नई दिल्ली: ईरान से ऑपरेशन सिंधु के तहत बचाकर निकाले गए 110 स्टूडेंट्स गुरुवार तड़के करीब 3 बजे दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे। यहां एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही सभी ने भारत सरकार और एंबेसी की जमकर तारीफ की, लेकिन इनमें से करीब 75 स्टूडेंट्स जम्मू-कश्मीर के थे, जो घंटों एयरपोर्ट पर फंसे रहे। वजह थी उन्हें कश्मीर ले जाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से भेजी गई बसों की बेहद खराब हालत।
स्टूडेंट सीरत ने बताया, हम लोग 12 घंटे का सफर करके यहां तक पहुंचे हैं। अब इस हालत वाली बस से जम्मू-कश्मीर जाने की हिम्मत नहीं बची है। छात्रों ने बताया कि भारत सरकार और एंबेसी ने बेहद जल्दी और बेहतर इंतजाम करके ईरान से उन्हें सुरक्षित दिल्ली पहुंचाया। हम चार दिन से ईरान में बहुत मुश्किल में थे। कैश नहीं था, बैंक बंद हो चुके थे। पास की बिल्डिंग पर मिसाइल अटैक हो रहा था। अब अपने देश पहुंचकर सुकून मिला है।
राज्य सरकार की बसों की हालत थी खराब!छात्रों ने जम्मू-कश्मीर स्टेट सरकार की तरफ से भेजी गई बसों की हालत देखकर सफर करने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि सेंट्रल गवर्नमेंट ने हमें ईरान से हिंदुस्तान तक पहुंचाने में एक भी कसर नहीं छोड़ी। रास्ते में सुरक्षा दी गई, सभी जरूरी सुविधा दी गई। लेकिन अब दिल्ली एयरपोर्ट से घर ले जाने के लिए जो बसें भेजी गईं, वो बहुत ही खराब थीं।
अस्पताल की बिल्डिंग में रह रहे थे छात्रकरीब 10 घंटे इंतजार के बाद आखिरकार एसी बसें एयरपोर्ट पहुंचीं, तब जाकर जम्मू-कश्मीर के सभी छात्र दोपहर एक बजे के बाद अपने घर के लिए रवाना हो सके। स्टूडेंट्स ने बताया कि चूंकि वे मेडिकल के छात्र हैं, इसलिए हॉस्पिटल की बिल्डिंग में रह रहे थे। चार दिन पहले से वहां हालात और भी खराब हो गए थे। हमारे पास कैश खत्म हो गया था, बैंक बंद थे। लेकिन भारत सरकार ने बेहतरीन इंतजाम कर पहले फेज में 110 स्टूडेंट्स को बचाया। अब जो बाकी लोग वहां हैं, उन्हें भी जल्द से जल्द वापस लाया जाना चाहिए।
स्टूडेंट सीरत ने बताया, हम लोग 12 घंटे का सफर करके यहां तक पहुंचे हैं। अब इस हालत वाली बस से जम्मू-कश्मीर जाने की हिम्मत नहीं बची है। छात्रों ने बताया कि भारत सरकार और एंबेसी ने बेहद जल्दी और बेहतर इंतजाम करके ईरान से उन्हें सुरक्षित दिल्ली पहुंचाया। हम चार दिन से ईरान में बहुत मुश्किल में थे। कैश नहीं था, बैंक बंद हो चुके थे। पास की बिल्डिंग पर मिसाइल अटैक हो रहा था। अब अपने देश पहुंचकर सुकून मिला है।
राज्य सरकार की बसों की हालत थी खराब!छात्रों ने जम्मू-कश्मीर स्टेट सरकार की तरफ से भेजी गई बसों की हालत देखकर सफर करने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि सेंट्रल गवर्नमेंट ने हमें ईरान से हिंदुस्तान तक पहुंचाने में एक भी कसर नहीं छोड़ी। रास्ते में सुरक्षा दी गई, सभी जरूरी सुविधा दी गई। लेकिन अब दिल्ली एयरपोर्ट से घर ले जाने के लिए जो बसें भेजी गईं, वो बहुत ही खराब थीं।
अस्पताल की बिल्डिंग में रह रहे थे छात्रकरीब 10 घंटे इंतजार के बाद आखिरकार एसी बसें एयरपोर्ट पहुंचीं, तब जाकर जम्मू-कश्मीर के सभी छात्र दोपहर एक बजे के बाद अपने घर के लिए रवाना हो सके। स्टूडेंट्स ने बताया कि चूंकि वे मेडिकल के छात्र हैं, इसलिए हॉस्पिटल की बिल्डिंग में रह रहे थे। चार दिन पहले से वहां हालात और भी खराब हो गए थे। हमारे पास कैश खत्म हो गया था, बैंक बंद थे। लेकिन भारत सरकार ने बेहतरीन इंतजाम कर पहले फेज में 110 स्टूडेंट्स को बचाया। अब जो बाकी लोग वहां हैं, उन्हें भी जल्द से जल्द वापस लाया जाना चाहिए।
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