लखनऊ: बिहार विधानसभा चुनाव के गर्माए माहौल के बीच मंगलवार को एक दिलचस्प नजारा देखने को मिला। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पटना एयरपोर्ट पर एक साथ दिखाई दिए। अक्सर सोशल मीडिया और राजनीतिक मंचों पर एक-दूसरे के खिलाफ तीखी बयानबाजी करने वाले ये दोनों नेता इस बार मुस्कुराते और हाथ मिलाते हुए नजर आए। इससे एयरपोर्ट पर मौजूद लोगों के बीच उत्सुकता का माहौल बन गया। इस क्षण का वीडियो किसी ने बना लिया। अब यह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दरअसल, बिहार में पहले चरण के मतदान के लिए प्रचार अभियान का समापन हो गया। 6 नवंबर को पहले फेज की वोटिंग है। उससे पहले तमाम राजनीतिक दलों ने प्रचार मैदान में पूरा जोर लगाया है।
एयरपोर्ट पर साथ दिखे प्रतिद्वंदीपटना एयरपोर्ट से सामने आई दो तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। इन तस्वीरों में अखिलेश यादव और केशव प्रसाद मौर्य हंसते हुए एक-दूसरे का अभिवादन करते नजर आ रहे हैं। दोनों के साथ उनके समर्थक और सुरक्षा कर्मी भी मौजूद थे। राजनीतिक गलियारों में इन तस्वीरों को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कोई इसे 'राजनीतिक शालीनता' कह रहा है तो कोई 'राजनीतिक संयोग' बता रहा है।
दोनों नेता का अलग-अलग प्रचारदरअसल, अखिलेश यादव राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और महागठबंधन के उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे हैं, जबकि केशव प्रसाद मौर्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवारों के समर्थन में रैलियां कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में एक-दूसरे के सख्त राजनीतिक विरोधी होने के बावजूद दोनों नेताओं का एक मंच पर यूं मिलना बिहार चुनाव में एक दिलचस्प क्षण बन गया।
औरंगाबाद में अखिलेश यादव की रैलीपटना पहुंचने के बाद अखिलेश यादव ने औरंगाबाद में महागठबंधन उम्मीदवारों के समर्थन में जनसभा की। रैली में उन्होंने भाजपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा के लोग सिर्फ नाम बदलने की राजनीति करते हैं। यूपी में मैंने देखा है, ये लोग पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट तक बदल देते हैं। क्या ऐसे लोगों पर भरोसा किया जा सकता है?
अखिलेश यादव ने कहा कि यह चुनाव जनता पहले ही तय कर चुकी है। इस बार बिहार में बदलाव होना तय है। जनता ने बीजेपी को सबक सिखाने का मन बना लिया है। 20 साल का हिसाब और केंद्र की 10 साल की सरकार का जवाब देना होगा।
उन्होंने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि इन्होंने कहा था कि किसानों की आय दोगुनी करेंगे, 2 करोड़ युवाओं को नौकरी देंगे। लेकिन आज तक कितनों को रोजगार मिला? जब तेजस्वी यादव ने बिहार में नौकरी देने की बात की, तो ये लोग घबरा गए। क्योंकि नौकरी देना इनके एजेंडे में है ही नहीं।
केशव मौर्य ने भी कसा तंजदूसरी ओर, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी बिहार में एनडीए के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने बिहार में विकास की नई इबारत लिखी है और जनता इस बार फिर से 'मोदी-नीतीश' की जोड़ी पर भरोसा जताएगी। दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होना है, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी।
एयरपोर्ट पर साथ दिखे प्रतिद्वंदीपटना एयरपोर्ट से सामने आई दो तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। इन तस्वीरों में अखिलेश यादव और केशव प्रसाद मौर्य हंसते हुए एक-दूसरे का अभिवादन करते नजर आ रहे हैं। दोनों के साथ उनके समर्थक और सुरक्षा कर्मी भी मौजूद थे। राजनीतिक गलियारों में इन तस्वीरों को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कोई इसे 'राजनीतिक शालीनता' कह रहा है तो कोई 'राजनीतिक संयोग' बता रहा है।
दोनों नेता का अलग-अलग प्रचारदरअसल, अखिलेश यादव राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और महागठबंधन के उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे हैं, जबकि केशव प्रसाद मौर्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवारों के समर्थन में रैलियां कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में एक-दूसरे के सख्त राजनीतिक विरोधी होने के बावजूद दोनों नेताओं का एक मंच पर यूं मिलना बिहार चुनाव में एक दिलचस्प क्षण बन गया।
औरंगाबाद में अखिलेश यादव की रैलीपटना पहुंचने के बाद अखिलेश यादव ने औरंगाबाद में महागठबंधन उम्मीदवारों के समर्थन में जनसभा की। रैली में उन्होंने भाजपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा के लोग सिर्फ नाम बदलने की राजनीति करते हैं। यूपी में मैंने देखा है, ये लोग पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट तक बदल देते हैं। क्या ऐसे लोगों पर भरोसा किया जा सकता है?
अखिलेश यादव ने कहा कि यह चुनाव जनता पहले ही तय कर चुकी है। इस बार बिहार में बदलाव होना तय है। जनता ने बीजेपी को सबक सिखाने का मन बना लिया है। 20 साल का हिसाब और केंद्र की 10 साल की सरकार का जवाब देना होगा।
उन्होंने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि इन्होंने कहा था कि किसानों की आय दोगुनी करेंगे, 2 करोड़ युवाओं को नौकरी देंगे। लेकिन आज तक कितनों को रोजगार मिला? जब तेजस्वी यादव ने बिहार में नौकरी देने की बात की, तो ये लोग घबरा गए। क्योंकि नौकरी देना इनके एजेंडे में है ही नहीं।
केशव मौर्य ने भी कसा तंजदूसरी ओर, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी बिहार में एनडीए के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने बिहार में विकास की नई इबारत लिखी है और जनता इस बार फिर से 'मोदी-नीतीश' की जोड़ी पर भरोसा जताएगी। दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होना है, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी।
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