लाइव हिंदी खबर :- राजधानी दिल्ली में आयोजित इंटरनेशनल सोलर अलायंस की 8वीं असेंबली सत्रके दौरान फ्रांसीसी सरकार के क्लाइमेट एम्बेसडर बेनोआ फैराको ने जलवायु परिवर्तन और स्वच्छ ऊर्जा पर महत्वपूर्ण विचार रखे। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा ही भविष्य की स्थायी ऊर्जा प्रणाली की रीढ़ है और विश्व समुदाय को इसके विस्तार के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए।

फैराको ने अपने संबोधन में कहा कि भारत और फ्रांस के बीच ऊर्जा साझेदारी दुनिया के लिए एक मिसाल है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इंटरनेशनल सोलर अलायंस जैसे मंच वैश्विक ऊर्जा संक्रमण को गति देने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि फ्रांस, ISA के साथ मिलकर विकासशील देशों में सोलर प्रोजेक्ट्स को वित्तीय और तकनीकी सहायताप्रदान कर रहा है ताकि ऊर्जा की पहुंच और सस्टेनेबिलिटी दोनों सुनिश्चित हो सकें।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने के लिए सभी देशों को नवीकरणीय ऊर्जा निवेश, अनुसंधान और नवाचार में तेजी लानी होगी। फैराको ने भारत की सौर ऊर्जा उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि भारत अब वैश्विक स्तर पर ग्रीन एनर्जी लीडर के रूप में उभर रहा है।
इस सत्र में कई सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने भी सौर ऊर्जा विस्तार, हरित निवेश और ऊर्जा सहयोग के नए मॉडल पर विचार-विमर्श किया। इंटरनेशनल सोलर अलायंस का उद्देश्य दुनिया को सौर ऊर्जा आधारित स्वच्छ और सस्टेनेबल भविष्य की दिशा में आगे बढ़ाना है।
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