आपसे करती हूं ये वादा

मुझे अफसोस होता है कि कई बार मैं व्यस्तता में आपको फोन नहीं कर पाती, या आपकी भेजी हुई तस्वीर पर जवाब नहीं देती, लेकिन यकीन मानिए मां हर वक्त आप दिल में रहती हैं। जब कुछ अच्छा होता है, तो मन करता है सबसे पहले आपको बताऊं और जब कुछ बुरा होता है, तो बस आपकी गोद में छिपकर रोने का मन करता है। आपसे दूर रहकर अब समझ आया है कि आपकी उपस्थिति ही मेरी सबसे बड़ी ताकत थी और है। आप न हों तो लगता है जैसे कुछ छूट गया है।मां, आपने मुझे न केवल जीवन जीना सिखाया, बल्कि आपने जो संस्कार दिए, वो हर कदम पर आपका आशीर्वाद बनकर मेरे साथ होते हैं। आपने जो आत्मविश्वास दिया, वो मुझे दुनिया के सामने सिर उठाकर खड़े होने की हिम्मत देता है। मम्मी इस मदर्स डे पर मैं आपसे एक वादा करना चाहती हूं कि चाहे आपसे कितनी भी दूर रहूं आपसे रोज फोन पर बात करूंगी। आपको हर उस त्याग के लिए शुक्रिया मां, जो आपने मेरे लिए किया।आप दुनिया की सबसे अच्छी मां हैं। मैं खुद को दुनिया की सबसे खुशनसीब बेटी मानती हूं, क्योंकि मेरे पास आप हैं।आपकी बेटीलव यू मां(फोटो- ET)
मेरी प्यारी मां के नाम
मां…सूरज की तपिश में छांव तेरा आंचलमुझे हर बुरी नजर से बचाए तेरा काजलमेरे हर राज को अपने दिल के संदूक में छुपाकर रखेमां मुझे उम्र के हर मोड़ पर तेरी जरूरत रहेकरनी चाही सबने बयां, मां तेरी दास्तांकदमों में तेरे जन्नत का रास्ता, पनाह में खुशियों का आसमांकल्पनाओं में तुझे खोजना नहीं आसानदिल चाहे पूरा करूं तेरा हर अरमानकैसे लफ्जों में पिरोऊं मां तेरे रूप कोअपने आंचल में समेट लेती है गम की हर धूप कोमां आज बहुत कुछ कहने का मन कर रहा है। बहुत दिनों से जो बातें दिल में हैं, उन्हें शब्दों में उतारने की कोशिश कर रही हूं। आज मदर्स डे के इस खास दिन पर, बस दिल ने कहा कि जो महसूस करती हूं, वही लिखूं… बिना किसी बनावट के, बिना किसी रोक के… बस उतना ही सच जितनी आप हैं।
(फोटो- Pexels)
आपकी गोद में ही मिलता सुकून

मां, बचपन की बातों को याद करूं तो आपकी गोद ही मेरी सबसे पहली और सबसे प्यारी दुनिया थी। उस गोद में मुझे सुकून मिला, सुरक्षा मिली और सबसे बढ़कर...बिना शर्त का प्यार मिला। आप मेरी पहली पहचान थीं और आज भी हैं. आज इतने सालों बाद भी जब कोई मुझे आपके जैसी कहता है, तो दिल गर्व से भर जाता है।
जब मैं छोटी थी और चोट लगती थी, तो आप बस एक फूंक मार देती थीं और दर्द जैसे गायब हो जाता था। जब बुखार आता था, तो आपकी हथेली का स्पर्श ही सबसे बड़ी दवा लगता था। जब पहली बार स्कूल गई थी, तो आपने दूर खड़े होकर हाथ हिलाया था और मेरी आंखों के आंसू आपकी आंखों में भी थे, लेकिन फिर भी आपने मुस्कुरा कर मुझे स्कूल भेजा, क्योंकि आप जानती थीं कि मुझे दुनिया से लड़ना सीखना है।
(फोटो- TOI)
दिल का एक हिस्सा अधूरा
मां, अब जब मैं आपसे मीलों दूर हूं तो समझ पाती हूं कि आप कितना कुछ चुपचाप सहती थीं। सिर्फ मुझे मुस्कुराता देखने के लिए। आपने कभी अपने थकने की शिकायत नहीं की, कभी अपनी नींद के बारे में नहीं बताया। बस मेरे लिए हर दिन, हर वक्त हाजिर रहीं।आज जब मैं किसी और शहर में हूं और आपसे मिलने का मौका बहुत कम मिलता है, तो लगता है जैसे दिल का एक हिस्सा अधूरा रह गया हो। सुबह उठते ही आपके आवाज लगाने की आदत थी। अब मोबाइल के अलार्म की आवाज में वो अपनापन कहां? आप जो प्यार से चाय पकड़ा देती थीं, उसमें जो स्वाद होता था, वो यहां किसी कॉफी मशीन में नहीं।
(फोटो- Pexels)
मां का नहीं होता कोई विकल्प
मां, अब जब खुद घर संभालती हूं, खाना बनाती हूं, तो याद आता है कि आप कैसे हर स्वाद मेरी पसंद का बनाती थीं। वो सादी दाल भी इतनी खास कैसे बन जाती थी… अब समझ आया कि उसमें आपके हाथों का प्यार घुला होता था।आपसे दूर रहकर मैंने बहुत कुछ सीखा है… लेकिन सबसे बड़ी सीख ये मिली कि मां का कोई विकल्प नहीं होता।कभी-कभी ऐसा लगता है जैसे सब कुछ है मेरे पास नौकरी, घर, लोग, शांति...लेकिन जब थककर घर लौटती हूं, तो दरवाजा खोलते ही सबसे पहले दिल कहता है - काश मां होती! बस एक बार माथा सहला देती, एक बार कह देती – "सब ठीक हो जाएगा बेटा", तो शायद दिन की सारी थकान छूमंतर हो जाती।(फोटो- BCCL)
मां की छोटी गुड़िया

मां, मुझे याद है जब मैं पढ़ाई के लिए पहली बार घर से दूर गई थी, तो आपने कितनी बार फोन कर-कर के पूछा था – "खाना खा लिया?", "समय से सोई?", "कोई तकलीफ तो नहीं?"… और मैं अक्सर झुंझलाकर कहती थी – "मां मैं बड़ी हो गई हूं, लेकिन आज जब खुद मां जैसी जिम्मेदारियां निभा रही हूं, तो समझ आता है – बेटी कभी मां के लिए बड़ी नहीं होती… वो हमेशा उसकी छोटी सी गुड़िया ही रहती है।आपने मेरे बचपन को जितना सुंदर बनाया, उतनी ही मजबूती दी मेरे जीवन को। आपकी वो बातें जो बचपन में अक्सर दोहराई करती थीं – "कभी किसी से झूठ मत बोलना", "कभी किसी को Intentionally तकलीफ मत देना", "सबसे पहले अपने आप से सच्चे रहना" – आज मेरी सबसे बड़ी ताकत हैं।मां, आज भी जब परेशान होती हूं, तो सबसे पहले आपकी आवाज याद आती है। जब बीमार होती हूं, तो आपकी चिंता भरी आंखें याद आती हैं। जब अकेलापन लगता है, तो आपकी गोद की गर्माहट याद आती है। जब कभी अपनी गलतियों पर शर्मिंदा होती हूं, तो आपकी वो माफ कर देने वाली मुस्कान याद आती है।(फोटो- TOI)
मां से दूरी बहुत कुछ सिखाती है
मां, आपने मेरे लिए सिर्फ मां का नहीं, हर रिश्ते का किरदार निभाया। आपने पापा की सख्ती के बीच मुझे ढाल बनकर बचाया, बहन बनकर मेरे बाल बांधे, सहेली बनकर मेरी हर बात सुनी और भगवान बनकर हर बुराई से दूर रखा। आपने खुद के लिए कभी नहीं जिया मां, बस हमारे लिए जीती रहीं और अब, जब मैं आपके पास नहीं हूं... जब मिलना बस साल में कुछ बार ही होता है, तो हर मुलाकात अनमोल हो जाती है। वो कुछ दिन जब आपके साथ होती हूं, हर मिनट को संभालकर जीती हूं। आपकी हंसी, आपकी बातें, आपका खाना… सब कुछ जैसे मन में संजो लेती हूं, ताकि वापस आकर उनकी यादों के सहारे जी सकूं।मां, ये दूरी बहुत कुछ सिखाती है। सिखाती है कि रिश्तों को कैसे संभालना चाहिए, कैसे समय निकालना चाहिए और सबसे जरूरी बात – किसी को जितना प्यार करते हैं, उतना जताना भी चाहिए। क्योंकि कौन जाने अगली मुलाकात कब हो…(फोटो- TOI)
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