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दुनिया की खबरें: ब्रिटेन में नीरव मोदी को कोर्ट से झटका और पाकिस्तान के विदेश मंत्री की गलत सूचना का पर्दाफाश

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ब्रिटेन की हाई कोर्ट ने भगोड़े नीरव मोदी को फिर से झटका दिया है। कोर्ट ने नीरव मोदी की चौथी बेल याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे रद्द कर दिया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

बता दें कि नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ 6,498.20 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी में आरोपी है।

बताया गया कि कोर्ट का यह निर्णय गुरुवार को आया, जब नीरव मोदी द्वारा दाखिल चौथी जमानत याचिका पर यूके हाईकोर्ट ने भारत सरकार (प्रॉसिक्यूशन) और बचाव पक्ष (नीरव मोदी) की दलीलों और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दिए गए लिखित सबूतों की विस्तृत समीक्षा की।

ईडी ने कोर्ट को बताया कि नीरव मोदी ने शेल कंपनियों के माध्यम से अवैध धन को भारत से बाहर, यहां तक कि ब्रिटेन तक भेजा है।

नीरव मोदी ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत मांगी थी, लेकिन अदालत ने इस आधार को खारिज करते हुए धोखाधड़ी की गंभीरता और उसके द्वारा की गई मनी लॉन्ड्रिंग को ध्यान में रखते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया।

उल्लेखनीय है कि नीरव मोदी को 19 मार्च 2019 को स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी भारत की अदालत द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट के आधार पर यूके सरकार से अनुरोध करने के बाद हुई थी।

इससे पहले नीरव मोदी ने यूके की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में छह बार और यूके हाईकोर्ट में तीन बार जमानत के लिए अर्जी दी थी, लेकिन हर बार उसकी याचिका खारिज कर दी गई। चौथी बार उसने 21 मार्च को यूके हाईकोर्ट के किंग्स बेंच डिवीजन में पिछली सुनवाई (7 मई 2024) के आदेश को चुनौती दी थी।

प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि इस केस में उन्होंने भारत और विदेशों में नीरव मोदी की 2,626.62 करोड़ रुपए की संपत्तियों का पता लगाया है और उन्हें जब्त किया है, जिनमें से कुछ संपत्तियां बैंकों को लौटाई भी गई हैं।

ईडी ने यह मामला 14 फरवरी 2018 को सीबीआई मुंबई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर दर्ज किया था।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री की गलत सूचना का पर्दाफाश, एआई फोटो को आधार बनाकर दी थी झूठी जानकारी

ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने न केवल भारत के नागरिक और सैन्य ठिकानों पर हमले किए, बल्कि भारत के खिलाफ सूचना दुष्प्रचार भी चलाया। भारत सरकार लगातार इंटरनेट पर पाकिस्तान की ओर से फैलाए जा रहे इस दुष्प्रचार की पोल खोल रही है। हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार का झूठा दावा भी पकड़ा गया है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने 15 मई, 2025 को सीनेट में एक बयान में दावा किया कि यूके के अखबार 'द डेली टेलीग्राफ' ने पाकिस्तान वायु सेना को 'आकाश का निर्विवादित राजा' कहा है। जबकि यह दावा एक एआई-जनरेटेड फोटो पर आधारित था, जिसे भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय ने फैक्ट चेक के माध्यम से सोशल मीडिया पर उजागर किया।

'पीआईबी फैक्ट चेक' ने पाक विदेश मंत्री के दावे को पूरी तरह फर्जी करार दिया और बताया कि 'द डेली टेलीग्राफ' की जिस हेडलाइन को आधार बनाकर यह दावा किया गया है, वह असल में एक एआई इमेज है, जो असली नहीं है और न ही किसी तरह से सच पर आधारित है। 'पीआईबी फैक्ट चेक' 'एक्स' अकाउंट पर पोस्ट में कहा, "सोशल मीडिया पर प्रसारित एक तस्वीर में दावा किया गया है कि यह ब्रिटेन के अखबार 'द डेली टेलीग्राफ' के पहले पन्ने की है, जिसमें शीर्षक है: 'पाकिस्तान वायु सेना: आसमान का निर्विवाद राजा' दिनांक 10 मई 2025।

"यह दावा झूठा है क्योंकि यह फोटो ही एआई से बनाई गई है। 'द डेली टेलीग्राफ' में ऐसा आर्टिकल कभी प्रकाशित ही नहीं हुआ था।"

इस गलत सूचना को पाकिस्तान ने जानबूझकर बढ़ावा दिया, जिससे पाक का डिजिटल धोखाधड़ी का एक और मामला सामने आया। इस फेक फोटो को आधार बनाकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने सीनेट में दावा किया था कि 'टेलीग्राफ' ने अपने लेख में पाकिस्तान को आकाश का निर्विवाद राजा बताया है। यह वीडियो भी सोशल मीडिया पर देखी गई और भारत सरकार ने इस दावे को खारिज किया। भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के साथ-साथ पाकिस्तान की लगातार झूठी सूचना के खिलाफ भी लड़ाई को मजबूत किया है।

हम भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत को प्रोत्साहित करना चाहते हैं: अमेरिका

अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा है कि उनका देश भारत और पाकिस्तान के बीच ‘‘सीधी’’ वार्ता को प्रोत्साहित करना और देखना चाहता है। यह बात राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस टिप्पणी से उलट है जिसमें उन्होंने कहा था कि वह कश्मीर मुद्दे के ‘‘समाधान’’ के लिए दोनों देशों के साथ मिलकर काम करेंगे।

विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता टॉमी पिगोट ने बृहस्पतिवार को प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘देखिए, हम संघर्षविराम देखकर खुश हैं। यही बात हम पिछले कुछ दिनों से कह रहे हैं, और हम दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। हमारा रुख इस पर स्पष्ट है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक कदम पीछे हटकर, राष्ट्रपति शांति स्थापना के वाहक हैं, और हम शांति की दिशा में प्रगति का जश्न मनाते हैं, तथा हम आशा करते हैं कि संघर्षविराम कायम रहेगा। और राष्ट्रपति ने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की प्रशंसा के मामले में भी स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्होंने शांति का मार्ग चुनकर जो समझदारी और धैर्य दिखाया है, वह उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।’’

चार दिन तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान 10 मई को संघर्ष समाप्त करने पर सहमत हुए।

ट्रंप ने बार-बार दावा किया है कि अमेरिका ने नयी दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच “संघर्षविराम” की मध्यस्थता की।

भारत सरकार के सूत्र कहते रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमति बनी है। उनका कहना है कि इसमें कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं था।

पिगोट ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘खैर, फिर से, हम संघर्षविराम देखकर खुश हैं, और हमारा ध्यान इसी पर है, सीधी बातचीत पर, जिसे हम देखना चाहते हैं। और फिर से, राष्ट्रपति ने स्पष्ट रूप से कहा है, उन्होंने शांति का मार्ग चुनने के लिए दोनों प्रधानमंत्रियों की प्रशंसा की है।’’

ट्रंप ने 10 मई को कहा था कि वह कश्मीर मुद्दे के ‘‘समाधान’’ के लिए भारत और पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात पर ‘‘गर्व’’ है कि वाशिंगटन संघर्षविराम के ‘‘ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय’’ पर पहुंचने में दोनों देशों की ‘‘मदद’’ करने में सक्षम रहा।

भारत हमेशा कहता रहा है कि कश्मीर मुद्दा द्विपक्षीय मामला है और इसमें किसी तीसरे पक्ष के लिए कोई जगह नहीं है तथा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर तथा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख हमेशा इसके अभिन्न और अविभाज्य अंग रहेंगे।

यूरोपीय नेता ट्रंप से सहमत, संघर्ष विराम वार्ता पर रूसी रुख को अस्वीकार्य बताया

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने शुक्रवार को कहा कि यूरोपीय नेताओं ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ इस बात पर सहमति जताई है कि संघर्ष विराम वार्ता पर रूस का रुख अस्वीकार्य है और वे एक समन्वित प्रतिक्रिया का इरादा रखते हैं।

स्टॉर्मर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने अभी-अभी (यूक्रेन के) राष्ट्रपति (वोलोदिमीर) जेलेंस्की के साथ बैठक की और फिर आज वार्ता में हुए घटनाक्रम पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के साथ फोन पर बात की, और रूसी रुख स्पष्ट रूप से अस्वीकार्य है।’’

अल्बानिया में यूरोपीय नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ उस बैठक के परिणामस्वरूप, (अमेरिका के) राष्ट्रपति ट्रंप के साथ चर्चा के तहत, हम अब अपनी प्रतिक्रियाओं को बारीकी से संरेखित और समन्वयित कर रहे हैं और ऐसा करना जारी रखेंगे।’’

रूस, यूक्रेन एक हजार युद्धबंदियों की अदला-बदली करने को सहमत हुए : रूसी अधिकारी

रूस और यूक्रेन ने 1,000 युद्धबंदियों की अदला-बदली करने के लिए शुक्रवार को सहमति जताई। रूसी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख व्लादिमीर मेदिंस्की ने दोनों देशों के बीच शांति वार्ता समाप्त होने के बाद यह जानकारी दी।

वर्ष 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण करने के बाद से युद्धबंदियों की यह पहली सबसे बड़ी अदला-बदली होगी।

मेदिंस्की ने यह भी कहा कि मॉस्को और कीव एक-दूसरे को युद्धविराम के लिए विस्तृत प्रस्ताव देने पर सहमत हुए हैं।

उन्होंने कहा कि यूक्रेन ने राष्ट्राध्यक्षों के बीच बैठक का अनुरोध किया है और रूस इस पर विचार करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि रूस वार्ता जारी रखने के लिए तैयार है।

ब्रिटेन की अदालत ने गायक क्रिस ब्राउन को हिरासत में रखने का आदेश दिया

ग्रैमी विजेता गायक क्रिस ब्राउन को शुक्रवार को ब्रिटेन की एक अदालत में पेश होने के बाद हिरासत में रखने का आदेश दिया गया। उन पर 2023 में लंदन के एक नाइट क्लब में एक संगीत निर्माता को बोतल से पीटने का आरोप है।

ब्राउन (36) पर ‘मैनचेस्टर मैजिस्ट्रेट्स कोर्ट’ में गंभीर शारीरिक क्षति पहुंचाने का आरोप लगाया गया। उन्होंने कोई दलील नहीं दी।

अभियोजक हन्ना निकोल्स ने कहा कि अपराध "बेहद गंभीर" था और ब्राउन ने 19 फरवरी, 2023 को लंदन के मेफेयर इलाके में टेप नाइट क्लब में निर्माता अबे डियाव पर कई बार बोतल से हमला किया था। घटना के समय ब्राउन ब्रिटेन की यात्रा पर थे।

निकोलस ने बताया कि इसके बाद ब्राउन ने डियाव का पीछा किया और उसे लात-घूंसों से मारा। हमले की यह घटना लोगों से भरे क्लब के सामने लगे एक निगरानी कैमरे में कैद हो गयी।

ब्राउन को मैनचेस्टर के एक होटल से गिरफ्तार किया गया।

उनका मामला लंदन के साउथवार्क क्राउन कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उन्हें 13 जून को पेश होना है। ब्राउन के प्रतिनिधि ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ की टिप्पणी के अनुरोध पर तुरंत जवाब नहीं दिया।

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