लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में दो बाहुबलियों की अदावत दशकों तक राजनीति को प्रभावित करती रही। एक तरफ था मुख्तार का अंसारी परिवार ताे दूसरी तरफ बृजेश सिंह का परिवार। मुख्तार जहां खुद कई बार का विधायक रहा, बड़े भाई अफजाल भी पहले विधायक और सांसद हैं। वहीं दूसरी तरफ वर्षों तक फरार रहे बृजेश सिंह ने वापसी की और पिछले कुछ वर्षों में बृजेश के परिवार की भी सियासत में तेजी से दखल बढ़ी। भतीजा विधायक है और पत्नी एमएलसी। वैसे तो बृजेश सिंह भी एमएलसी रह चुके हैं लेकिन अब वह चुनावी राजनीति में एंट्री की कोशिश में हैं। मुख्तार के बेटे अफजाल की विधायकी रद्द होने के बाद मऊ सदर सीट पर उपचुनाव होना है और बृजेश सिंह का नाम चर्चा में आ गया। माना जा रहा है कि वह इस चुनाव में उतरने की तैयारी में हैं।
...और अफजाल खुद राजनीति करके आनंद लिए- बृजेश
इन सबके बीच बृजेश सिंह ने पहली बार मुख्तार अंसारी और उनके परिवार को लेकर बयान चर्चा में आ गया। बृजेश सिंह ने मुख्तार के बढ़े भाई अफजाल को लेकर बढ़ा आरोप लगाया है। पिछले दिनों एक पॉडकॉस्ट के दौरान बृजेश सिंह ने कहा कि अफजाल अंसारी अपनी राजनीति रोटी सेंकने के लिए मुख्तार अंसारी को अपराधी बनाकर पूरी जिंदगी जेल कटवाए। खुद राजनीति करके आनंद लेते रहे।
यही नहीं बृजेश सिंह ने अंसारी के परिवार के आजादी के आंदोलन से जुड़ाव को भी फर्जी करार दिया। उन्होंने कहा कि कभी मेजर उस्मान का नाम लेते हैं। ये रहने वाला यहां के नहीं हैं। यहां आकर बसे हैं, कहां से इनके पीढ़ी में वो आ गए। सब राजनैतिक लाभ के लिए अपने साम्राज्य को बढ़ाने के लिए बड़े-बड़े नामों को अपने साथ जोड़ लिए।
बृजेश सिंह ने कहा कि आप किसी गांव में हैं, किसी घर के भांजे हैं तो पूरा गांव ही आपका मामा हो गया। ऐसे ही इनके सब नाना हो गए। ये उपराष्ट्रपति को रिश्तेदार बताते हैं। उन्हीं का स्कूल इन्होंने कब्जा किया था, जब वो उपराष्ट्रपति बन गए तो ससम्मान वापस किया।
...बेचारा अभी से मुरझा जाएगा- अफजाल
बृजेश सिंह के इस आरोप पर अफजाल अंसारी का जवाबी पलटवार आया है। उन्होंने बृजेश सिंह का नाम तो नहीं लिया लेकिन तंज भरे अंदाज में कहा, "अभी तो शुरू किया है उन्होंने। आने दीजिए, खुलने दीजिए। हम अभी से बताने लगेंगे तो बेचारा अभी से मुरझा जाएगा।" अफजाल ने सवालिया लहजे में कहा कि हम वो नहीं हैं, जिसके यहां शरण लेंगे, उसी का नामोनिशान मिटा देंगे। क्या सूर्यदेव सिंह का नाम आप नहीं जानते? क्या वीरेंद्र सिंह टाटा का नाम आप नहीं जानते? क्या करंडा के गुड्डू सिंह का नाम आप नहीं जानते? किसको भट्टे में झोंक दिया गया आप नहीं जानते? कौन लोग थे। जहां शरण मिली, जिसकी मदद मिली उसके साथ छल किया। मुकदमे का सबसे बड़ पैरोकार वो ब्राह्मण जिसने सारा जीवन 'इनका' बस्ता ढोया। कैसे निर्ममतापूर्वक उसके घर पर चढ़कर उसको मारा गया। ये तो छल करने वाले लोग हैं।
अफजाल ने आगे कहा, "खुलने दीजिए। समाज में आइए वेलकम है। समाज में जो आता है, उसे अपने आचरण, व्यवहार से जवाब देना पड़ता है। आप महान हो, आप सक्षम हो। हमारी जांच तो हो रही है, लेकिन कभी जांच होगी। ईडी आज ही खत्म हो जाएगी। ये हजारों करोड़ की, लूट का जो साम्राज्य है उसका कोई हिसाब-किताब होगा।"
अफजाल ने कहा कि 'आप लोगों' की कृपादृष्टि रही। जब आपने चाहा पर्दे में छिपाए रहे। जब आप चाहें महिमामंडन कर रहे हैं। करिए। हमें उन 'महानुभाव' के बारे में कुछ कहना नहीं है।
अफजाल ने कहा, "जिस व्यक्ति को दंड मिलना चाहिए, उसका महिमामंडन किया जा रहा है। अगर न्यायालय मुझे भगोड़ा घोषित कर दे। मेरे ऊपर 5 लाख का ईनाम घोषित कर दिया जाए और मैं 20 साल फरार रहूं। अपराध करता रहूं, अपराध का साम्राज्य बनाता रहूं। अपना नाम बदल लूं, जिस पर विदेश जाने का पासपोर्ट बन जाए। हथियार का लाइसेंस बन जाए। जब मैं पकड़ा जाऊं तो कह दूं कि ये तो मेरे ही दोनों नाम हैं। जब आप फरार थे तो पासपोर्ट लाइसेंस किसने बना दिया? आपके पास इतनी संपत्ति कहां से आई?"
अफजाल ने कहा कि एक महाराज यहां हैं। दूसरे महाराज भी महाराज बन ही चुके हैं। हम तो पहले से कहते थे कि जिनक आप पाक साफ समझते थे, उनको दीजिए न शंकराचार्य की पदवीतो अब शुरू हो गई है।
...और अफजाल खुद राजनीति करके आनंद लिए- बृजेश
इन सबके बीच बृजेश सिंह ने पहली बार मुख्तार अंसारी और उनके परिवार को लेकर बयान चर्चा में आ गया। बृजेश सिंह ने मुख्तार के बढ़े भाई अफजाल को लेकर बढ़ा आरोप लगाया है। पिछले दिनों एक पॉडकॉस्ट के दौरान बृजेश सिंह ने कहा कि अफजाल अंसारी अपनी राजनीति रोटी सेंकने के लिए मुख्तार अंसारी को अपराधी बनाकर पूरी जिंदगी जेल कटवाए। खुद राजनीति करके आनंद लेते रहे।
यही नहीं बृजेश सिंह ने अंसारी के परिवार के आजादी के आंदोलन से जुड़ाव को भी फर्जी करार दिया। उन्होंने कहा कि कभी मेजर उस्मान का नाम लेते हैं। ये रहने वाला यहां के नहीं हैं। यहां आकर बसे हैं, कहां से इनके पीढ़ी में वो आ गए। सब राजनैतिक लाभ के लिए अपने साम्राज्य को बढ़ाने के लिए बड़े-बड़े नामों को अपने साथ जोड़ लिए।
बृजेश सिंह ने कहा कि आप किसी गांव में हैं, किसी घर के भांजे हैं तो पूरा गांव ही आपका मामा हो गया। ऐसे ही इनके सब नाना हो गए। ये उपराष्ट्रपति को रिश्तेदार बताते हैं। उन्हीं का स्कूल इन्होंने कब्जा किया था, जब वो उपराष्ट्रपति बन गए तो ससम्मान वापस किया।
...बेचारा अभी से मुरझा जाएगा- अफजाल
बृजेश सिंह के इस आरोप पर अफजाल अंसारी का जवाबी पलटवार आया है। उन्होंने बृजेश सिंह का नाम तो नहीं लिया लेकिन तंज भरे अंदाज में कहा, "अभी तो शुरू किया है उन्होंने। आने दीजिए, खुलने दीजिए। हम अभी से बताने लगेंगे तो बेचारा अभी से मुरझा जाएगा।" अफजाल ने सवालिया लहजे में कहा कि हम वो नहीं हैं, जिसके यहां शरण लेंगे, उसी का नामोनिशान मिटा देंगे। क्या सूर्यदेव सिंह का नाम आप नहीं जानते? क्या वीरेंद्र सिंह टाटा का नाम आप नहीं जानते? क्या करंडा के गुड्डू सिंह का नाम आप नहीं जानते? किसको भट्टे में झोंक दिया गया आप नहीं जानते? कौन लोग थे। जहां शरण मिली, जिसकी मदद मिली उसके साथ छल किया। मुकदमे का सबसे बड़ पैरोकार वो ब्राह्मण जिसने सारा जीवन 'इनका' बस्ता ढोया। कैसे निर्ममतापूर्वक उसके घर पर चढ़कर उसको मारा गया। ये तो छल करने वाले लोग हैं।
अफजाल ने आगे कहा, "खुलने दीजिए। समाज में आइए वेलकम है। समाज में जो आता है, उसे अपने आचरण, व्यवहार से जवाब देना पड़ता है। आप महान हो, आप सक्षम हो। हमारी जांच तो हो रही है, लेकिन कभी जांच होगी। ईडी आज ही खत्म हो जाएगी। ये हजारों करोड़ की, लूट का जो साम्राज्य है उसका कोई हिसाब-किताब होगा।"
अफजाल ने कहा कि 'आप लोगों' की कृपादृष्टि रही। जब आपने चाहा पर्दे में छिपाए रहे। जब आप चाहें महिमामंडन कर रहे हैं। करिए। हमें उन 'महानुभाव' के बारे में कुछ कहना नहीं है।
अफजाल ने कहा, "जिस व्यक्ति को दंड मिलना चाहिए, उसका महिमामंडन किया जा रहा है। अगर न्यायालय मुझे भगोड़ा घोषित कर दे। मेरे ऊपर 5 लाख का ईनाम घोषित कर दिया जाए और मैं 20 साल फरार रहूं। अपराध करता रहूं, अपराध का साम्राज्य बनाता रहूं। अपना नाम बदल लूं, जिस पर विदेश जाने का पासपोर्ट बन जाए। हथियार का लाइसेंस बन जाए। जब मैं पकड़ा जाऊं तो कह दूं कि ये तो मेरे ही दोनों नाम हैं। जब आप फरार थे तो पासपोर्ट लाइसेंस किसने बना दिया? आपके पास इतनी संपत्ति कहां से आई?"
अफजाल ने कहा कि एक महाराज यहां हैं। दूसरे महाराज भी महाराज बन ही चुके हैं। हम तो पहले से कहते थे कि जिनक आप पाक साफ समझते थे, उनको दीजिए न शंकराचार्य की पदवीतो अब शुरू हो गई है।
You may also like
आयुर्वेद का खजाना है धातकी का पौधा, जानें इसके चमत्कारी फायदे
बिहार : तेज प्रताप ने मौसेरी बहन के साथ मनाया रक्षाबंधन, चार बहनों ने भेजी है राखी
जीईएम पर 3 करोड़ ऑर्डर्स के माध्यम से हुई करीब 15 लाख करोड़ रुपए की सरकारी खरीद : पीयूष गोयल
काबुल बिजली संकट के बीच अफ़ग़ानिस्तान की 10 अरब डॉलर की ऊर्जा योजना आत्मनिर्भरता का लक्ष्य रखती है
पीएम मोदी और पुतिन की फोन पर बातचीत, भारत-रूस संबंध और मजबूत करने पर सहमति