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Delhi News: दिल्ली में स्टैंडिंग कमिटी की पहली बैठक में 25 एजेंडे पास, इन कंपनियों का कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाया गया

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नई दिल्ली: दिल्ली में स्टैंडिंग कमिटी की पहली बैठक में 100 से अधिक एजेंडा लाए गए थे, लेकिन इनमें से केवल 25 को ही पास किया गया। बाकी को स्थगित और रेफर बैंक किया गया। पास किए गए एजेंडों में ज्यादातर सरकारी प्रोजेक्ट और एमसीडी में वर्कर्स सप्लाई करने वाली कंपनियों के कॉन्ट्रैक्ट से जुड़े हुए हैं। इनमें सरकारी बिल्डिंगों के ले आउट प्लान से जुड़े एजेंडे भी शामिल हैं।



प्रमुख एजेंडों में यूनिवर्सिटी एनक्लेव में सेंट स्टीफंस कॉलेज की बिल्डिंग का ले-आउट प्लान, मैदान गढ़ी में भारतीय विदेश व्यापार परिसर का ले-आउट प्लान, दीन दयाल उपाध्याय मार्ग दिल्ली का संशोधित ले-आउट प्लॉन, श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्श, आरके पुरम सेक्टर-12 में राज्यसभा सचिवालय के लिए हाउसिंग से जुड़ा ले-आउट प्लॉन शामिल है।



इसके अलावा पूसा में एक लैब बनाई जानी है। उसके ले-आउट प्लान को भी हरी झंड़ी दे दी गई है। हरी नगर कॉलोनी में डीटीसी हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाना चाहती है। इसके प्लान को भी मंजूरी दी गई है। सेंट्रल जोन में लाल कुआं स्थित एमसीडी स्कूल का बचा हुआ काम भी अब जल्द पूरा हो जाएगा।



इन कंपनियों का कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाया गया

एमसीडी के कई हॉस्पिटल्स में सिक्युरिटी गर्द और साफ सफाई के लिए वर्कर्स सप्लाई करने वाली कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा एमसीडी में डेटा ऑपरेटर्स की व्यवस्था करने वाली कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट को भी बढ़ाया गया है।



सच छिपाना चाहती है BJP इसलिए मीडिया को रोका : AAP

वहीं, निगम में विपक्ष के नेता अंकुश नारंग ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सच को हिपाना चाहती है इसलिए उसने स्टैंडिंग कमिटी की बैठक में मीडिया की एंट्री रोक दी। उन्होंने ये भी दावा किया कि बैंक में जब उन्होंने बैठक में इस मुद्दे को उठाया तो स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन ने कहा कि उनकी मर्जी है इसलिए उन्होंने मीडिया की एंट्री बैन की है।



नेता विपक्ष ने स्टैंडिंग कमिटी की बैठक में पास किए गए एजेंडों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि स्टैंडिंग कमिटी की बैठक में पास करने के लिए 102 एजेंडे रखे गए थे। सेंट्रल जैन में जिस कंपनी को कूड़ा उठाने का कांट्रैक्ट दिया गया था उसका कांट्रैक्ट खत्म हुए दो साल बीत चुके है।



सेंट्रल जोन के तहत आने वाली कॉलोनियों में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। हर जगह कूड़े के ढेर लगे नजर आते हैं। हालत यह है कि जिस नेोन में कभी 10 12 आटो टिप्पर लगे हुए थे इस समय वहां मुश्किल से 3-4 आटो टिप्पर ही है, लेकिन हैरानी इस बात की है कि इससे संबंधित कोई भी एजेंडा लिस्ट में शामिल नहीं था।



आप ने लगाए और भी कई आरोप

वेस्ट और साउथ जोन के साथ साथ सिविल लाइन जोन की सफाई व्यवस्था भी दिनोंदिन बद से बदतर होती जा रही है। इस संबंध में भी कोई एजेंडा नहीं लगाया गया। इस समय हालत है कि सिविल लाइन जोन के तहत आने वाले मजलिस पार्क एरिया में दिल्ली की चौथी लैंडफिल साइट तैयार हो रही है।



एमसीडी के जानकारों का कहना है कि बीते एक डेढ़ दशक में पहली बार इस तरह से मेडिया को रोका गया है। बैठक के बाद चेयरमैन खुद बाहर आई और पहली मंजिल की गैलरी में पहुंचकर सभी मीडियाकर्मियों से माफी मांगी और इसका ठीकरा एमसीडी अधिकारियों फर फोड़ा।

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