मुंबई: शेयर बाजार (Stock Market) में जारी उठा-पटक के बीच निवेशकों का इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund) से मोहभंग होता दिखता है। तभी तो बीते अक्टूबर महीने के दौरान इसमें निवेश थोड़ा कम हुआ है। इस साल सितंबर महीने के दौरान इक्विटी म्यूचुअल फंड में जहां 30,422 करोड़ रुपये का निवेश आया था, वहीं अक्टूबर में यह घटकर 24,691 करोड़ रुपये रह गया। यह लगभग 19% की गिरावट है। हालांकि, इस दौरान शेयर बाजार के मुख्य सूचकांक, निफ्टी 50 और बीएसई सेंसेक्स में करीब 4% की तेजी देखी गई।
इस फंड से हो रही है निकासी
इक्विटी फंड की 11 अलग-अलग कैटेगरी में से ज्यादातर में अक्टूबर में पैसा आया। बस डिविडेंड यील्ड फंड (DYF) और ईएलएसएस (ELSS) फंड में पैसा नहीं आया, बल्कि बाहर गया। फ्लेक्सीकैप फंड निवेशकों के बीच सबसे ज्यादा पसंद किए गए। इनमें 8,928 करोड़ रुपये का निवेश आया, जो सितंबर के 7,029 करोड़ रुपये से 27% ज्यादा है। मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड में भी निवेश में कमी आई। मिड-कैप फंड में 25% और स्मॉल-कैप फंड में 20% की गिरावट देखी गई। अक्टूबर में मिड-कैप फंड में 3,807 करोड़ रुपये आए, जबकि स्मॉल-कैप फंड में 3,476 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।
लगातार तीसरे महीने निकासीडिविडेंड यील्ड फंड से लगातार तीसरे महीने पैसा निकला। अक्टूबर में इनमें 178 करोड़ रुपये का आउटफ्लो (फंड में निवेश से ज्यादा निकासी) हुआ। ईएलएसएस फंड से भी इसी दौरान 665 करोड़ रुपये बाहर गए। वहीं, डेट फंड में अक्टूबर में बड़ी मात्रा में पैसा आया। इसमें 1.59 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ। इससे पहले अगस्त और सितंबर में डेट फंड से पैसा निकल रहा था। अगस्त में 7,979 करोड़ रुपये और सितंबर में 1.01 लाख करोड़ रुपये डेट फंड से बाहर गए थे।
डेट फंड में हो रहा है निवेश
डेट फंड की 16 कैटेगरी में से ज्यादातर में निवेश आया। बस लॉन्ग ड्यूरेशन, डायनामिक बॉन्ड, क्रेडिट रिस्क, गिल्ट, गिल्ट विद 10-ईयर कॉन्स्टेंट मैच्योरिटी और फ्लोटर फंड में पैसा नहीं आया। लिक्विड फंड में अक्टूबर में सबसे ज्यादा 89,375 करोड़ रुपये का निवेश आया। इसके बाद ओवरनाइट फंड का नंबर था, जिसमें 24,050 करोड़ रुपये आए। लॉन्ग ड्यूरेशन फंड से सबसे ज्यादा 942 करोड़ रुपये निकाले गए।
सात साल में सबसे कम रिटर्न
पिछले दिनों ही यह रिपोर्ट आई थी कि साल 2018 के बाद सात साल में ऐसा पहली बार हुआ है, जबकि ज्यादातर इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीमों में एक साल का रोलिंग रिटर्न नेगेटिव हो गया है। Elara Capital के आंकड़ों के मुताबिक, शेयरों में जमकर पैसा लगाने और कुछ खास जगहों पर निवेश के बावजूद, निवेशक हर तरफ हो रही परफॉर्मेंस की गिरावट से बच नहीं पाए हैं। इस गिरावट को देखते हुए निवेशक अब सतर्क हो गए हैं। शायद इसी का असर अक्टूबर के इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेश पर दिखा है।
इस फंड से हो रही है निकासी
इक्विटी फंड की 11 अलग-अलग कैटेगरी में से ज्यादातर में अक्टूबर में पैसा आया। बस डिविडेंड यील्ड फंड (DYF) और ईएलएसएस (ELSS) फंड में पैसा नहीं आया, बल्कि बाहर गया। फ्लेक्सीकैप फंड निवेशकों के बीच सबसे ज्यादा पसंद किए गए। इनमें 8,928 करोड़ रुपये का निवेश आया, जो सितंबर के 7,029 करोड़ रुपये से 27% ज्यादा है। मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड में भी निवेश में कमी आई। मिड-कैप फंड में 25% और स्मॉल-कैप फंड में 20% की गिरावट देखी गई। अक्टूबर में मिड-कैप फंड में 3,807 करोड़ रुपये आए, जबकि स्मॉल-कैप फंड में 3,476 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।
लगातार तीसरे महीने निकासीडिविडेंड यील्ड फंड से लगातार तीसरे महीने पैसा निकला। अक्टूबर में इनमें 178 करोड़ रुपये का आउटफ्लो (फंड में निवेश से ज्यादा निकासी) हुआ। ईएलएसएस फंड से भी इसी दौरान 665 करोड़ रुपये बाहर गए। वहीं, डेट फंड में अक्टूबर में बड़ी मात्रा में पैसा आया। इसमें 1.59 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ। इससे पहले अगस्त और सितंबर में डेट फंड से पैसा निकल रहा था। अगस्त में 7,979 करोड़ रुपये और सितंबर में 1.01 लाख करोड़ रुपये डेट फंड से बाहर गए थे।
डेट फंड में हो रहा है निवेश
डेट फंड की 16 कैटेगरी में से ज्यादातर में निवेश आया। बस लॉन्ग ड्यूरेशन, डायनामिक बॉन्ड, क्रेडिट रिस्क, गिल्ट, गिल्ट विद 10-ईयर कॉन्स्टेंट मैच्योरिटी और फ्लोटर फंड में पैसा नहीं आया। लिक्विड फंड में अक्टूबर में सबसे ज्यादा 89,375 करोड़ रुपये का निवेश आया। इसके बाद ओवरनाइट फंड का नंबर था, जिसमें 24,050 करोड़ रुपये आए। लॉन्ग ड्यूरेशन फंड से सबसे ज्यादा 942 करोड़ रुपये निकाले गए।
सात साल में सबसे कम रिटर्न
पिछले दिनों ही यह रिपोर्ट आई थी कि साल 2018 के बाद सात साल में ऐसा पहली बार हुआ है, जबकि ज्यादातर इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीमों में एक साल का रोलिंग रिटर्न नेगेटिव हो गया है। Elara Capital के आंकड़ों के मुताबिक, शेयरों में जमकर पैसा लगाने और कुछ खास जगहों पर निवेश के बावजूद, निवेशक हर तरफ हो रही परफॉर्मेंस की गिरावट से बच नहीं पाए हैं। इस गिरावट को देखते हुए निवेशक अब सतर्क हो गए हैं। शायद इसी का असर अक्टूबर के इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेश पर दिखा है।
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