नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में 16 अक्टूबर को रिकॉर्ड 210 नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने के 10 दिन बाद रविवार को फिर से नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इस बार छत्तीसगढ़ में बस्तर रेंज के कांकेर जिले में 21 नक्सलियों ने हथियार डाले। इनमें 13 महिलाएं शामिल हैं। 15 अक्टूबर को नक्सलियों के टॉप लीडर वेणुगोपाल के सरेंडर करने के बाद से नक्सलियों में लगातार आत्मसमर्पण करने का सिलसिला जारी है। सूत्रों का कहना है कि कुछ और नक्सली सरकार और पुलिस प्रशासन के संपर्क में हैं। जल्द और नक्सली हथियार डालेंगे।
रविवार को आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में डिवीजन कमेटी सेक्रेटरी मुकेश भी शामिल है। जबकि 21 कैडरों में चार डिवीजन वाइस कमेटी मेंबर, नौ एरिया कमेटी मेंबर और आठ पार्टी सदस्य हैं। जो हिंसा का मार्ग छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए आत्मसपर्मण किया। इन सभी ने अपने पास 18 हथियार भी सरेंडर किए हैं। जिनमें तीन एके-47, चार एसएलआर, दो इंसास राइफल, छह थ्री नोट थ्री, दो सिंगल शॉट राइफल और एक बीजीएल शामिल है।
देवजी और हिडमा का क्या होगा?
इधर, सूत्रों का कहना है कि अब सवाल है नक्सलियों के अन्य सबसे खतरनाक कैडरों में शामिल पोलित ब्यूरो सदस्य देवजी, केंद्रीय समिति सदस्य हिडमा और संग्राम समेत वरिष्ठ नक्सलियों में बरसे देवा और पप्पा राव का। जिन्होंने आत्मसमर्पण करने का विरोध किया है।
सरकार के सामने समर्पण करने से किया मना
इनका कहना है कि वह किसी भी सूरत में सरकार के सामने घुटने नहीं टेकेंगे, चाहे जो हो जाए। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि कोशिश की जा रही है कि नक्सलियों के यह टॉप लीडर भी अगर बिना खून बहाए आत्मसमर्पण कर दें तो अच्छा ही होगा। वरना, सुरक्षा बलों का एक्शन होना तो तय ही है।
रविवार को आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में डिवीजन कमेटी सेक्रेटरी मुकेश भी शामिल है। जबकि 21 कैडरों में चार डिवीजन वाइस कमेटी मेंबर, नौ एरिया कमेटी मेंबर और आठ पार्टी सदस्य हैं। जो हिंसा का मार्ग छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए आत्मसपर्मण किया। इन सभी ने अपने पास 18 हथियार भी सरेंडर किए हैं। जिनमें तीन एके-47, चार एसएलआर, दो इंसास राइफल, छह थ्री नोट थ्री, दो सिंगल शॉट राइफल और एक बीजीएल शामिल है।
देवजी और हिडमा का क्या होगा?
इधर, सूत्रों का कहना है कि अब सवाल है नक्सलियों के अन्य सबसे खतरनाक कैडरों में शामिल पोलित ब्यूरो सदस्य देवजी, केंद्रीय समिति सदस्य हिडमा और संग्राम समेत वरिष्ठ नक्सलियों में बरसे देवा और पप्पा राव का। जिन्होंने आत्मसमर्पण करने का विरोध किया है।
सरकार के सामने समर्पण करने से किया मना
इनका कहना है कि वह किसी भी सूरत में सरकार के सामने घुटने नहीं टेकेंगे, चाहे जो हो जाए। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि कोशिश की जा रही है कि नक्सलियों के यह टॉप लीडर भी अगर बिना खून बहाए आत्मसमर्पण कर दें तो अच्छा ही होगा। वरना, सुरक्षा बलों का एक्शन होना तो तय ही है।
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