लखनऊ: माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद भी उसके परिवार पर योगी आदित्यनाथ सरकार का कानूनी शिकंजा ढीला नहीं पड़ रहा है। विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान चुनावी सभा में अफसरों को देख लेने की धमकी के मामले में मुख्तार के बड़े बेटे और सुभासपा के टिकट पर चुनाव जीते विधायक अब्बास अंसारी को सजा होने के बाद माफिया के परिवार की एक और सियासी ढाल ढह गई। यूपी विधानसभा ने कोर्ट के फैसले के आधार पर मऊ विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया है। 31 मई के प्रभाव से अब्बास अंसारी की विधायकी को खत्म बताया गया है। अब माफिया के परिवार में बड़े भाई अफजाल अंसारी के पास सांसदी और भतीजे सुहैब अंसारी के पास विधायकी है।
लगातार कस रहा है शिकंजामुख्तार अंसारी और उसके परिवार के लिए बचाव का काम करने वाले सियासी ढाल एक-एक करके ढह रही है। 2022 में माफिया मुख्तार अंसारी को 40 साल से ज्यादा लंबे आपराधिक इतिहास में पहली बार सजा हुई थी। एक के बाद एक हुई सजा ने माफिया की राजनैतिक जमीन को खत्म किया। इसके बाद उसके आपराधिक साम्राज्य के साथी परिवारवालों पर भी कानून का शिकंजा कसना शुरू हुआ।
2022 में पिता मुख्तार की सीट से अब्बास अंसारी ने विधायकी का चुनाव जीता, लेकिन उसके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों का मुसीबत बनना तय था। इसकी भूमिका 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले दिए गए भाषण ने पहले ही बना दी थी, जब अब्बास ने मंच से तत्कालीन सरकार और जिलों में तैनात अफसरों को देख लेने की चुनौती दी थी।
मनी लॉन्ड्रिंग केस में चार्जशीटअब्बास अंसारी के खिलाफ सिर्फ यही एक मामला नहीं है। इसके अलावा अब्बास अंसारी मनी लांड्रिंग के मुकदमे में भी फंसा हुआ है। जहां ईडी उसके खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर चुका है। निशानेबाजी की आड़ में अवैध हथियार रखने, फर्जीवाड़ा कर विदेश से हथियार लाने का मामला भी उस पर चल रहा है। मुख्तार की राजनैतिक विरासत को संभालने वाला कोई दावेदार फिलहाल नजर में नहीं है।
दरअसल, मुख्तार की पत्नी अफ्शां अंसारी भी मऊ और गाजीपुर पुलिस और ईडी की वॉन्टेड हैं। वहीं, मुख्तार के दूसरा बेटे उमर के खिलाफ दर्ज मामलों में भी कानूनी शिकंजा कसा जा रहा है। मुख्तार की बहू और अब्बास अंसारी की पत्नी निखत जेल में अब्बास से गैरकानूनी मुलाकातों के मामले में आरोपित है।
मुख्तार की पत्नी पर भी गंभीर मामलेमुख्तार की पत्नी अफ्शां अंसारी के खिलाफ गाजीपुर में गैंगस्टर ऐक्ट, जालसाजी, धोखाधड़ी, चोरी और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम जैसी गंभीर धाराओं के 11 मामले दर्ज हैं। इसके अलावा एक केस ईडी में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है। इनमें से आठ मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। इसी तरह छोटे बेटे उमर अंसारी के खिलाफ लखनऊ, मऊ, गाजीपुर में जालसाजी, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, आर्म्स ऐक्ट के छह मामले दर्ज हैं और सभी ट्रायल पर हैं।
अफजाल अंसारी पर पांच मामलेमाफिया मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी के खिलाफ पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से गैंगस्टर ऐक्ट के एक मामले में उन्हें चार साल की सजा हुई थी। उनकी सदस्यता भी चली गई थी। लेकिन, उन्होंने सजा के खिलाफ उच्च अदालत में अपील की, जिसके बाद उन्हें राहत मिल गई और सदस्यता बच गई।
लगातार कस रहा है शिकंजामुख्तार अंसारी और उसके परिवार के लिए बचाव का काम करने वाले सियासी ढाल एक-एक करके ढह रही है। 2022 में माफिया मुख्तार अंसारी को 40 साल से ज्यादा लंबे आपराधिक इतिहास में पहली बार सजा हुई थी। एक के बाद एक हुई सजा ने माफिया की राजनैतिक जमीन को खत्म किया। इसके बाद उसके आपराधिक साम्राज्य के साथी परिवारवालों पर भी कानून का शिकंजा कसना शुरू हुआ।
2022 में पिता मुख्तार की सीट से अब्बास अंसारी ने विधायकी का चुनाव जीता, लेकिन उसके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों का मुसीबत बनना तय था। इसकी भूमिका 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले दिए गए भाषण ने पहले ही बना दी थी, जब अब्बास ने मंच से तत्कालीन सरकार और जिलों में तैनात अफसरों को देख लेने की चुनौती दी थी।
मनी लॉन्ड्रिंग केस में चार्जशीटअब्बास अंसारी के खिलाफ सिर्फ यही एक मामला नहीं है। इसके अलावा अब्बास अंसारी मनी लांड्रिंग के मुकदमे में भी फंसा हुआ है। जहां ईडी उसके खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर चुका है। निशानेबाजी की आड़ में अवैध हथियार रखने, फर्जीवाड़ा कर विदेश से हथियार लाने का मामला भी उस पर चल रहा है। मुख्तार की राजनैतिक विरासत को संभालने वाला कोई दावेदार फिलहाल नजर में नहीं है।
दरअसल, मुख्तार की पत्नी अफ्शां अंसारी भी मऊ और गाजीपुर पुलिस और ईडी की वॉन्टेड हैं। वहीं, मुख्तार के दूसरा बेटे उमर के खिलाफ दर्ज मामलों में भी कानूनी शिकंजा कसा जा रहा है। मुख्तार की बहू और अब्बास अंसारी की पत्नी निखत जेल में अब्बास से गैरकानूनी मुलाकातों के मामले में आरोपित है।
मुख्तार की पत्नी पर भी गंभीर मामलेमुख्तार की पत्नी अफ्शां अंसारी के खिलाफ गाजीपुर में गैंगस्टर ऐक्ट, जालसाजी, धोखाधड़ी, चोरी और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम जैसी गंभीर धाराओं के 11 मामले दर्ज हैं। इसके अलावा एक केस ईडी में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है। इनमें से आठ मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। इसी तरह छोटे बेटे उमर अंसारी के खिलाफ लखनऊ, मऊ, गाजीपुर में जालसाजी, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, आर्म्स ऐक्ट के छह मामले दर्ज हैं और सभी ट्रायल पर हैं।
अफजाल अंसारी पर पांच मामलेमाफिया मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी के खिलाफ पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से गैंगस्टर ऐक्ट के एक मामले में उन्हें चार साल की सजा हुई थी। उनकी सदस्यता भी चली गई थी। लेकिन, उन्होंने सजा के खिलाफ उच्च अदालत में अपील की, जिसके बाद उन्हें राहत मिल गई और सदस्यता बच गई।
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