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'चार बार बयान लिए, कार्रवाई के बदले फटकार मिली', एक महीने बाद भी भोपाल में छेड़छाड़ की शिकायत पर FIR नहीं

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भोपाल: प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान टॉप रैंकर्स के फाउंडर हर्ष गगरानी, करण और उनके कर्मचारी शाहनवाज खान पर छेड़छाड़ और हैरेसमेंट के आरोपों को एक महीना बीत चुका है, लेकिन अब तक FIR दर्ज नहीं हो सकी है। मामला 9 अक्टूबर को एमपी नगर थाने में दर्ज शिकायत से जुड़ा है। पुलिस की जांच अब भी जारी है और दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई तय नहीं हो पाई है।


पीड़िता ने लगाए लापरवाही और धमकी के आरोपवहीं, 24 वर्षीय पीड़िता, जो अब एमपी नगर की एक लॉ कोचिंग में कार्यरत है। उसने बताया कि पिछले एक महीने में उसे चार बार थाने बुलाकर बयान लिए गए, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। उनका कहना है कि उसे 'दीपावली जेल में कटवाने' तक की धमकी दी गई और इसके प्रमाण भी पुलिस को सौंपे गए, फिर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।


एसीपी ऑफिस में फटकार लगाईपीड़िता ने कहा कि पुलिस मुझसे बार-बार बयान ले रही है, पर FIR दर्ज नहीं कर रही। एसीपी ऑफिस गई तो मुझे ही फटकार लगाई गई कि बार-बार क्यों आती हो। उसने अब डीसीपी ऑफिस, सीएम हेल्पलाइन और डीजीपी तक शिकायत पहुंचाई है और कहा कि जरूरत पड़ी तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।


आरोप: ‘बैड टच’ और अनर्गल बातेंयुवती ने बताया कि जब वह टॉप रैंकर्स में कार्यरत थी, तब तीनों आरोपी उसके साथ बैड टच और अशोभनीय बातें करते थे। इसी कारण उसने 3 सितंबर 2025 को संस्थान छोड़ दिया था। हालांकि, उसके अनुसार, संस्थान छोड़ने के बाद भी उस पर वापस लौटने का दबाव बनाया गया।

झूठे आरोप, डेटा चोरी का मामला पहले से दर्जइस मामले में टॉप रैंकर्स के फाउंडर हर्ष गगरानी ने सभी आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा है कि युवती ने संस्थान छोड़ने से पहले हमारा महत्वपूर्ण डेटा प्रतिद्वंदी कोचिंग को दिया था। हमने पहले ही डेटा चोरी की शिकायत थाने में की थी। इसके बाद युवती ने झूठे आरोप लगाकर मामले को पलटने की कोशिश की।

गगरानी का कहना है कि उनके पास 150 से अधिक महिला कर्मचारी हैं और अब तक कभी ऐसी कोई शिकायत नहीं हुई। उन्होंने बताया कि पुलिस को उन्होंने डेटा चोरी और डिफेमेशन से जुड़े सभी सबूत सौंप दिए हैं।

दोनों पक्षों के बयान दर्जकेस की जांच कर रहे एसीपी मनीष भारद्वाज ने बताया कि दोनों पक्षों के कथन दर्ज कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मामले के सभी पहलुओं की जांच जारी है। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। वहीं, मामले को एक महीना बीत चुका है, लेकिन FIR दर्ज न होने और कार्रवाई में देरी से पीड़िता नाराज है। पुलिस का कहना है कि जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।
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