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Yoga Day: धूल, धुआं, बलगम... फेफड़ों से सारा कचरा निकालेंगे 5 योग, खुलकर आएगी सांस

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फेफड़े शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से हैं, जो सांस लेने के काम आते हैं। इनका काम ऑक्सीजन देना, कार्बन डाइऑक्साइड निकालना, फिल्टर का काम करना, खून में पीएच बैलेंस बनाए रखना आदि है। फेफड़े खराब होने से कई नुकसान हो सकते हैं जैसे सांस लेने में तकलीफ, थकान और कमजोरी, अक्सर खांसी और बलगम, फेफड़ों में संक्रमण, ब्लड में ऑक्सीजन की कमी, नींद में सांस रुकना आदि।

कई बार धूल, धुआं, जहरीली गैसें, बलगम, सिगरेट का धुआं, प्रदूषण, बैक्टीरिया और केमिकल् आदि की वजह से फेफड़ों में गंदगी जमा हो जाती है। इस वजह से फेफड़े सही तरह काम नहीं कर पाते हैं। इससे आपको बार-बार खांसी आना, सांस लेने में तकलीफ या सीने में भारीपन, जल्दी थक जाना, घरघराहट या सीने में आवाज और बार-बार फेफड़ों का इंफेक्शन होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

फेफड़ों में भरी गंदगी को निकालने के लिए आप योग कर सकते हैं। आज यानि 21 जून को योग दिवस पर योग एक्सपर्ट मानसी गुलाटी आपको आपको कुछ ऐसे योगासन बता रही हैं जिनसे आप अपने फेफड़ों ओ स्वस्थ और मजबूत बना सकते हैं।
फेफड़ों की सफाई में योग कैसे मदद करता है? image

फेफड़ों में ऑक्सीजन लेने की क्षमता बढ़ाता है, फेफड़ों से बलगम और विषैले पदार्थ साफ करता है, श्वसन तंत्र में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है, डायाफ्राम और सांस की मांसपेशियों को मजबूत करता है, सूजन और तनाव को कम करता है।


अनुलोम-विलोम image

इसे करने के लिए आराम से ध्यान मुद्रा में बैठें, दाएं नथुने को अंगूठे से बंद करें और बाएं से सांस लें, अब बाएं नथुने को बंद करें और दाएं से सांस छोड़ें, इसे 5–10 मिनट तक दोहराएं। यह पूरी श्वसन प्रणाली को शुद्ध करता है, दोनों फेफड़ों में ऑक्सीजन का संतुलन बनाता है और नसों को शांत करता है।



कपालभाति image

इसे करने के लिए रीढ़ सीधी रखकर बैठें, सामान्य रूप से सांस लें और नाक से जोर से सांस छोड़ते हुए पेट अंदर खींचें, यह प्रक्रिया जल्दी-जल्दी करें (1 बार प्रति सेकंड)। इससे फेफड़ों से टॉक्सिन्स निकालता है, साइनस और नाक को साफ करता है और फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है।


भुजंगासन image

इसे करने के लिए पेट के बल लेटें, हथेलियां कंधों के नीचे रखें, सांस लेते हुए सीना ऊपर उठाएं, 10–30 सेकंड रुकें, फिर सांस छोड़ते हुए नीचे आएं। यह छाती को फैलाता है, फेफड़ों में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ाता है और रीढ़ को मजबूत करता है।


अर्ध मत्स्येन्द्रासन image

इसे करने के लिए दोनों पैरों को सामने फैलाकर बैठें, दाएं पैर को मोड़कर बाएं घुटने के बाहर रखें, शरीर को दाईं ओर मोड़ें और बाएं हाथ को दाएं घुटने के बाहर रखें, कुछ देर होल्ड करें फिर दिशा बदलें। यह फेफड़ों और डिटॉक्स अंगों को सक्रिय करता है, फेफड़ों की लचीलापन और क्षमता बढ़ाता है और पाचन भी सुधारता है।


धनुरासन image

इसे करने के लिए पेट के बल लेटें, टखनों को पकड़ें, सांस लेते हुए छाती और पैरों को ऊपर उठाएं, पेट पर संतुलन बनाएं और होल्ड करें। यह छाती की जगह को फैलाता है, फेफड़ों की लचीलापन बढ़ाता है, जमा विषैले तत्वों को बाहर निकालता है।



डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।

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