डॉ अमित गोयल, डायरेक्टर और एच ओ डी यूनिट रिनल ट्रांसप्लांट यूरिनोकोलॉजी, यूरोलॉजी एंड रोबोटिक सर्जरी, मैक्स हॉस्पिटल, गुरुग्राम के मुताबिक दअरसल ज्यादा पानी पीने से किडनी हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है। किडनी शरीर का नैचुरल फिल्टरेशन सिस्टम है लेकिन अगर आप जरूरत से ज्यादा पानी पी रहे हैं तो किडनी के कार्यों में बाधा आ सकती है।
किडनी बॉडी को साफ रखने में मदद करती है। यह ब्लड से टॉक्सिंस और एक्स्ट्रा पानी को यूरीन के जरिए बाहर निकालने का काम करती है। ऐसे में पानी पीने से किडनी स्वस्थ रहती है और ठीक तरह से अपना काम करती है लेकिन सामान्य से अधिक पानी पीने पर किडनी पर दबाव पड़ता है। (Photo credit):iStock)
बैलेंसिंग भी करती है किडनी

किडनी का काम सिर्फ फिल्टर करना नहीं है बल्कि या बैलेंस बनाए रखने का भी काम करती है। किडनी ब्लड में सोडियम, पोटैशियम और कैल्शियम जैसे मिनरल्स का संतुलन बनाए रखती है। बॉडी में पानी अधिक होने से हाइपोनेट्रिमिया हो सकता है। जब सोडियम का लेवल कम हो जाता है तो किडनी को ओवरटाइम करना पड़ता है और बॉडी का फ्लूइड बैलेंस बिगड़ जाता है। इससे किडनी को लंबे समय के लिए नुकसान पहुंचता है।
कितना पानी पीना सेफ है?

रोजाना कितना पानी पीना चाहिए या व्यक्ति के उम्र, वजन, मौसम और काम पर निर्भर करता है। लेकिन एक्सपर्ट्स के अनुसार रोजाना कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पीना जरूरी होता है। इससे बॉडी हेल्दी रहती है और किडनी भी ठीक से काम करती है। रिसर्च से यह पता चला है कि प्रतिदिन कुल 2.5 से 3.5 लीटर फ्लूइड( पानी, फलों और भोजन से) ज्यादातर वयस्कों के लिए सेफ होता है।
कितना खतरनाक है ओवरहाइड्रेशन?

ज्यादा पानी पीने से केवल बार-बार बाथरूम जाने की समस्या नहीं होती है बल्कि गंभीर स्थितियों में ब्रेन में सूजन, भ्रम, मतली, दौरे या कोमा भी हो सकता है। उदाहरण के तौर पर जब इंटेंस वर्कआउट के दौरान इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित किए बिना ही एथलीट्स फ्लूइड बदल देते हैं तो उन्हें वाटर इंटॉक्सिकेशन की समस्या हो सकती है। जिन लोगों को पहले से ही किडनी या हार्ट से जुड़ी समस्या रहती है ओवरहाइड्रेशन उनके लिए काफी खतरनाक हो सकता है।
स्मार्ट हाइड्रेशन के तरीके चुनें

जरूरी नहीं है कि खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए आप ढेर सारा प्लान पानी ही पिएं बल्कि आप दूसरे तरीकों से भी डिहाइड्रेशन से बच सकते हैं। इसके लिए आप खीरा, संतरे, मेलन आदि का सेवन कर सकते हैं। इससे फ्लूइड के साथ आपको जरूरी मिनरल्स भी मिलेंगे। इसके अलावा हर्बल चाय, नारियल पानी और बटर मिल्क से आपको इलेक्ट्रोलाइट्स मिल सकते हैं जो सादे पानी में नहीं होते हैं।
क्यों जरूरी है बैलेंस?
वाटर डिटॉक्स चैलेंज लेने वाले ज्यादातर लोगों ने इस बात को स्वीकार किया है कि फ्रेश महसूस करने की जगह उन्हें थकान, ब्लोटिंग और सिर दर्द की समस्या हुई है। ऐसे में यह पता चलता है कि पानी का सही मात्रा में पीना कितना जरूरी होता है। एक बार में ही अधिक पानी पीने की जगह दिन भर में पानी के सेवन में अंतराल रखना ज्यादा बेहतर होता है। किडनी को हेल्दी रखने का यह सुरक्षित तरीका होता है।
डॉक्टर से भी सलाह लें

जिन लोगों को पहले से ही किडनी से जुड़ी कोई समस्या होती है उन्हें डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए कि उन्हें प्रतिदिन कितना पानी पीने की जरूरत है। किडनी से जुड़ी बीमारी वाले लोगों को ज्यादा पानी पीने से बचना चाहिए क्योंकि इससे किडनी पर अधिक दबाव पड़ता है।
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