लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जनगणना 2027 दो चरणों में 2026 और 2027 में की जाएगी। पहले चरण में मई-जून 2026 के बीच मकानसूचीकरण और मकानों की गणना होगी। दूसरे चरण में नौ फरवरी से 28 फरवरी 2027 तक प्रत्येक व्यक्ति की गणना जाति सहित की जाएगी। इसके बाद एक मार्च से पांच मार्च 2027 तक पुनरीक्षण किया जाएगा और 28 फरवरी 2027 को बेघर लोगों की गणना सूर्यास्त के बाद पूरे देश में एक साथ होगी।
जनगणना निदेशक शीतल वर्मा ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को इस बारे में जानकारी दी। इस जनगणना में प्रदेश के लगभग छह लाख कर्मियों को लगाया जाएगा, जिन्हें दो चरणों से पहले तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश की वर्तमान अनुमानित जनसंख्या लगभग 25 करोड़ 70 लाख है। जनगणना करने के लिए करीब छह लाख कर्मियों को लगाया जाएगा। इनमें पांच लाख प्रगणक, 84 हजार सुपरवाइजर और 12 हजार राज्य व जिला स्तर के अधिकारी होंगे।
तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगाजनगणना में लगाए जाने वाले कार्मिकों को जनगणना के दोनों चरणों से पहले तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान प्रदेश 18 मंडल, 75 जनपद, 350 तहसील, 17 नगर निगम, 745 अन्य शहरी निकाय, 21 छावनी परिषद व आईटीएस और 57,694 पंचायतों में शामिल लगभग 1 लाख 4 हजार राजस्व ग्राम, समस्त वनग्राम और सभी विशेष चार्ज (अर्द्ध सैनिक बल, सेना, जेल आदि) की गणना की जाएगी।
मोबाइल एप से आंकड़ों का संग्रह जातीय जनगणना आजादी के बाद पहली बार की जाएगी। परिवार के प्रत्येक सदस्य की जाति संबंधी विवरण जनगणना के दूसरे चरण के दौरान वर्ष 2027 मे एकत्र किये जाएंगे। जनगणना 2025 में आंकड़ों का डिजिटल संग्रहण होगा। इसके लिए अत्यंत सरल, सुविधाजनक और उपयोगी मोबाइल ऐप बनाया गया है। गणना कार्य में प्रगणक अपने निजी मोबाइल पर ऐप को डाउनलोड कर आंकड़ों का संग्रह करेंगे।
84 हजार सुपरवाइजर रहेंगे तैनातजनगणना संबंधी कार्यकलापों का संचालन, प्रबंधन और रियल टाइम अनुश्रवण करने के लिए सेंसस मैनेजमेंट एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (सीएमएमएस) पोर्टल विकसित किया गया है। इससे प्रदेश स्तर से ही किसी भी ग्राम और वार्ड स्तर पर चल रहे कार्य की निगरानी की जा सकेगी। पांच लाख प्रगणक, 84 हजार सुपरवाइजर व 12 हजार अधिकारी जनगणना करेंगे।
जनगणना निदेशक शीतल वर्मा ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को इस बारे में जानकारी दी। इस जनगणना में प्रदेश के लगभग छह लाख कर्मियों को लगाया जाएगा, जिन्हें दो चरणों से पहले तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश की वर्तमान अनुमानित जनसंख्या लगभग 25 करोड़ 70 लाख है। जनगणना करने के लिए करीब छह लाख कर्मियों को लगाया जाएगा। इनमें पांच लाख प्रगणक, 84 हजार सुपरवाइजर और 12 हजार राज्य व जिला स्तर के अधिकारी होंगे।
तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगाजनगणना में लगाए जाने वाले कार्मिकों को जनगणना के दोनों चरणों से पहले तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान प्रदेश 18 मंडल, 75 जनपद, 350 तहसील, 17 नगर निगम, 745 अन्य शहरी निकाय, 21 छावनी परिषद व आईटीएस और 57,694 पंचायतों में शामिल लगभग 1 लाख 4 हजार राजस्व ग्राम, समस्त वनग्राम और सभी विशेष चार्ज (अर्द्ध सैनिक बल, सेना, जेल आदि) की गणना की जाएगी।
मोबाइल एप से आंकड़ों का संग्रह जातीय जनगणना आजादी के बाद पहली बार की जाएगी। परिवार के प्रत्येक सदस्य की जाति संबंधी विवरण जनगणना के दूसरे चरण के दौरान वर्ष 2027 मे एकत्र किये जाएंगे। जनगणना 2025 में आंकड़ों का डिजिटल संग्रहण होगा। इसके लिए अत्यंत सरल, सुविधाजनक और उपयोगी मोबाइल ऐप बनाया गया है। गणना कार्य में प्रगणक अपने निजी मोबाइल पर ऐप को डाउनलोड कर आंकड़ों का संग्रह करेंगे।
84 हजार सुपरवाइजर रहेंगे तैनातजनगणना संबंधी कार्यकलापों का संचालन, प्रबंधन और रियल टाइम अनुश्रवण करने के लिए सेंसस मैनेजमेंट एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (सीएमएमएस) पोर्टल विकसित किया गया है। इससे प्रदेश स्तर से ही किसी भी ग्राम और वार्ड स्तर पर चल रहे कार्य की निगरानी की जा सकेगी। पांच लाख प्रगणक, 84 हजार सुपरवाइजर व 12 हजार अधिकारी जनगणना करेंगे।
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