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देहरादून: छेड़खानी का आरोपी युवक कोर्ट से बरी, वकील ने पीड़िता से ऐसा सवाल पूछा कि बदल गई पूरी कहानी

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अभय सिंह राठौड़, देहरादून: उत्तराखंड के देहरादून में लगभग 7-8 साल से न्याय की गुहार लगा रही एक पीड़िता को कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। पीड़िता ने एक युवक पर आरोप लगाया था कि उसने पीठ पर हाथ फेरकर छेड़खानी की है। इस मामले में कोर्ट की सुनवाई के दौरान वकील ने एक ऐसा सवाल पूछ लिया कि आरोपी को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। इस तरह जिस युवक पर कई सालों से छेड़खानी का आरोप लगाते हुए न्याय के लिए दौड़ रही थी। अपर सिविल जज ममता पंत की कोर्ट ने मंगलवार को आरोपी अनुज कुमार को संदेह का लाभ देते हुए सभी आरोपों से बरी कर दिया है।



दरअसल मामला 16 अक्टूबर 2018 का है। रायपुर थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में पीड़िता ने आरोप लगाया था कि दुर्गा महोत्सव में वो अपने पति और भाई के साथ गई थी। इसी दौरान आरोपी अनुज उनका पीछा करता हुआ वहां आ गया और पीछे से पीठ पर हाथ फेरकर छेड़खानी की। पीड़िता ने शिकायत में यह भी बताया कि जब पति ने विरोध किया तो आरोपी ने गाली-गलौज की और जान से मारने की धमकी भी दी।



सीधे तौर पर हाथ फेरते हुए नहीं देखाइस मामले की कोर्ट में सुनवाई के दौरान महिला ने स्वीकार किया कि स्थल पर भारी भीड़ थी और आरोपी पीछे से आया था। इस पर पीड़िता से जब कोर्ट में सवाल हुआ कि उन्होंने आरोपी को हाथ फेरते हुए कैसे देखा, तो उन्होंने कहा कि आरोपी को बगल से भागते हुए देखा था। कोर्ट ने इसे गवाही में विरोधाभास मानते हुए कहा कि पीड़िता ने स्वयं माना है कि उन्होंने आरोपी को सीधे तौर पर पीठ पर हाथ फेरते हुए नहीं देखा था।



पति को दी गई धमकीइसके अलावा घटना स्थल पर भीड़ मौजूद होने के बावजूद पुलिस ने किसी स्वतंत्र गवाह का बयान दर्ज नहीं किया और न ही अदालत में पेश किया। वहीं महिला और उनके पति ने फोन पर धमकी मिलने की बात कही थी। हालांकि जांच अधिकारी कॉल डिटेल्स या फोन नंबर कोर्ट में पेश नहीं कर सके। इन कमियों और संदेहों के आधार पर अदालत ने आरोपी अनुज कुमार को छेड़खानी, पीछा करने, अस्मिता से खिलवाड़ और धमकी देने जैसे सभी आरोपों से बरी कर दिया।

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