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झारखंड जीएसटी धोखाधड़ी सिंडिकेट पर ED का शिकंजा: 15.41 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां जब्त

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रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रांची क्षेत्रीय कार्यालय ने बड़े पैमाने पर हुए जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) धोखाधड़ी मामले में अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत 29 सितंबर 2025 को कोलकाता और हावड़ा में ₹15.41 करोड़ मूल्य की 10 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है।



इस कार्रवाई के साथ, इस मामले में कुल कुर्की की गई संपत्ति का मूल्य अब बढ़कर लगभग ₹20.70 करोड़ हो गया है।



मास्टरमाइंड अमित गुप्ता पर कार्रवाई

ईडी के अनुसार, जब्त की गई ये संपत्तियां जीएसटी धोखाधड़ी सिंडिकेट के मुख्य आरोपी अमित गुप्ता और उसके सहयोगियों से जुड़ी हुई हैं। ईडी ने यह जांच जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई), जमशेदपुर द्वारा दर्ज शिकायतों के आधार पर शुरू की थी। यह आपराधिक गिरोह शिव कुमार देवड़ा, अमित गुप्ता, सुमित गुप्ता, और अमित अग्रवाल उर्फ विक्की भालोटिया की ओर से चलाया जा रहा था।



734 करोड़ रुपये की फर्जी आईटीसी धोखाधड़ी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने झारखंड, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में 135 फर्जी कंपनियों का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया था। इस गिरोह ने बिना किसी वास्तविक माल की आपूर्ति के फर्जी जीएसटी चालान जारी किए, जिसके माध्यम से ₹734 करोड़ से अधिक मूल्य का जाली आईटीसी तैयार किया गया।



इस अवैध आईटीसी को कमीशन लेकर अन्य कंपनियों को बेचा गया, जिन्होंने इसका उपयोग अपनी वैध जीएसटी देनदारियों से बचने के लिए किया। इस पूरी धोखाधड़ी से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।



अपराध की कमाई को छिपाने की कोशिश

जाँच से पता चला है कि इस आपराधिक गतिविधि से सिंडिकेट ने करीब ₹67 करोड़ का कमीशन कमाया। मुख्य वित्तीय प्रबंधक के तौर पर काम कर रहे अमित गुप्ता ने इस अवैध आय (अपराध की आय) का इस्तेमाल कई अचल संपत्तियां खरीदने में किया। ईडी ने यह भी पाया कि डीजीजीआई की जाँच शुरू होने के बाद, अमित गुप्ता ने इन संपत्तियों को अपने रिश्तेदारों और सहयोगियों को हस्तांतरित करके छिपाने की कोशिश भी की थी।



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