अभिषेक कुमार झा, वाराणसी: सावन से पहले ही इस बार बनारस (वाराणसी) में गंगा का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है। बीते 48 घंटों के अंदर 2 मीटर से ज्यादा गंगा का जलस्तर बढ़ा है। जलस्तर बढ़ने का असर ये हुआ कि बनारस के सभी घाटो का आपसी संपर्क पूरी तरह से खत्म हो गया है। साथी ही नौका संचालन पर भी रोक लगा दी गई है।
गंगा का पानी अब लगातार सीढ़ियों पर ऊपर आता जा रहा है। ऐसे में नाविकों, पुरोहितों और घाट पर पर्यटकों पर आश्रित छोटे दुकानदारों को अपने कमाई के घटने की चिंता सता रही है। बहाव और बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने शुक्रवार से सभी छोटे बड़े मोटर बोट और नाव के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। सावन पर आने वाले कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए घाट किनारे जल पुलिस और एनडीआरएफ को विशेष सतर्कता बरतने की हिदायत पुलिस कमिश्नर की तरफ से विभागों को दी गई है।
गंगा नदी का जलस्तर बढ़ रहामंगलवार की रात 8 बजे जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गंगा का जलस्तर 63.34 मीटर था और जलस्तर बढ़ने की रफ्तार 6 सेंटीमीटर प्रति घंटे थी। गुरुवार की रात 8 बजे जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जलस्तर 48 घंटे में 2 मीटर बंढ़ कर 65.40 मीटर तक पहुंच गया। गुरुवार की रात गंगा के बढ़ने की रफ्तार 4 सेंटीमीटर प्रति घंटे दर्ज की गई। आशंका जताई जा रही है कि फिलहाल गंगा नदी के जलस्तर में स्थिरता या कमी होने के कोई आसार नहीं है।
पर्यटक न होने से कमाई पर असरअस्सी घाट पर नाव संचालन करने वाले आकाश साहनी बताते है कि इस बार सावन महीने के पहले ही गंगा का पानी घाट की सीढ़ियों के ऊपर आ गया है। अभी पूरा सावन और भादो मास बचा है। छोटे बड़े सभी मोटर बोट और बजरो के संचालन पर रोक लगा दी गयी है। ऐसे में सावन से पहले ही हम लोगों की कमाई पर असर पड़ रहा है।
वहीं घाट पुरोहित बलराम मिसरा ने कहा कि सावन के पहले ही घाट जलमग्न हो गए है। ऐसे में श्रावण मास में आने वाले श्रद्धालुओं की पूजा-पाठ कराने के लिए हमारे पास जगह की काफी कमी हो रही है। जगह कम होने की वजह से घाट पर छोटे-छोटे दुकानदारों को भी विस्थापित होना पड़ रहा है।
विशेष सतर्कता बरतने की हिदायतपुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने शुक्रवार को जल पुलिस, एनडीआरएफ समेत घाट से लगे पुलिस चौकियों को विशेष निर्देश दिए है। सावन का पहला दिन होने की वजह से घाट पर कांवड़ियों और दर्शनार्थियों के आगमन को देखते हुए विभागों को घाट पर लगातार नजर बनाए रखने की हिदायत दी गई है।
गंगा का पानी अब लगातार सीढ़ियों पर ऊपर आता जा रहा है। ऐसे में नाविकों, पुरोहितों और घाट पर पर्यटकों पर आश्रित छोटे दुकानदारों को अपने कमाई के घटने की चिंता सता रही है। बहाव और बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने शुक्रवार से सभी छोटे बड़े मोटर बोट और नाव के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। सावन पर आने वाले कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए घाट किनारे जल पुलिस और एनडीआरएफ को विशेष सतर्कता बरतने की हिदायत पुलिस कमिश्नर की तरफ से विभागों को दी गई है।
गंगा नदी का जलस्तर बढ़ रहामंगलवार की रात 8 बजे जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गंगा का जलस्तर 63.34 मीटर था और जलस्तर बढ़ने की रफ्तार 6 सेंटीमीटर प्रति घंटे थी। गुरुवार की रात 8 बजे जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जलस्तर 48 घंटे में 2 मीटर बंढ़ कर 65.40 मीटर तक पहुंच गया। गुरुवार की रात गंगा के बढ़ने की रफ्तार 4 सेंटीमीटर प्रति घंटे दर्ज की गई। आशंका जताई जा रही है कि फिलहाल गंगा नदी के जलस्तर में स्थिरता या कमी होने के कोई आसार नहीं है।
पर्यटक न होने से कमाई पर असरअस्सी घाट पर नाव संचालन करने वाले आकाश साहनी बताते है कि इस बार सावन महीने के पहले ही गंगा का पानी घाट की सीढ़ियों के ऊपर आ गया है। अभी पूरा सावन और भादो मास बचा है। छोटे बड़े सभी मोटर बोट और बजरो के संचालन पर रोक लगा दी गयी है। ऐसे में सावन से पहले ही हम लोगों की कमाई पर असर पड़ रहा है।
वहीं घाट पुरोहित बलराम मिसरा ने कहा कि सावन के पहले ही घाट जलमग्न हो गए है। ऐसे में श्रावण मास में आने वाले श्रद्धालुओं की पूजा-पाठ कराने के लिए हमारे पास जगह की काफी कमी हो रही है। जगह कम होने की वजह से घाट पर छोटे-छोटे दुकानदारों को भी विस्थापित होना पड़ रहा है।
विशेष सतर्कता बरतने की हिदायतपुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने शुक्रवार को जल पुलिस, एनडीआरएफ समेत घाट से लगे पुलिस चौकियों को विशेष निर्देश दिए है। सावन का पहला दिन होने की वजह से घाट पर कांवड़ियों और दर्शनार्थियों के आगमन को देखते हुए विभागों को घाट पर लगातार नजर बनाए रखने की हिदायत दी गई है।
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