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पीएम मोदी ने दौरे के लिए क्यों चुना अशोकनगर का आनंदपुर धाम? राजनीति के जानकारों की थ्योरी जानें

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अशोकनगर: मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले के दौरे पर आए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौर को लेकर देशभर में चर्चा है, ऐसे में देश के प्रधानमंत्री छोटे से जिले में स्थित अद्वैत मठ के प्रमुख धाम आनंदपुर आना राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का विषय बना है। ऐसे में इस ट्रस्ट के और उनके दौरे को लेकर आमजन के साथ सीनियर जर्नलिस्ट की भी मिश्रित राए सामने आई है। पत्रकारों की मिली-जुली आई प्रतिक्रियामोदी के अशोकनगर जिले के आनंदपुर दौरे को लेकर शहर के वरिष्ठ पत्रकारों की मिश्रित प्रतिक्रिया आई है। जहां जिले के वरिष्ठ पत्रकार हितेंद्र बुधौलिया ने प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर NBT से चर्चा करते हुए बताया कि यह दौरा मिश्रित प्रतिक्रिया जैसा है, खुशी इसलिए कि पहली बार कोई प्रधानमंत्री अशोक नगर आए हैं और निराशा इसलिए की पहली बार प्रधानमंत्री आए और जिले को कुछ नहीं मिला। आश्रम का लगभग 100 साल का इतिहाससभी को उम्मीद थी, भले ही दौरा धार्मिक हो लेकिन जब कोई प्रधानमंत्री और नरेंद्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री आता है तो उम्मीद और बढ़ जाती है। ऐसे में आश्रम का 100 साल का इतिहास है, पहली बार कोई राजनेता इस तरीके से यहां आ रहे हैं और अपने प्रोटोकॉल को तोड़कर आए हैं। यहां कभी कोई राजनेता नहीं आया। अमूमन देखने में आया है कि बड़े नेता जब भी कहीं जाते हैं तो उनका उद्देश्य कुछ बड़ा होता है और स्थानीय मीडिया हो या राजनीतिक विशेषज्ञ वह जानने का प्रयास करते हैं कि आखिर इसके पीछे क्या उद्देश्य है। ये भी हो सकते हैं कारण?ऐसा लगता है दिल्ली चुनाव में बीजेपी को सफलता मिली है जहां इस मठ के अनुयाई और मानने वाले ज्यादा है और देश विदेश में भी इनकी संख्या लाखों में है तो यह धार्मिक दौरे के जरिए कुछ कारण हो सकता है ऐसे विचार आते है और दूसरा देखने में आ रहा है कि पिछले कुछ दिनों से मोदी छोटे - छोटे मंदिरों और मठों में पैंठ बना रहे तो दोनों तरह के कारण हो सकते हैं। इस बात से छाई मायूसीवहीं, जिले के वरिष्ठ पत्रकार संतोष शर्मा बताते हैं कि अविभाजित जिले के बाद पहली बार कोई प्रधानमंत्री जिले में आए हैं। यह दौरा धार्मिक है लेकिन प्रधानमंत्री आते हैं तो सौगात की उम्मीद बन जाती है। ऐसे में लोगों को उम्मीद थी कि वह चंदेरी ईसागढ़ रेल लाइन की घोषणा कर सकते हैं लेकिन उनका दौरा केवल धार्मिक दौरा रहा, जिसे आमजन को विशेष फायदा नहीं हुआ, जिसके कारण लोगों में मायूसी है।

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