विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से देश की आर्थिक वृद्धि वित्त वर्ष 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में धीमी होकर 7.4 प्रतिशत रही। इसके साथ ही पूरे वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी वृद्धि दर घटकर चार साल के निचले स्तर 6.5 प्रतिशत पर आ गई। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। इससे पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की जनवरी-मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत रही थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च तिमाही में वृद्धि दर के सुस्त पड़ने से समूचे वित्त वर्ष (2024-25) में जीडीपी वृद्धि दर घटकर 6.5 प्रतिशत पर आ गई।वित्त वर्ष 2023-24 में देश की जीडीपी 9.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर 330.68 लाख करोड़ रुपये यानी लगभग 3.9 लाख करोड़ डॉलर हो गया। इसके साथ ही अगले कुछ वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था के पांच लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने के लिए मंच तैयार हो गया है।
जीडीपी डेटा से पहले शेयर बाजार लाल निशान में बंदभारतीय शेयर बाजार शुक्रवार को सरकार की ओर से चौथी तिमाही का जीडीपी डेटा जारी किये जाने से पहले लाल निशान में बंद हुआ। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 182.01 अंक या 0.22 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 81,451.01 और निफ्टी 82.9 अंक या 0.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,750.70 पर था। आने वाले सत्रों में इन आंकड़ों का असर बाजार पर देखने को मिलेगा। मिडकैप और स्मॉलकैप करीब सपाट बंद हुए हैं। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 37.25 अंक की गिरावट के साथ 57,420.00 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 6.10 अंक की कमजोरी के साथ 17,883.30 पर बंद हुआ।
मेटल और आईटी शेयरों ने गिरावट का नेतृत्व किया। निफ्टी मेटल इंडेक्स 1.69 प्रतिशत और निफ्टी आईटी इंडेक्स 1.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। इसके अलावा ऑटो, फार्मा और एफएमसीजी में भी गिरावट देखी गई। पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज और मीडिया इंडेक्स ही हरे निशान में बंद हुए। सेंसेक्स पैक में इटरनल (जोमैटो), एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, एलएंडटी और बजाज फिनसर्व टॉप गेनर्स थे। टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, एशियन पेंट्स, एनटीपीसी, इन्फोसिस, टाटा स्टील, नेस्ले, सन फार्मा, पावर ग्रिड और टीसीएस, एमएंडएम, टाइटन टॉप लूजर्स थे।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 6.99 अरब डॉलर बढ़कर 692.72 अरब डॉलर परदेश का विदेशी मुद्रा भंडार 23 मई को समाप्त सप्ताह में 6.99 अरब डॉलर बढ़कर 692.72 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इसके पहले 16 मई को समाप्त हुए सप्ताह में कुल विदेशी मुद्रा भंडार 4.89 अरब डॉलर घटकर 685.73 अरब डॉलर रह गया था। सितंबर, 2024 के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, 23 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का एक प्रमुख हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियां 45.16 लाख डॉलर बढ़कर 586.17 अरब डॉलर हो गईं।
डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है। समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य 2.37 अरब डॉलर बढ़कर 83.58 अरब डॉलर हो गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 8.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.57 अरब डॉलर हो गया। केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास भारत का आरक्षित भंडार भी तीन करोड़ डॉलर बढ़कर 4.40 अरब डॉलर हो गया।
ओला इलेक्ट्रिक के शेयर करीब 10 प्रतिशत फिसलेओला इलेक्ट्रिक के शेयर में शुक्रवार को बड़ी गिरावट देखने को मिली है। इसकी वजह वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में कंपनी का नुकसान दोगुना होना है। कारोबारी सत्र में ओला इलेक्ट्रिक के शेयर की शुरुआत 9.73 प्रतिशत की गिरावट के साथ 48.06 रुपए पर हुई। यह 9 मई के बाद शेयर का सबसे न्यूनतम स्तर था। इसके बाद शेयर में हल्की रिकवरी देखने को मिली और दोपहर को 5.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 50.54 रुपए पर था। ओला इलेक्ट्रिक के शेयर प्रदर्शन लगातार खराब बना हुआ है। इस साल की शुरुआत से अब तक यह 41.5 प्रतिशत गिर चुका है। वहीं, अपने ऑल-टाइम हाई से यह करीब 70 प्रतिशत लुढ़क चुका है। ओला इलेक्ट्रिक ने गुरुवार को वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के नतीजे पेश किए थे। जनवरी-मार्च अवधि में कंपनी का घाटा सालाना आधार पर 109 प्रतिशत बढ़कर 870 करोड़ रुपए हो गया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 416 करोड़ रुपए था।
वित्त वर्ष 25 की मार्च तिमाही में कंपनी की ऑपरेशंस से आय सालाना आधार पर 61.8 प्रतिशत कम होकर 611 करोड़ रुपए रह गई है, जो कि एक साल पहले समान अवधि में 1,598 करोड़ रुपए थी। 2021 के अंत में अपने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की कमर्शियल डिलीवरी शुरू करने के बाद से यह कंपनी का सबसे खराब तिमाही प्रदर्शन है। पूरे वित्त वर्ष 2025 के लिए ओला इलेक्ट्रिक की आय भी घटकर 4,645 करोड़ रुपए रह गई है, जो वित्त वर्ष 2024 में 5,126 करोड़ रुपए थी। हालांकि, कंपनी ने कहा कि वह अपनी आंतरिक लागत कटौती पहल ‘प्रोजेक्ट लक्ष्य’ के माध्यम से लागत दक्षता और मुनाफे की दिशा में काम कर रही है। कंपनी ने बताया कि ऑटो सेगमेंट के ऑपरेटिंग कॉस्ट स्ट्रक्चर को अप्रैल 2025 में पहले ही 121 करोड़ रुपए तक लाया जा चुका है, जिसका लक्ष्य जून 2025 तक 110 करोड़ रुपए है। ओला इलेक्ट्रिक ने कहा कि प्रोजेक्ट लक्ष्य और प्रोजेक्ट विस्तार के माध्यम से वह अपने ऑटो सेगमेंट के लिए ईबीआईटीडीए ब्रेक-ईवन पॉइंट को 25,000 यूनिट प्रति माह से कम करने में सफल रही है।
डिजिटल लेन-देन में UPI की हिस्सेदारी बढ़कर 83.7 प्रतिशत हुईयूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने भारत के डिजिटल पेमेंट सिस्टम में अपना दबदबा मजबूत किया है। इसकी कुल लेन-देन मात्रा में हिस्सेदारी पिछले वित्त वर्ष के 79.7 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 83.7 प्रतिशत हो गई है। आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट से पता चलता है कि यूपीआई ने वित्त वर्ष 2025 के दौरान 185.8 बिलियन लेन-देन की सुविधा प्रदान की, जो सालाना आधार पर 41 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। मूल्य के संदर्भ में, यूपीआई लेन-देन वित्त वर्ष 2024 के 200 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 261 लाख करोड़ रुपए हो गया। आरबीआई ने कहा, "यूपीआई की सफलता ने भारत को ग्लोबल रियल टाइम पेमेंट में 48.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ अग्रणी स्थान पर पहुंचा दिया है।"
देश में कुल डिजिटल भुगतान, जिसमें भुगतान प्रणाली, कार्ड नेटवर्क और प्रीपेड भुगतान उपकरणों (पीपीआई) के माध्यम से लेनदेन शामिल हैं, वित्त वर्ष 2025 में 35 प्रतिशत बढ़कर 221.9 बिलियन हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह 164.4 बिलियन था। मूल्य के संदर्भ में, कुल डिजिटल भुगतान 17.97 प्रतिशत बढ़कर 2,862 लाख करोड़ रुपए हो गया। वित्त वर्ष 2025 में क्रेडिट कार्ड लेनदेन बढ़कर 4.7 बिलियन हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह 3.5 बिलियन था, जबकि डेबिट कार्ड के उपयोग में 29.5 प्रतिशत की तीव्र गिरावट देखी गई, जो घटकर 1.6 बिलियन लेनदेन रह गया। गैर-नकद खुदरा भुगतान की कुल मात्रा में डिजिटल लेनदेन की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2025 में 99.9 प्रतिशत रही, जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह 99.8 प्रतिशत थी।
आरबीआई ने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक 2028-29 तक 20 देशों में यूपीआई का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है। भूटान, फ्रांस, मॉरीशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका और यूएई में क्यूआर कोड के माध्यम से भारतीय यूपीआई ऐप की स्वीकृति पहले ही सक्षम हो चुकी है, जिससे भारतीय पर्यटक, छात्र और व्यावसायिक यात्री अपने घरेलू यूपीआई ऐप का उपयोग करके भुगतान कर सकते हैं। आरबीआई ने यह भी कहा कि धोखाधड़ी के मामलों की कुल घटनाओं में कमी आई है, लेकिन धोखाधड़ी की राशि तीन गुना बढ़कर 36,014 करोड़ रुपए हो गई है, जिसका मुख्य कारण धोखाधड़ी के नए तरीके हैं। इसके विपरीत, कार्ड और इंटरनेट धोखाधड़ी की मात्रा वित्त वर्ष 2024 में 29,802 से घटकर वित्त वर्ष 2025 में 13,516 हो गई।
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