मुंबई/पुणे: महाराष्ट्र के पुणे में डिप्टी सीएम अजित पवार के बेटे पार्थ पवार के जमीन घोटाले में घिरे पर मुंबई से लेकर दिल्ली तक राजनीति गर्म है। इस मामले ने जहां महायुति को मुश्किल में डाला दिया है तो वहीं दूसरी तरफ देश के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने एनसीपी प्रमुख अजित पवार की परेशानी बढ़ाने वाला बयान दिया है। हजारे ने कहा कि बेटों के गलत काम के लिए मंत्रियों को दोषी माना जाना चाहिए। भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर रहने वाले अन्ना हजारे ने कहा है कि अगर मंत्रियों के बच्चे गलत कामों में लिप्त हैं, तो इसके लिए मंत्रियों को ही दोषी ठहराया जाना चाहिए। सीएम फडणवीस इस घोटाले की जांच आईएएस विकास खरगे को सौंपी है।
एकनाथ शिंदे से मिले अन्ना
अन्ना हजारे की यह यह टिप्पणी महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के बेटे पार्थ पवार के सह-स्वामित्व वाली एक कंपनी से जुड़े विवादास्पद भूमि सौदे की पृष्ठभूमि में आई है। हजारे ने इस मामले में सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की। गौरतलब हो कि अन्ना हजारे से एक दिन पहले ही उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुलाकात की थी। उन्होंने जल संग्रहण से जुड़े एक कार्यक्रम में शिरकत की थी। इसके बाद शिंदे ने अन्ना हजारे के साथ चर्चा की थी। शिंदे ने अन्ना हजारे का शॉल ओढ़ाकर सम्मान भी किया था। शिंदे की मुलाकात के बाद हजारे ने मीडिया से बातचीत में पुणे जमीन घोटाले पर प्रतिक्रिया दी।
नैतिक मूल्यों की कमी...
अन्ना हजारे ने कहा कि यह वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर मंत्रियों के बच्चे गलत कामों में शामिल हैं, तो इसके लिए मंत्रियों को ही दोषी ठहराया जाना चाहिए। सबसे ज़्यादा मायने रखता है मूल्य, वो मूल्य जो परिवारों से आते हैं। ऐसी सभी घटनाएं नैतिक मूल्यों की कमी के कारण होती हैं। अन्ना हजारे ने दिल्ली में बड़े भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की अगुवाई की थी। इसके बाद आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ था। अजित पवार के बेटे की स्वामित्व वाली कंपनी पर पुणे में सरकारी जमीन खरीदने का आरोप है। इसमें कहा गया है कि उन्होंने 1800 करोड़ की जमीन 300 करोड़ रुपये खरीदी। अजित पवार ने विवाद बढ़ने पर कहा है कि डील रद्द कर दी गई है।
एकनाथ शिंदे से मिले अन्ना
अन्ना हजारे की यह यह टिप्पणी महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के बेटे पार्थ पवार के सह-स्वामित्व वाली एक कंपनी से जुड़े विवादास्पद भूमि सौदे की पृष्ठभूमि में आई है। हजारे ने इस मामले में सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की। गौरतलब हो कि अन्ना हजारे से एक दिन पहले ही उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुलाकात की थी। उन्होंने जल संग्रहण से जुड़े एक कार्यक्रम में शिरकत की थी। इसके बाद शिंदे ने अन्ना हजारे के साथ चर्चा की थी। शिंदे ने अन्ना हजारे का शॉल ओढ़ाकर सम्मान भी किया था। शिंदे की मुलाकात के बाद हजारे ने मीडिया से बातचीत में पुणे जमीन घोटाले पर प्रतिक्रिया दी।
नैतिक मूल्यों की कमी...
अन्ना हजारे ने कहा कि यह वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर मंत्रियों के बच्चे गलत कामों में शामिल हैं, तो इसके लिए मंत्रियों को ही दोषी ठहराया जाना चाहिए। सबसे ज़्यादा मायने रखता है मूल्य, वो मूल्य जो परिवारों से आते हैं। ऐसी सभी घटनाएं नैतिक मूल्यों की कमी के कारण होती हैं। अन्ना हजारे ने दिल्ली में बड़े भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की अगुवाई की थी। इसके बाद आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ था। अजित पवार के बेटे की स्वामित्व वाली कंपनी पर पुणे में सरकारी जमीन खरीदने का आरोप है। इसमें कहा गया है कि उन्होंने 1800 करोड़ की जमीन 300 करोड़ रुपये खरीदी। अजित पवार ने विवाद बढ़ने पर कहा है कि डील रद्द कर दी गई है।
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