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Nag Panchami Ke Upay : नाग पंचमी पर करें शिवलिंग से जुड़े ये उपाय, भोलेनाथ जीवन में भर देंगे खुशियां और मनोकामनाएं होंगी पूर्ण

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नाग पंचमी सावन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाई जाती है। इस दिन नाग देवता की विधि-विधान से पूजा करने का खास महत्व होता है। वहीं, इस बार नाग पंचमी पर महालक्ष्मी योग का शुभ संयोग भी बन रहा है, जिससे यह तिथि और ज्यादा खास हो गई है। ऐसे में अगर आप नाग देवता की पूजा के साथ-साथ नाग पंचमी पर कुछ विशेष उपाय कर लें तो इससे जीवन के कष्टों से मुक्ति मिल सकती है भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। शास्त्रों में बताए गए शिवलिंग से जुड़े उपाय आपके जीवन से धन की कमी को भी दूर कर सकते हैं। साथ ही, इनसे मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है। ऐसे में आइए विस्तार से जानें नाग पंचमी पर शिवलिंग से जुड़े उपाय...



जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का उपाय

इसके लिए नाग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद, एक लोटा शुद्ध जल में कच्चा दूध और गंगाजल मिलाकर उसे शिवालय में जाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। साथ ही, घर पर आकर चांदी के या मिट्टी से बने नाग नागिन की विधि-पूर्वक पूजा करें और मन में सुख-शांति की कामना करें। इस उपाय को करने से जातक को जीवन के कष्टों से मुक्ति मिल सकती है और जीवन में सुख-समृद्धि आने लगती है। साथ ही, इस उपाय को करने से जातक को शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है।




धन-दौलत में वृद्धि के लिए करें यह उपाय

नाग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद, 11, 21 या 108 बेलपत्र पर 'ओम नम: शिवाय' लिखकर उसे शिवलिंग पर अर्पित करें। हर एक पत्र को अर्पित करते समय 108 बार इस मंत्र का जाप भी जरूर करें। इस उपाय को करने से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से जातक को धन की कमी से छुटकारा मिल सकता है। इस एक उपाय से घर की आर्थिक स्थिति मजबूत होने लगती है और धन-दौलत में भी वृद्धि होती है।



मनोकामना पूर्ति के लिए करें यह उपाय

इसके लिए नाग पंचमी के दिन घर पर मिट्टी से नाग नागिन का जोड़ा बनाना चाहिए। इसके बाद, विधि-विधान से पूजा करें और फिर पास के किसी शिवालय में जाएं। वहां शिवलिंग पर जल अर्पित करें और एक दीपक भी जरूर जलाएं। अब मंदिर में बैठकर महामृत्युंजय मंत्र 'ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्' का 108 बार जाप करें। साथ ही, 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय सर्पसन्तानाय नमः' मंत्र का भी कम से कम 108 बार जरूर जाप करें इस उपाय को करने से जातक की मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। साथ ही, आरोग्य का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है और कुंडली के अशुभ ग्रहों के प्रभाव भी कम हो सकते हैं।

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