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अक्सर रहते हैं चिड़चिड़े, नहीं आती नींद, डाइजेशन है बिगड़ा हुआ,वजह है स्ट्रेस डॉक्टर ने किया खुलासा

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आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में तनाव एक आम समस्या बन चुकी है, लेकिन ज़रूरी नहीं कि हर व्यक्ति इसे खुले तौर पर महसूस करे। कई बार स्ट्रेस हमारे भीतर ही भीतर पलता रहता है और हम उसे नजरअंदाज़ करते रहते हैं। यही छुपा हुआ तनाव धीरे-धीरे शरीर और दिमाग को नुकसान पहुंचाता है।


डॉ. गोरव गुप्ता, सीईओ और वरिष्ठ मनोचिकित्सक, तुलसी हेल्थकेयर, गुरुग्राम,के अनुसार जब आप बार-बार थकान महसूस करें, छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आए या नींद पूरी होने के बाद भी शरीर भारी लगे, तो ये संकेत हो सकते हैं कि तनाव आपके जीवन में गहराई से प्रवेश कर चुका है। अधिकतर लोग इन लक्षणों को मामूली समझकर अनदेखा कर देते हैं, जो कि बेहद खतरनाक हो सकता है।

छिपा हुआ तनाव मेंटल हेल्थ पर ही असर नहीं डालता बल्कि दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर से संबंधित बीमारी डाइजेशन से जुड़ी समस्या कमजोर इम्यूनिटी, जैसी शारीरिक बीमारियों को भी जन्म दे सकता है। इसलिए समय रहते इसे पहचानना और सही उपाय अपनाना बेहद ज़रूरी है। आज हम ऐसे ही कुछ छिपे संकेतों और उनसे निपटने के उपायों पर बात करेंगे। (Photo Credit): iStock


बार-बार थकान महसूस होना image

अगर आप पर्याप्त नींद लेने के बाद भी हर वक्त थके-थके महसूस करते हैं, तो यह केवल शारीरिक कमजोरी नहीं बल्कि मानसिक तनाव का परिणाम हो सकता है। जब दिमाग लगातार तनाव में रहता है, तो शरीर की ऊर्जा धीरे-धीरे खत्म होने लगती है। इससे थकान सामान्य दिनचर्या का हिस्सा बन जाती है। यह लक्षण आपके शरीर का अलार्म हो सकता है कि अब आपको ब्रेक की ज़रूरत है।


मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन image

रिसर्च के मुताबिक स्ट्रेस का एक बड़ा संकेत है अचानक मूड का बदलना—कभी गुस्सा, कभी दुख, तो कभी घबराहट। जब तनाव बढ़ता है, तो शरीर में कोर्टिसोल नामक हार्मोन का स्तर ऊपर जाता है, जिससे मानसिक असंतुलन होता है। यह आपके व्यवहार को भी प्रभावित करता है और रिश्तों में दरार पैदा कर सकता है। इसे पहचानना और समय पर मैनेज करना ज़रूरी है।


नींद की क्वालिटी में गिरावट image

तनावग्रस्त व्यक्ति को या तो नींद आने में बहुत समय लगता है या बार-बार नींद टूटती है। यह एक चक्र है जहां तनाव नींद को प्रभावित करता है और नींद की कमी तनाव को और बढ़ा देती है। इससे दिमाग को आराम नहीं मिल पाता, और दिनभर झुंझलाहट व ऊर्जा की कमी बनी रहती है। अच्छी नींद मानसिक स्वास्थ्य की पहली ज़रूरत है।


बार-बार बीमार पड़ना image

तनाव सीधे इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है। जब आप लगातार तनाव में रहते हैं, तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है। इसका नतीजा होता है बार-बार सर्दी-जुकाम, बदहजमी या त्वचा की समस्याएं। अगर आप अक्सर बीमार रहते हैं, तो संभव है कि आपके भीतर छिपा तनाव इसका कारण हो।


भूख कभी कम कभी ज्यादा image

कभी बहुत ज़्यादा खाना, तो कभी भूख न लगना—ये दोनों ही स्ट्रेस के लक्षण हो सकते हैं। तनाव के दौरान लोग भावनात्मक रूप से खाने लगते हैं या बिल्कुल भूख खो बैठते हैं। इससे न केवल शरीर पर असर पड़ता है, बल्कि वजन भी असंतुलित हो सकता है। खाने की आदतों में आए बदलावों को नजरअंदाज न करें।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।

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