में IPO महंगा लग रहा है। लेकिन, जब इसकी तुलना Trent और Metro जैसी दूसरी आधुनिक रिटेल कंपनियों से की जाती है, तो यह मूल्यांकन सही लगता है। इस फर्म ने भी "लंबे समय के लिए सब्सक्राइब करें" (Subscribe with long-term view) की रेटिंग दी है। वे Lenskart के मजबूत ब्रांड, प्रीमियम उत्पादों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार की योजनाओं को अहम मानते हैं।
(डिस्क्लेमर: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये नवभारत टाइम्स के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
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