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अर्थतंत्र की खबरें: पश्चिम एशिया में तनाव से शेयर बाजार में गिरावट और सोना की कीमत में तेजी, चांदी ऑल-टाइम हाई पर

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 स्थानीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला बुधवार को दूसरे कारोबारी सत्र में भी जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स 139 अंक और टूट गया। वहीं एनएसई निफ्टी 41 अंक के नुकसान में रहा। पश्चिम एशिया में तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर पर निर्णय से पहले निवेशकों के सतर्क रुख के बीच बाजार में गिरावट आई।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स शुरुआती लाभ को गंवाते हुए अंत में 138.64 अंक यानी 0.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,444.66 अंक पर बंद हुआ। कमजोर शुरुआत के बाद सूचकांक सुबह के कारोबार में 81,858.97 अंक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था लेकिन बाद में यह लाभ को कायम रखने में विफल रहा। सेंसेक्स एक समय 346.29 अंक तक टूट गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 41.35 अंक यानी 0.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,812.05 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में सर्वाधिक 1.79 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके अलावा अदाणी पोर्ट्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले, बजाज फिनसर्व और एनटीपीसी नुकसान में रहीं।

दूसरी तरफ, इंडसइंड बैंक में 5.12 प्रतिशत की तेजी आई। टाइटन, महिंद्रा एंड महिंद्रा और मारुति भी प्रमुख रूप से लाभ में रहीं।

जियोजीत इन्वेस्टमेंट लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘पश्चिम एशिया में जारी तनाव और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण घरेलू बाजार शुरुआती बढ़त बरकरार रखने में विफल रहे। हालांकि, मांग में सुधार की उम्मीद में वाहन और सोच-विचार कर खरीदे जाने वाली उपभोक्ता वस्तुओं से संबंधित कंपनियों के शेयरों तेजी आई।’’

रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा कि निफ्टी ने शुरुआत में बढ़त हासिल की, लेकिन मुख्य रूप से प्रमुख कंपनियों के शेयरों में बिकवाली दबाव के कारण यह गति बरकरार नहीं रह सकी।

मिश्रा ने कहा, ‘‘बाजार बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार के दौरान अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति समीक्षा के नतीजों पर प्रतिक्रिया देगा। हालांकि, ज्यादातर लोगों को प्रमुख ब्याज दर में बदलाव की उम्मीद नहीं है, लेकिन फेडरल रिजर्व की टिप्पणी... विशेष रूप से वैश्विक तनाव और व्यापार शुल्क चिंताओं के कारण मौजूदा वैश्विक अनिश्चितता के मद्देनजर अधिक महत्वपूर्ण होगी।’’

मझोली कंपनियों से संबंधित बीएसई मिडकैप और छोटी कंपनियों से जुड़ा बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 1,482.77 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने भी पिछले कारोबार में 8,207.19 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

एशिया के अन्य बाजारों में, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की 225 और चीन का शंघाई कम्पोजिट बढ़त में रहे, जबकि हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहा।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में तेजी का रुख था। अमेरिकी बाजार मंगलवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.35 प्रतिशत टूटकर 75.42 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को 212.85 अंक टूटा था जबकि एनएसई निफ्टी में 93.10 अंक की गिरावट आई थी।

डॉलर के मुकाबले रुपया 13 पैसे टूटकर 86.47 पर बंद

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 13 पैसे की गिरावट के साथ 86.47 (अस्थायी) पर बंद हुआ। जोखिम लेने से बचने तथा कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के कारण रुपये में यह गिरावट आई।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि कमजोर घरेलू शेयर बाजारों और डॉलर की मजबूती के बीच रुपये में गिरावट आई।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और विदेशी निवेशकों की बिकवाली दबाव के कारण भी रुपये पर दबाव रहा। उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया में जारी तनाव के बीच वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने की प्रवृत्ति के कारण घरेलू बाजार में गिरावट आई।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 86.42 पर खुला तथा 86.25 के उच्चतम स्तर और 86.57 के निचले स्तर को छूने के बाद कारोबार के अंत में 86.47 (अस्थायी) पर बंद हुआ। यह पिछले बंद से 13 पैसे की गिरावट है। मंगलवार को रुपया 30 पैसे की गिरावट के साथ 86.34 पर बंद हुआ था।

मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक, अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता के कारण रुपया नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा। पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव का असर रुपये पर पड़ सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, तनाव में किसी भी तरह की कमी से वैश्विक जोखिम वाली परिसंपत्तियों में सुधार देखने को मिल सकता है। कारोबारी अमेरिका से साप्ताहिक बेरोजगारी दावों के आंकड़ों से संकेत ले सकते हैं। इसके अलावा, वे फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के नतीजों का भी इंतजार कर सकते हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दर को यथावत रख सकता है। डॉलर-रुपया हाजिर कीमत 86.15 से 86.90 के बीच रहने की उम्मीद है।’’

छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.17 प्रतिशत घटकर 98.65 रह गया।

वैश्विक तेल मानक माने जाने वाले, ब्रेंट क्रूड की वायदा कीमत 0.86 प्रतिशत घटकर 75.79 डॉलर प्रति बैरल रह गयी।

घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 138.64 अंक टूटकर 81,444.66 अंक, जबकि एनएसई निफ्टी 41.35 अंक की गिरावट के साथ 24,812.05 अंक पर बंद हुआ।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने मंगलवार को शुद्ध आधार पर 1,482.77 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

सोना की कीमत में तेजी जारी, चांदी ऑल-टाइम हाई पर पहुंची

सोने और चांदी की कीमतों में बुधवार को तेजी देखने को मिली और 24 कैरेट के सोने की कीमत बढ़कर 99,500 रुपए प्रति 10 ग्राम के करीब और चांदी की कीमत ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गई है।

इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) द्वारा शाम को जारी की गई कीमतों के मुताबिक, 24 कैरेट के सोने की कीमत 307 रुपए बढ़कर 99,454 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है, जो कि मंगलवार को 99,147 रुपए प्रति 10 ग्राम थी।

22 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत बढ़कर 91,100 रुपए हो गई है, जो कि पहले 90,819 रुपए प्रति 10 ग्राम थी। वहीं, 18 कैरेट के 10 ग्राम सोने का दाम बढ़कर 74,591 रुपए हो गया है, जो कि पहले 74,360 रुपए प्रति 10 ग्राम था।

आईबीजेए द्वारा दिन में दो बार-सुबह और शाम सोने की कीमतें जारी की जाती हैं।

सोने के साथ चांदी की कीमत में भी इजाफा देखने को मिला है और यह ऑल-टाइम हाई पर बनी हुई है। बीते 24 घंटे में चांदी की कीमत 312 रुपए बढ़कर 1,09,412 रुपए प्रति किलो हो गई है, जो कि पहले 1,09,100 रुपए प्रति किलो थी।

एलकेपी सिक्योरिटीज के जतिन त्रिवेदी के मुताबिक, सोना सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है। निवेशक फेड के निर्णय के बाद ही इसकी दिशा तय होगी, जो कि भारतीय समय के अनुसार आज रात को 11:30 बजे आएगा। इसके अलावा निवेशकों की निगाहें इजरायल-ईरान संघर्ष और वैश्विक ट्रेड डील्स पर हैं।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी में सपाट कारोबार हो रहा है। खबर लिखे जाने तक कॉमैक्स पर सोना 0.05 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 3,408.42 डॉलर प्रति औंस और चांदी 0.10 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 37.11 डॉलर प्रति औंस पर थी।

1 जनवरी से अब तक 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम 76,162 रुपए से 23,292 रुपए या 30.58 प्रतिशत बढ़कर 99,454 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं, चांदी का भाव भी 86,017 रुपए प्रति किलो से 23,395 रुपए या 27.19 प्रतिशत बढ़कर 1,09,412 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है।

बार-बार फास्टैग रिचार्ज का झंझट होगा खत्म, नितिन गडकरी ने वार्षिक पास का किया ऐलान

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को वार्षिक फास्टैग का ऐलान किया। सरकार की ओर से यह घोषणा निजी वाहन चालकों पर टोल के बोझ को कम करने के लिए की गई है।

केंद्रीय मंत्री की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा, "एक ऐतिहासिक पहल के तहत, 15 अगस्त 2025 से 3,000 रुपए की कीमत वाला फास्टैग आधारित वार्षिक पास शुरू किया जा रहा है। यह पास सक्रिय होने की तिथि से एक वर्ष तक या 200 यात्राओं तक, जो भी पहले हो, वैध रहेगा।"

इस वार्षिक पास से निजी वाहन चालकों को बार-बार फास्टैग रिचार्ज से करने से छुटकारा मिल जाएगा और वे आसानी से बिना किसी रुकावट से यात्रा कर पाएंगे।

केंद्रीय मंत्री ने पोस्ट में आगे लिखा, "यह पास केवल गैर-व्यावसायिक निजी वाहनों (कार, जीप, वैन आदि) के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है और यह देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध यात्रा को संभव बनाएगा। वार्षिक पास को रिन्यू करने लिए जल्द ही राजमार्ग यात्रा ऐप और एनएचएआई / एमओआरटीएच की वेबसाइट्स पर एक अलग लिंक उपलब्ध करवाया जाएगा, जिससे प्रक्रिया सरल और सुगम होगी।"

केंद्रीय मंत्री के मुताबिक "यह नीति 60 किलोमीटर के दायरे में स्थित टोल प्लाजाओं को लेकर लंबे समय से चली आ रहें चिंताओं को संबोधित करेगी और एक ही सुलभ लेनदेन के माध्यम से टोल भुगतान को सहज बनाएगी। वार्षिक पास नीति, प्रतीक्षा समय घटाकर, भीड़ कम कर और टोल प्लाजाओं पर विवाद को समाप्त कर, लाखों निजी वाहन चालकों के लिए तेज, सुगम और बेहतर यात्रा अनुभव के लिए प्रतिबद्ध है।"

पिछले महीने चर्चा थी कि सरकार एक नई टोल नीति पर काम कर रही है, जो यात्रियों के लिए राजमार्ग यात्रा को अधिक सहज और किफायती बना सकती है।

इससे पहले अप्रैल में सरकार ने कहा था कि टोल प्लाजा पर वाहनों की निर्बाध, बिना किसी परेशानी के आवाजाही को सक्षम करने और यात्रा के समय को कम करने के लिए चुनिंदा टोल प्लाजा पर 'एएनपीआर-फास्टैग बेस्ट बैरियर-लैस टोलिंग सिस्टम' लागू किया जाएगा।

मंत्रालय ने बताया था कि यह एडवांस टोलिंग सिस्टम 'ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन' (एएनपीआर) टेक्नोलॉजी, जिसमें नंबर प्लेट से वाहनों की पहचान की जाती है और 'फास्टैग सिस्टम', जो कि रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) पर काम करता है, दोनों का मिश्रण होगा।

इस सिस्टम के तहत वाहनों से टोल हाई परफॉर्मेंस वाले एएनपीआर कैमरा और फास्टैग रीडर्स के माध्यम से लिया जाएगा, जिसमें वाहनों को टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी।

अहमदाबाद विमान दुर्घटना में कई मृतकों में बीमाधारक के साथ नामित भी; कंपनियां असमंजस में

बीमा कंपनियों को पिछले सप्ताह अहमदाबाद एयर इंडिया विमान हादसे के पीड़ितों के दावों का निपटान करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कई मामलों में पॉलिसीधारक और उसके नामित व्यक्ति (नॉमिनी), दोनों ही इस त्रासदी में मारे गए हैं।

अहमदाबाद से 12 जून को लंदन जाने वाले विमान की भयावह दुर्घटना में पूरे परिवार के खत्म हो जाने या पति-पत्नी में से किसी एक की मृत्यु हो जाने के मामले सामने आए हैं। इस विमान में सवार 241 लोगों और जमीन पर मौजूद 29 लोगों की जान चली गई थी।

हादसे के तुरंत बाद, भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा कंपनियों से कहा कि वे विदेशी चिकित्सा बीमा, व्यक्तिगत दुर्घटना और जीवन बीमा पॉलिसियों के जारी करने संबंधी अपने आंकड़ों से मृतक के विवरण का सत्यापन करें।

परामर्श में यह भी कहा गया कि यात्रियों की सूची में शामिल पुष्टिकृत मृत व्यक्तियों तथा दुर्घटना से प्रभावित इमारतों में रहने वाले व्यक्तियों के मामले में प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं के कारण किसी भी दावे को अस्वीकार या विलंबित नहीं किया जाएगा।

इसके बाद भारतीय जीवन बीमा निगम, न्यू इंडिया एश्योरेंस, एचडीएफसी लाइफ, इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस, बजाज आलियांज जीआईसी और टाटा एआईए इंश्योरेंस जैसी प्रमुख बीमा कंपनियों ने प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अहमदाबाद सिविल अस्पताल में अपनी सहायता खिड़की स्थापित की हैं।

बीमा कंपनियों ने कहा कि वे प्राधिकारियों द्वारा साझा किए गए आंकड़ों का अपने आंकड़ों से मिलान कर रही हैं तथा सक्रिय रूप से परिवारों से संपर्क कर रहे हैं।

एलआईसी के प्रशासनिक अधिकारी आशीष शुक्ला ने पीटीआई-भाषा को बताया कि कंपनी को अब तक अस्पताल और उसके कार्यालयों में 10 दावे प्राप्त हुए हैं।

बीमा कंपनी के अधिकारी ने कहा कि एक मामला ऐसा भी है, जिसमें बीमित व्यक्ति ने अपने जीवनसाथी को नामित किया था और दुर्घटना में दोनों की मौत हो गई।

इफ्को टोकियो इंश्योरेंस के मैनेजर (क्लेम) मनप्रीत सिंह सभरवाल ने भी एक ऐसे मामले का जिक्र किया जिसमें एक कंपनी के निदेशक और उनकी पत्नी (जो उनकी नामित थी) दोनों की विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई।

उन्होंने बताया कि कंपनी ने अपने कर्मचारियों का इफ्को टोकियो के साथ समूह बीमा कराया है।

टाटा एआईए के क्षेत्रीय परिचालन के प्रमुख अधिकारी निश्चल बुच ने कहा कि उन्हें अब तक सात दावे प्राप्त हुए हैं, जिनमें से एक ऐसा मामला है जिसमें मृतक ने अपने जीवनसाथी को नामित किया था और उसकी भी विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई।

बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह कार्य तब कठिन हो जाता है जब बीमाकृत व्यक्ति और नामित व्यक्ति दोनों की मृत्यु हो जाती है, जैसा कि विमान दुर्घटनाओं के मामले में होता है।

शुक्ला ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में, वे उत्तराधिकार प्रमाणपत्र तब मांगते हैं जब बीमाधारक और नामित व्यक्ति, दोनों की मृत्यु हो जाती है। एक विशेष मामले के रूप में, कंपनी ने अब अपवाद बनाया है।

उन्होंने कहा, “यदि बीमाधारक और नामांकित व्यक्ति, दोनों की मृत्यु हो गई है, तो हम श्रेणी-1 के वारिसों की तलाश करते हैं, जो आमतौर पर बच्चों जैसे रक्त संबंधी होते हैं। यदि कई बच्चे हैं, तो हम वारिसों से एक घोषणापत्र लेते हैं कि दावे का निपटान कैसे किया जाना है और कंपनी को क्षतिपूर्ति बॉन्ड जमा करना होता है।”

बुच ने कहा कि उनकी कंपनी की कानूनी टीम इस बात पर विचार कर रही है कि क्या उन मामलों में उत्तराधिकारियों की संयुक्त घोषणा मांगी जा सकती है, जहां बीमाधारक और नामित व्यक्ति, दोनों की मृत्यु हो गई हो।

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