कैमूर: बिहार के कैमूर जिले में जिलाधिकारी सुनील कुमार ने एक साथ 23 कर्मचारियों की हाजिरी काट दी है। उनके वेतन पर रोक लगा दिया है। जिलाधिकारी सुनील कुमार सुबह के पांच बजे भभुआ के जगजीवन राम स्टेडियम पहुंचे। उसके बाद वहां होम गार्ड के फिजिकल परीक्षा का निरीक्षण किया। उसके बाद उन्होंने भारत माला परियोजना के तहत चल रहे काम की समीक्षा की। उसके बाद वे चैनपुर प्रखंड में औचक निरीक्षण करने पहुंच गए। वहां जाने के बाद जिलाधिकारी कार्यालय की स्थिति देखकर चौंक गए।
कर्मचारी रहे गायब
जिलाधिकारी ने पाया कि निरीक्षण के दौरान 23 कर्मचारी समय पर कार्यालय में नहीं आए थे। उसके अलावा वे ड्यूटी से गायब थे। जैसे ही जिलाधिकारी का काफिला चैनपुर कार्यालय परिसर पहुंचा, ब्लॉक एवं अंचल कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने सर्वप्रथम प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) के कार्यालय की जांच की, जहां वे अनुपस्थित पाए गए। तत्पश्चात सभी विभागों और कार्यालयों के हाजिरी रजिस्टर मंगवाया। उन्होंने सबकी हाजिरी को रद्द कर दिया।
वेतन काटने का आदेश
जिलाधिकारी ने मौके पर उपस्थित अनुमंडल पदाधिकारी, भभुआ सदर को निर्देशित किया कि सभी अनुपस्थित कर्मियों की एक दिन की हाजिरी काट दी जाए। निर्देशानुसार, अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी संबंधित कर्मियों की हाजिरी काट दी गई। प्रखंड विकास पदाधिकारी कार्यालय में 7 कर्मी अनुपस्थित पाए गए। अंचल अधिकारी कार्यालय में 7 कर्मी अनुपस्थित मिले। मनरेगा (प्रोग्राम ऑफिसर) कार्यालय में 5 कर्मी अनुपस्थित थे। सीडीपीओ कार्यालय में 4 कर्मी गैरहाजिर थे।
डीएम ने लगाई फटकार
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी अनुपस्थित कर्मियों का एक दिन का वेतन काटा जाए एवं उनसे कारण-पृच्छा (शोकॉज नोटिस) जारी कर जवाब तलब किया जाए। सुनील कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे स्वयं समय का कड़ाई से पालन करते हैं और यह अपेक्षा करते हैं कि जिले से लेकर पंचायत स्तर तक के सभी कर्मी समय पर कार्यालय पहुंचे और आमजन के कार्यों को गंभीरता एवं प्रतिबद्धता के साथ निष्पादित करें। जिलाधिकारी की यह पहल प्रशासनिक अनुशासन को सुदृढ़ करने तथा कार्य संस्कृति में सुधार लाने की दिशा में एक सशक्त कदम माना जा रहा है।
कर्मचारी रहे गायब
जिलाधिकारी ने पाया कि निरीक्षण के दौरान 23 कर्मचारी समय पर कार्यालय में नहीं आए थे। उसके अलावा वे ड्यूटी से गायब थे। जैसे ही जिलाधिकारी का काफिला चैनपुर कार्यालय परिसर पहुंचा, ब्लॉक एवं अंचल कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने सर्वप्रथम प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) के कार्यालय की जांच की, जहां वे अनुपस्थित पाए गए। तत्पश्चात सभी विभागों और कार्यालयों के हाजिरी रजिस्टर मंगवाया। उन्होंने सबकी हाजिरी को रद्द कर दिया।
वेतन काटने का आदेश
जिलाधिकारी ने मौके पर उपस्थित अनुमंडल पदाधिकारी, भभुआ सदर को निर्देशित किया कि सभी अनुपस्थित कर्मियों की एक दिन की हाजिरी काट दी जाए। निर्देशानुसार, अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी संबंधित कर्मियों की हाजिरी काट दी गई। प्रखंड विकास पदाधिकारी कार्यालय में 7 कर्मी अनुपस्थित पाए गए। अंचल अधिकारी कार्यालय में 7 कर्मी अनुपस्थित मिले। मनरेगा (प्रोग्राम ऑफिसर) कार्यालय में 5 कर्मी अनुपस्थित थे। सीडीपीओ कार्यालय में 4 कर्मी गैरहाजिर थे।
DM साहब ने पकड़ लिया 12 बजे लेट नहीं 3 बजे भेंट नहीं वाला खेल, एक साथ 23 कर्मचारियों पर गिराई गाज, वेतन रोका। कैमूर जिले का मामला #BreakingNews pic.twitter.com/hQOctbbp2E
— NBT Bihar (@NBTBihar) June 3, 2025
डीएम ने लगाई फटकार
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी अनुपस्थित कर्मियों का एक दिन का वेतन काटा जाए एवं उनसे कारण-पृच्छा (शोकॉज नोटिस) जारी कर जवाब तलब किया जाए। सुनील कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे स्वयं समय का कड़ाई से पालन करते हैं और यह अपेक्षा करते हैं कि जिले से लेकर पंचायत स्तर तक के सभी कर्मी समय पर कार्यालय पहुंचे और आमजन के कार्यों को गंभीरता एवं प्रतिबद्धता के साथ निष्पादित करें। जिलाधिकारी की यह पहल प्रशासनिक अनुशासन को सुदृढ़ करने तथा कार्य संस्कृति में सुधार लाने की दिशा में एक सशक्त कदम माना जा रहा है।
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