लखनऊ: 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद यूपी से सटे नेपाल बॉर्डर से आतंकियों व देशविरोधी तत्वों की घुसपैठ की आशंका को देखते हुए सतर्कता व निगरानी और सख्त कर दी गई है। एसएसबी और एसआईबी की मदद के लिए अतिरिक्त पुलिस फोर्स दी गई है। साथ ही सिंचाई व वन विभाग के लोगों को भी सर्च अभियान में लगाया गया है। नेपाल से लगे यूपी के जिलों में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान ने अवैध घुसपैठ और अपराधियों के बॉर्डर पर शरण लेने के मामलों में लगाम कसी है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इससे आंतरिक सुरक्षा को और मजबूती मिलेगी। CCTV कैमरों से नजरयूपी की नेपाल से 570 किलोमीटर की सीमा जुड़ी है। इनमें सर्वाधिक 120 किलोमीटर की सीमा लखीमपुर खीरी से जुड़ी है। नेपाल सीमा से सटे सात जिलों महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी व पीलीभीत के 30 थाने बॉर्डर पर स्थित हैं। इन जिलों में नेपाल से 10 किलोमीटर के क्षेत्र में 980 गांव बसे हैं और यहां 970 ग्राम सुरक्षा समितियां गठित हैं। नेपाल सीमा पर लगे 151 सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निरंतर निगरानी की जा रही है। नेपाल सीमा पर स्थापित 110 चेक पोस्ट पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर सघन चेकिंग के निर्देश दिए गए हैं। यहां 78 संयुक्त चेक पोस्टों पर पुलिस के अलावा एसएसबी, कस्टम व आइबी के अधिकारी भी निगरानी में लगे हैं। जांचे जा रहे दस्तावेजएसएसबी के एक अधिकारी के मुताबिक, नेपाल बॉर्डर से 30 से 40 संदिग्धों के देश में घुसने का इनपुट मिलने के बाद बॉर्डर व जंगल के क्षेत्रों में कॉम्बिंग, पेट्रोलिंग तेज कर दी गई है। रुपइडीहा बॉर्डर पर आने-जाने वाले लोगों की गहन तलाशी व दस्तावेज को देखने के बाद प्रवेश दिया जा रहा है। हालांकि इससे आनेजाने वालों को समय लग रहा है, लेकिन एजेंसियां सुरक्षा को लेकर किसी तरह के समझौते के मूड में नहीं दिख रहीं। श्रावस्ती में नेपाल बॉर्डर से लगने वाली सीमा व जंगलों में भी एसएसबी हाई अलर्ट पर है। SSB की मदद के लिए PAC भी तैनातमहराजगंज में स्थित भारत-नेपाल की 84 किमी लंबी सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। सोनौली स्थित बॉर्डर पर एसएसबी के साथ ही स्थानीय पुलिस भी सतर्क और चौकन्ना हो गई है। खुफिया तंत्र की टीमें भी बॉर्डर पर डेरा जमाए हैं और गृह मंत्रालय से लगातार संपर्क में हैं। बॉर्डर पर प्रवेश करने वालों को मेटल डिटेक्टर से गुजरकर ही प्रवेश करने दिया जा रहा है, साथ ही डॉग स्क्वॉड के जरिए भी सामानों की सघन जांच की जा रही है। थर्मल स्कैनर के अलावा CCTV पर दिन-रात आंखें गड़ाए रखने के लिए कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिए गए हैं। सिद्धार्थनगर में भी कृष्णानगर बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी गई है। यहां एसएसबी जवानों के सहयोग के लिए पीएसी को भी तैनात किया गया है। यहां भी भारत में प्रवेश करने वालों के जरूरी दस्तावेज चेक किए जा रहे हैं। 'बरती जा रही है 24 घंटे सतर्कता'लखीमपुर व पीलीभीत स्थित नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा इंतजामों को लेकर डीआईजी सेक्टर मुख्यालय के विक्रमन ने बताया कि लखीमपुर व पीलीभीत सेक्टर मुख्यालय इसे लेकर 24 घंटे सतर्क है। भारत से नेपाल व चीन से नेपाल के कई रास्तों से ट्रेड व ट्रांजिट को लेकर बराबर बड़ी संख्या में आवागमन होता है। इन रास्तों से आतंकवादी या कोई संदिग्ध प्रवेश न करने पाए इसके लिए सघन पेट्रोलिंग जारी है। उपसेनानायक ब्रजेश ने बताया कि पांच बटालियन एसएसबी सेक्टर मुख्यालय लखीमपुर से अटैच हैं। गौरीफंटा के पास बॉर्डर की सुरक्षा एसएसबी सेक्टर मुख्यालय पीलीभीत की है। एसएसबी, नेपाल सशस्त्र बल, नेपाल पुलिस और यूपी पुलिस संयुक्त रूप से पेट्रोलिंग कर रही है।
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