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भारत की उम्मीद अभी जिंदा है, अमेरिका की किस धमकी पर बोला भारत?

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नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा लगातार भारत को टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी जा रही है। लेकिन भारत को यूएस के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य पर पूरा भरोसा है। इसमें रक्षा सहयोग भी शामिल है। विदेश मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि दोनों देशों के साझा हितों के लिए द्विपक्षीय संबंध जारी रहेंगे।



अमेरिका ने डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली आगामी बैठक के परिणाम को लेकर फिर भारत धमकाने का प्रयास किया है। व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि यदि विफल होती है, तो भारत पर और अधिक टैरिफ लगाया जाएगा। वहीं भारत सरकार ने आधिकरिक बयान जारी करते हुए कहा है कि भारत उन ठोस मुद्दों पर ध्यान दे रहा है, जिनके लिए दोनों देशों ने प्रतिबद्धता जताई है। भारत ने उम्मीद जताई है कि साझा हितों के लिए भारत-अमेरिका के बीच संबंध आगे बढ़ते रहेंगे।



भारत-अमेरिका में वैश्विक रणनीतिक साझेदारी: विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं। यह साझेदारी साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और मजबूत लोगों से लोगों के संबंधों पर आधारित है। उन्होंने दोहराया कि इस साझेदारी ने कई बदलावों और चुनौतियों का सामना किया है।



रक्षा सहयोग पर टैरिफ विवाद का असर के सवाल पर रणधीर जायसवाल ने कहा, भारत-अमेरिका रक्षा समझौता मूल रक्षा समझौतों पर आधारित है। उन्होंने कहा, यह द्विपक्षीय साझेदारी का महत्वपूर्ण स्तंभ है। उन्होंने निरंतर रक्षा सहयोग के बारे में जानकारी के लिए आगामी द्विपक्षीय आदान-प्रदानों की भी सूची दी।



विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, यह मजबूत सहयोग सभी क्षेत्रों में मजबूत हुआ है। हमें उम्मीद है कि अगस्त में एक अमेरिकी रक्षा नीति टीम दिल्ली चर्चा के लिए होगी। संयुक्त सैन्य अभ्यास, युद्ध अभ्यास का 21वां संस्करण इस महीने के अंत में अलास्का में होने की उम्मीद है। दोनों पक्ष महीने के अंत में कार्य-स्तर पर 2+2 अंतर-सत्रीय बैठक बुलाने के लिए लगे हुए हैं।'



रणधीर जायसवाल अमेरिकी वित्त सचिव स्कॉट बेसेंट की उन टिप्पणियों का भी जवाब दे रहे थे कि ट्रंप प्रशासन भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने पर विचार कर रहा है।



वैकल्पिक मुद्रा भारत का एजेंडा नहीं: विदेश मंत्रालय

ब्रिक्स देशों के लिए वैकल्पिक मुद्रा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह भारत के एजेंडे में नहीं है। जायसवाल ने कहा, "हमने इस मुद्दे पर पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। डी-डॉलरीकरण भारत के वित्तीय एजेंडे का हिस्सा नहीं है।" भारत अगले साल ब्रिक्स की अध्यक्षता के लिए तैयारी कर रहा है। वहीं ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध के बीच डी-डॉलरीकरण पर जोर दे रहे हैं।

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