Next Story
Newszop

औरंगाबाद में इस अधिकारी की वापसी पर क्यों मचा बवाल? RJD और जन सुराज ने जताई आपत्ति, जानिए मामला

Send Push
औरंगाबाद: औरंगाबाद बाल संरक्षण इकाई में संतोष कुमार चौधरी की सहायक निदेशक के पद पर पुनर्नियुक्ति पर सियासी हलचल तेज हो गई है। इसकी वजह उनका यहां का विवादास्पद कार्यकाल बताया जा रहा है। इसे लेकर राजद ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राजद के औरंगाबाद जिला प्रवक्ता रमेश यादव ने संतोष चौधरी को तबादला कर पुनः यहां भेजे जाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। सरकार भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण दे रही है। इसी कारण सरकार पहले से विवादित रहे अधिकारी को पुनः यहां बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक के पद पर भेज रही है। वे यहां आकर भ्रष्टाचार की गंगा बहाएंगे। उनके यहां आने से मुजफ्फरपुर जैसे कांड की पुनरावृति हो सकती है।





संतोष चौधरी के कार्यकाल में भी भागे से 33 बच्चे, लगाए थे गंभीर आरोप: RJD

रमेश यादव ने कहा कि 'हमारी पार्टी संतोष चौधरी के औरंगाबाद आने का पुरजोर विरोध करती है। हम किसी सूरत में उन्हे यहां बर्दाश्त नही करेंगे, क्योंकि इन्हीं के कार्यकाल में 2021 में यहां के प्लेस ऑफ सेफ्टी से 33 बच्चे भागे थे। इसकी जांच उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित जांच समिति, राज्य स्तरीय टीम एवं औरंगाबाद के तत्कालीन जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने की थी। जांच रिपोर्ट में सभी ने उनके खिलाफ गंभीर वित्तीय अनियमितता, अनुशासहीनता, उपेक्षा बरतने, बच्चों को पर्याप्त राशन उपलब्ध नहीं कराने, घटिया सामग्री की आपूर्त्ति करने, रसोईयां की व्यवस्था नहीं करने और कर्मियों से अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने के आरोपों को सही ठहराया था।'



उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, डीएम ने उनकी सेवा विभाग को वापस भी कर दी थी। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी लंबित है। राजद नेता ने कहा कि संतोष चौधरी जहां भी रहे है, वहां भ्रष्टाचार फैलाया है। 2019 में कैमूर में बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक के पद पर रहते हुए उन्होंने बच्चा गोद लेने के लिए दंपति से अवैध राशि की मांग की थी, जिसे लेकर वहां के डीएम की रिपोर्ट पर उन्हें निलंबित किया था।



जन सुराज के नेता ने दी आंदोलन की चेतावनी

मामले में राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज के नेता व समाजसेवी निलोत्तम कुमार ने भी दागी अधिकारी को औरंगाबाद में पुनः स्थापित करने पर गहरी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि संतोष चौधरी ने 11 साल में कौन से अच्छे काम किए है, जिस कारण उन्हें इस अवधि में लगातार तीसरी बार औरंगाबाद लाया जा रहा है। इस भ्रष्ट अधिकारी के यहां आने पर प्लेस ऑफ सेफ्टी में बच्चे सुरक्षित नहीं रहेंगे। उनके हितों की अनदेखी होगी।



उन्होंने कहा कि 'हम जिलाधिकारी से मांग करते हैं कि ऐसे अधिकारी को यहां आने से रोकें। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम समाजसेवी सड़क पर उतरेंगे और इसे लेकर सड़क से सदन तक आंदोलन होगा।'

Loving Newspoint? Download the app now