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फर्जी GST फर्म बनाकर बिल जारी करने वाला वकील कर्मचारी सहित अरेस्ट, जानिए कैसे हुआ एक्शन

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नई दिल्ली: साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट की साइबर थाना पुलिस ने फर्जी GST फर्म बनाकर टैक्स में घोटाला करने वाले दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान पानीपत निवासी संदीप (27) और बुराड़ी निवासी इंद्रपाल (45) के रूप में हुई है। इंद्रपाल पेशे से वकील है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से तीन स्मार्ट फोन, एक लैपटॉप और एक पेन ड्राइव बरामद किया है।



ऐसे हुआ एक्शन

जांच में पता चला है कि आरोपी पैन कार्ड, आधार कार्ड, सिम और ईमेल जैसे असली दस्तावेजों की मदद से फर्जी जीएसटी फर्म बनाते थे। इन फर्मों का इस्तेमाल बाद में फर्जी बिल तैयार करने और GST सेटलमेंट के लिए किया जाता था। ये लोग टेली सॉफ्टवेयर की मदद से बिल बनाते और उन्हें GST पोर्टल पर अपलोड करते थे।



पुलिस आरोपियों के लैपटॉप और फोन की भी जांच कर रही है। आरोपियों ने अभी तक इस तरह से कितने लोगों से धोखाधड़ी की है और उनके नेटवर्क में कौन कौन हैं, पूछताछ कर उनको भी पकड़ने की कोशिश की जा रही है।



क्या बोले पुलिस अधिकारी

DCP अमित गोयल ने बताया कि कुछ समय पहले सागरपुर निवासी सुमित की शिकायत के बाद यह मामला सामने आया। शिकायत में पीड़ित ने बताया कि उन्होंने पैन कार्ड के जरिए अपनी फर्म के लिए GST पंजीकरण के लिए आवेदन किया था। पता चला कि उनके पैन कार्ड पर पहले से ही दो GST नंबर जारी किए गए हैं जिनको उन्होंने कभी भी नहीं बनवाया था। यह भी पता चला कि GST नंबर जारी करवाने के बाद फर्म अपना काम भी कर रही थी।



यही नहीं आरोपियों ने उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल करके सिम कार्ड भी निकलवा लिया है। DCP के अनुसार मामले को गंभीरता से लेते हुए इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक की देखरेख में पुलिस टीम ने मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान GST विभाग से संबंधित फर्मों की जानकारी मांगी गई। जांच में पता चला कि शिकायतकर्ता के नाम पर बनी फर्मों के पते फर्जी हैं और वहां कोई कारोबारी गतिविधि नहीं है।



ऐसे गिरफ्त में आया संदीप

पुलिस ने तकनीकी निगरानी के बाद संदीप को चुलकाना, पानीपत से गिरफ्तार किया। पूछताछ में संदीप ने बताया कि वह पिछले सात वर्षों से वकील इंद्रपाल के साथ काम कर रहा है और उसी के निर्देश पर GST फर्मों को खरीदकर लॉगिन विवरण बदलता था। बाद में इंद्रपाल को दबोचा गया।



उसने स्वीकार किया कि वह दिल्ली में अपने अन्य साथियों से 25,000 से 30,000 रुपये में एक फर्म खरीदता था। जिसमें लॉगिन डिटेल्स और सिम कार्ड भी शामिल होते थे। इसके बाद वह संदीप की मदद से फर्म की ईमेल और मोबाइल नंबर बदलकर GST फर्जीवाड़ा करता था। पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है।



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