नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन आज अंतरिक्ष में एक और नया कीर्तिमान रचने जा रहा है। इसरो आज श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारतीय नौसेना के GSAT-7R (CMS-03) संचार उपग्रह की लॉन्चिंग करेगा। यह भारत का सबसे वजनी 4,410 किलोग्राम का उपग्रह है। इसे LVM3-M5 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा, इसकी भारी वजन उठाने की क्षमता के कारण इसे बाहुबली नाम दिया गया है।
बेंगलुरु मुख्यालय वाली अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने बताया कि प्रक्षेपण यान को पूरी तरह से तैयार करके अंतरिक्ष यान के साथ एकीकृत कर दिया गया है तथा इसे प्रक्षेपण-पूर्व कार्यों के लिए यहां दूसरे प्रक्षेपण स्थल पर ले जाया गया है। यह LVM3 लॉन्च वाहन का पांचवां परिचालन उड़ान होगा।
कब होगी लॉन्चिंग?
ISRO के CMS-03 उपग्रह की लॉन्चिंग रविवार शाम 5:26 बजे होगी। तीन-चरण वाले LVM3 रॉकेट में दो सॉलिड मोटर स्ट्रैप-ऑन (S200), एक लिक्विड प्रोपेलेंट कोर स्टेज (L110), और एक क्रायोजेनिक स्टेज (C25) हैं। यह संरचना ISRO को 4,000 किलोग्राम तक के भारी संचार उपग्रहों को GTO में प्रक्षेपित करने में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाती है।
कहां देख सकते हैं लाइव प्रसारण?
GSAT-7R (CMS-03) के प्रक्षेपण का सीधा प्रसारण ISRO के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर किया जाएगा, जिससे दर्शक लॉन्च और मिशन की प्रगति को वास्तविक समय में देख सकेंगे। टेलीविजन दर्शकों के लिए, यह कार्यक्रम सरकारी समाचार चैनल डीडी नेशनल पर भी प्रसारित होगा।
GSAT-7R (CMS-03) उपग्रह को अब तक भारतीय नौसेना के लिए विकसित सबसे उन्नत संचार उपग्रह के रूप में डिजाइन किया गया है। यह नौसेना के अंतरिक्ष-आधारित संचार नेटवर्क को मजबूत करेगा और हिंद महासागर क्षेत्र में उसकी समुद्री निगरानी क्षमताओं को काफी बढ़ाएगा।
इससे पहले, अंतरिक्ष एजेंसी ने पांच दिसंबर, 2018 को एरियन-5 वीए-246 रॉकेट के जरिये फ्रेंच गुयाना के कौरू प्रक्षेपण केंद्र से अपने सबसे भारी संचार उपग्रह जीसैट-11 को प्रक्षेपित किया था। लगभग 5,854 किलोग्राम वजनी जीसैट-11 इसरो द्वारा निर्मित सबसे भारी उपग्रह है।
बेंगलुरु मुख्यालय वाली अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने बताया कि प्रक्षेपण यान को पूरी तरह से तैयार करके अंतरिक्ष यान के साथ एकीकृत कर दिया गया है तथा इसे प्रक्षेपण-पूर्व कार्यों के लिए यहां दूसरे प्रक्षेपण स्थल पर ले जाया गया है। यह LVM3 लॉन्च वाहन का पांचवां परिचालन उड़ान होगा।
कब होगी लॉन्चिंग?
ISRO के CMS-03 उपग्रह की लॉन्चिंग रविवार शाम 5:26 बजे होगी। तीन-चरण वाले LVM3 रॉकेट में दो सॉलिड मोटर स्ट्रैप-ऑन (S200), एक लिक्विड प्रोपेलेंट कोर स्टेज (L110), और एक क्रायोजेनिक स्टेज (C25) हैं। यह संरचना ISRO को 4,000 किलोग्राम तक के भारी संचार उपग्रहों को GTO में प्रक्षेपित करने में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाती है।
कहां देख सकते हैं लाइव प्रसारण?
GSAT-7R (CMS-03) के प्रक्षेपण का सीधा प्रसारण ISRO के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर किया जाएगा, जिससे दर्शक लॉन्च और मिशन की प्रगति को वास्तविक समय में देख सकेंगे। टेलीविजन दर्शकों के लिए, यह कार्यक्रम सरकारी समाचार चैनल डीडी नेशनल पर भी प्रसारित होगा।
GSAT-7R (CMS-03) उपग्रह को अब तक भारतीय नौसेना के लिए विकसित सबसे उन्नत संचार उपग्रह के रूप में डिजाइन किया गया है। यह नौसेना के अंतरिक्ष-आधारित संचार नेटवर्क को मजबूत करेगा और हिंद महासागर क्षेत्र में उसकी समुद्री निगरानी क्षमताओं को काफी बढ़ाएगा।
इससे पहले, अंतरिक्ष एजेंसी ने पांच दिसंबर, 2018 को एरियन-5 वीए-246 रॉकेट के जरिये फ्रेंच गुयाना के कौरू प्रक्षेपण केंद्र से अपने सबसे भारी संचार उपग्रह जीसैट-11 को प्रक्षेपित किया था। लगभग 5,854 किलोग्राम वजनी जीसैट-11 इसरो द्वारा निर्मित सबसे भारी उपग्रह है।
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