राजगढ़: जिले में उस वक्त हड़कंप मच गया जब दो गावों के करीब 30 बच्चे गोलगप्पे खाने के बाद बीमार पड़ गए। रात में इन बच्चों को अचानक से उल्टी-दस्त होने लगा। आनन फानन में परिजनों ने एक प्राइवेट अस्पताल में बच्चों को भर्ती कराया। बताया जा रहा है कि सभी बच्चों को फूड प्वाइजनिंग हुआ है। दरअसल, ग्रामीणों का कहना है कि पिपल्या कला और बाजरोन गांव में शाम 5 बजे बच्चों ने गोलगप्पे खाया था। रात करीब 9 बजे से एक के बाद एक बच्चों की तबीयत खराब होनी शुरू हो गई। बच्चों को उल्टी दस्त और घबराहट जैसी समस्या होने लगी। हालत बिगड़ने पर बच्चों को जीरापुर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। शुरुआत में तो कुछ समझ नहीं आया, बाद में पता चला की गोलगप्पे खाने से बच्चे फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गए है। अस्पताल में बच्चों को ड्रिप लगाकर इलाज किया गया है। रात 12 बजे तक करीब 30 बच्चों को भर्ती कराया गया था। केमिकल डाल रहे विक्रेतालोगों का कहना है कि गोलगप्पे के पानी में नींबू, इमली और मसालों की जगह केमिकल युक्त सिरप और घटिया पानी मिलाया जा रहा है। इस सब के बावजूद भी अब तक न तो खाद्य विभाग की कोई जांच हुई है, और न ही इन विक्रेताओं की सामग्री के नमूने लिए गए हैं। गांवों में बच्चे स्वाद के लालच में एक साथ 15-20 तक गोलगप्पे खा रहे हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। तहसीलदार ने दिए जांच के निर्देश तहसीलदार ने इस मामले में कहा कि गोलगप्पे खाने के बाद बच्चों के बीमार होने की जानकारी मिली है। मैंने बीएमओ को इस मामले में जांच के लिए निर्देश दिए है। खाद्य विभाग को गोलगप्पे विक्रेताओं के सैंपल लेकर जांच देने के निर्देश देंगे।
You may also like
Udaipur Police Brutality: Youth in Coma After Alleged Custodial Beating, Family Cries for Justice
नहाती हुई महिलाओं के वीडियो रिकॉर्ड करता था शख्स, पत्नी ने इस तरह किया पर्दाफाश ⑅
नक्सल मुक्त हुए ग्राम बड़ेशेट्टी पंचायत को एक करोड़ की राशि स्वीकृतः सुकमा एसपी
जल गंगा संवर्धन अभियान को नागरिकों-जनप्रतिनिधियों के सहयोग से बनाएं सफल : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
एस.एम.एस. ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के संस्थापक व अध्यक्ष का निधन