नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में दिल्ली की क्राइम बांच को बड़े अपराधी को पकड़ने में बड़ी सफलता मिली है। दरअसल, पिछले महीने बिहार की सीतामढ़ी कोर्ट ने मर्डर समेत कई धाराओं में एक बदमाश को उम्रकैद की सजा दी थी। वह तब से फरार चल रहा था और दिल्ली में छिपा हुआ था। कोर्ट ने सजा की तामील के लिए 3 सितंबर को वॉरंट जारी किया था। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अब इसे पकड़ लिया है, जिसकी शिनाख्त विजय कुमार महतो (27) के तौर पर हुई है। इस पर हत्या, कातिलाना हमले, लूट और जबरन वसूली जैसे 14 गंभीर केस हैं।
ऐसे दबोचा गया खूंखार
डीसीपी (क्राइम) संजीव यादव के मुताबिक, बिहार में वॉन्टेड बदमाश विजय कुमार महतो के दिल्ली मैं होने के इनपुट मिले थे। एसीपी पंकज अरोड़ा की देखरेख में बनी एसआई अरविंद कुमार, हेड कॉन्स्टेबल रविंदर, नितिन और भूपेंद्र की टीम बनाई गई। टेक्निकल सर्विलांस और लोकल इंटेलिजेंस से इसकी लोकेशन मिल गई तो इसे दबोच लिया गया। यह सीतामढ़ी के कन्हौली थाना इलाके के अररिया गांव का रहने वाला है।
हत्या के केस में हुई थी उम्रकैद
ये अपने गैंग का सरगना है। सीतामढ़ी जिला कोर्ट से हत्या समेत कई धाराओं में 3 सितंबर को उम्रकैद की सजा हुई थी। दरअसल ये कारोबारी अनिल महतो से लगातार रंगदारी मांग रहा था, जिसने देने से इनकार कर दिया। ये अपने साथियों समेत 19 मार्च 2020 को उनकी दुकान में पहुंचा और चार गोलियां मार कर हत्या कर दी। इस मामले में कोर्ट ने 28 अगस्त को सात आरोपियों को दोषी करार दिया था। यह तब से फरार था।
ऐसे दबोचा गया खूंखार
डीसीपी (क्राइम) संजीव यादव के मुताबिक, बिहार में वॉन्टेड बदमाश विजय कुमार महतो के दिल्ली मैं होने के इनपुट मिले थे। एसीपी पंकज अरोड़ा की देखरेख में बनी एसआई अरविंद कुमार, हेड कॉन्स्टेबल रविंदर, नितिन और भूपेंद्र की टीम बनाई गई। टेक्निकल सर्विलांस और लोकल इंटेलिजेंस से इसकी लोकेशन मिल गई तो इसे दबोच लिया गया। यह सीतामढ़ी के कन्हौली थाना इलाके के अररिया गांव का रहने वाला है।
हत्या के केस में हुई थी उम्रकैद
ये अपने गैंग का सरगना है। सीतामढ़ी जिला कोर्ट से हत्या समेत कई धाराओं में 3 सितंबर को उम्रकैद की सजा हुई थी। दरअसल ये कारोबारी अनिल महतो से लगातार रंगदारी मांग रहा था, जिसने देने से इनकार कर दिया। ये अपने साथियों समेत 19 मार्च 2020 को उनकी दुकान में पहुंचा और चार गोलियां मार कर हत्या कर दी। इस मामले में कोर्ट ने 28 अगस्त को सात आरोपियों को दोषी करार दिया था। यह तब से फरार था।
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