अगली ख़बर
Newszop

कौन हैं अमित अरोड़ा? जिन्होंने पहले चक्रवात से गुजरात को बचाया...अब स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के नीचे खींचीं बड़ी लकीर

Send Push
अहमदाबाद: कहावत है कि जो तूफानों से नहीं लड़ा वो क्या बड़ा हुआ? चुनौतियां ही व्यक्तित्व को निखारती हैं। गुजरात के आईएएस ऑफिसर अमित अरोड़ा पर ये लाइनें काफी हद तक सटीक बैठती हैं। जून, 2023 उन्होंने गुजरात के इतिहास के सबसे खतरनाक चक्रवात बिपरजॉय से मजबूती से मुकाबला करके बड़ी शोहरत अर्जित की थी। कच्छ में विनाशकारी तूफान के लैंडफाल के बाद भी कोई जनहानि नहीं हुई थी, तब उनकी अगुवाई में प्रशासन ने एनडीआरएफ के साथ मिलकर पूरी ताकत झोंक दी थी। अब उन्होंने फिर से विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' पर लौह पुरुष की 150वीं जयंती के सफल आयोजन ने बड़ी लकीर खींची है। अमित अरोड़ा वर्तमान में सीईओ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का दायित्व संभाल रहे हैं। यह दूसरा बड़ा मौका है जब अरोड़ा ने फिर से अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया है। पिछली बार की तरह इस बार भी मौसम ने उनकी खूब परीक्षा ली लेकिन उन्होंने देश को एकता में बांधने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती के कार्यक्रमों में कोई विघ्न नहीं आने दिया।


image

फिर से मौसम ने ली परीक्षा
आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि 31 अक्टूबर से पहले कई तीनों से गुजरात में बैमौसम बारिश हो रही थी। 30 अक्टूबर को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जाने के लिए वडोदरा एयरपोर्ट पर पहुंचे तो वह सड़क मार्ग से केवडिया पहुंचे। हाल के दिनों में मणिपुर दौरे के बाद प्रधानमंत्री ने दूसरी सड़क मार्ग से बारिश के बीच ट्रैवल किया, लेकिन बतौर सीईओ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी अमित अरोड़ा ने पूरी ताकत झोंकते हुए सुबह एकता दिवस की परेड और दूसरे कार्यक्रमों को संपन्न कराया। इसमें सूर्य किरण विमानों का एयर शो भी शामिल रहा। अभी 15 दिनों तब स्टैच्यू ऑफ यूनिटी उत्सव का केंद्र रहेगा। इस दौरान 100 से अधिक कार्यक्रम होंगे। ऐसे में अमित अरोड़ा को सरकार जिस उम्मीद के साथ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भेजा था। उस पर वह खरे उतरे हैं। गौरतलब हो कि सरदार पटेल की 150वीं जयंती के कार्यक्रम को मिन गणतंत्र दिवस के तौर देखा गया था। लौह पुरुष के परिवार के साथ करीब 12000 लोग एकता दिवस परेड देखने के लिए पहुंचे थे।





कौन हैं अमित अरोड़ा?
2012 बैच के आईएएस अधिकारी अमित अरोड़ा मूलरूप से उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले हैं। अरोड़ा ने बी. टेक और एम टेक की डुअल डिग्री ली है। आईआईटी बॉम्बे से पढ़े कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग के साथ छात्र रहे हैं। अरोड़ा की पत्नी का नाम प्रीति शर्मा है। बेहद लो प्रोफाइल और विवादों से दूर रहने वाले अमित अरोड़ा का कच्छ में बतौर कलेक्टर कामकाज काफी शानदार रहा था। यही वजह थी कि गुजरात सरकार ने अमित अरोड़ को सीईओ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाया था। अरोड़ा गुजरात के गोधरा में काम कर चुके हैं। वह राजकोट कमिश्नर भी रह चुके हैं।



अरोड़ा पर ही था दरोमदार

बतौर मुख्य प्रशासक अमित अरोड़ा के कंधों पर लौह पुरुष की 150वीं जयंती समारोह के कार्यक्रम के आयोजन का दायित्व था। अरोड़ा ने अपनी मेहनत से सीएम भूपेंद्र पटेल के साथ पीएम नरेंद्र मोदी का भी अपनी मेहनत से विश्वास हासिल किया है। वह बिपरजॉय चक्रवात के वक्त कच्छ में पीजीवीसीएल की ज्वाइंट एमडी थीं। अब वे वडाेदरा में तैनात हैं। अरोड़ा को करीब से जानने वाले कहते हैं कि उनकी सबसे बड़ी खूबी है कि वे काफी हार्ड वर्किंग हैं। ब्यूरोक्रेसी में भी उनके सीनियर अरोड़ा से काफी उम्मीदें रखते हैं।

You may also like

न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें