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बिना सबूत के युवक को जेल में ठूंसा! Arms Act में फंसाया, बिक गई जमीन, अब थाना प्रभारी समेत 3 सस्पेंड

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विशाल वर्मा, बिजनौर: यूपी के बिजनौर में जानलेवा हमले के मामले में बिना साक्ष्य के एक युवक को जेल भेजने और विवेचना में गंभीर लापरवाही बरतने के आरोप में रेहड़ थाना प्रभारी किशन अवतार और दो अन्य दारोगाओं को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, बेगावाला चौकी प्रभारी को भी हटाया गया है। मामले में पुलिस की संदिग्ध भूमिका सामने आने के बाद एसपी अभिषेक झा ने कड़ी कार्रवाई की है। गांव रेहड़ निवासी सरदार लखवेंदर सिंह ने पिछले साल 6 दिसंबर को अपने पड़ोसियों हरजेंद्र सिंह, जरनैल सिंह, मानवेंद्र सिंह उर्फ गोलू और लखबीर सिंह उर्फ लक्खा के खिलाफ जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने नामजद चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और उनकी कार व बाइक जब्त कर लीं। साथ ही, आर्म्स एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया। हालांकि, इसी मामले में 1 मई को पुलिस ने गांव रायपुरी के ग्राम प्रधान सरदार अमरीक सिंह के भतीजे प्रभजीत सिंह को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अमरीक सिंह ने आरोप लगाया कि उनका भतीजा इस मामले में आरोपी नहीं था और उसे बिना किसी सबूत के फंसाया गया है। एसपी ने कराई जांच, सामने आई मिलीभगतग्राम प्रधान की शिकायत के बाद एसपी अभिषेक झा ने मामले की जांच बैठाई। जांच में पता चला कि विवेचना में पुलिस ने गंभीर लापरवाही बरती और दूसरे पक्ष से मिलीभगत की गई। सर्किल ऑफिसर (सीओ) और खुफिया विभाग की रिपोर्ट में पुलिस की भूमिका संदिग्ध पाई गई। बिना साक्ष्य के जानलेवा हमले का मामला दर्ज किया गयाप्रभजीत सिंह के खिलाफ जेल भेजने का कोई ठोस सबूत नहीं था, फिर भी उसे गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने वादी पक्ष के साथ एकतरफा कार्रवाई की, जिससे आरोपी पक्ष को नुकसान हुआ। जेल गए लोगों की दो बीघा जमीन भी इस दौरान बिक गई। तीन पुलिसकर्मी निलंबित, एक चौकी प्रभारी हटाया गयाजांच में गड़बड़ी सामने आने के बाद एसपी ने शुक्रवार रात को सख्त कार्रवाई करते हुए रेहड़ थाना प्रभारी किशन सिंह अवतार, दारोगा राजीव सिंह, दारोगा फिरोज खान, को निलंबित कर दिया। इसके अलावा, बेगावाला चौकी प्रभारी दारोगा शौकत अली को भी हटाकर स्वाट टीम में भेज दिया गया।
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