जयपुर के हरमाड़ा इलाके में सोमवार को हुआ भीषण डंपर हादसा अब एक दिल दहला देने वाले खुलासे के बाद फिर से चर्चा में है। इस हादसे में 14 लोगों की जान चली गई, जबकि करीब 10 लोग घायल हुए। दुर्घटना के बाद पुलिस ने आरोपी डंपर चालक को गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या (IPC की धारा 304) के तहत मामला दर्ज किया गया है। हादसे के दौरान सामने आए सीसीटीवी फुटेज देखकर हर कोई सिहर उठा। लगभग 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ता डंपर लगातार 17 वाहनों को टक्कर मारता चला गया और तब जाकर रुका जब वह सामने से आ रहे एक ट्रेलर में जा भिड़ा। घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। आरोपी चालक भी गंभीर रूप से घायल हुआ, लेकिन भीड़ ने उसे पकड़कर जमकर पीटा और फिर पुलिस के हवाले कर दिया।
हादसे से पहले दो बार पी शराब
जांच में सामने आया कि आरोपी चालक कल्याण सिंह मीणा, जो जयपुर ग्रामीण के शाहपुरा के भभुआ गांव का निवासी है, अलंकार कंस्ट्रक्शन कंपनी का ट्रक चला रहा था। उसने कबूल किया कि उसने यात्रा के दौरान दो बार शराब पी। पहले उसने चंदवाजी में देसी शराब पी, फिर भडारना पहुंचने के बाद दोबारा पीकर डंपर लेकर निकल पड़ा। कल्याण सिंह ने पूछताछ में बताया कि दुर्घटना से कुछ मिनट पहले उसकी डंपर की टक्कर एक कार से हुई थी। कार चालक ने गुस्से में उसे धमकाया और पीछा करने लगा। डर और घबराहट में डंपर चालक ने रॉन्ग साइड गाड़ी चढ़ा दी और बेकाबू होकर तेजी से दौड़ाने लगा। उसके बाद जो भी वाहन रास्ते में आए, वह उन्हें रौंदता चला गया। सीसीटीवी फुटेज में यह पूरा घटनाक्रम स्पष्ट दिखाई दे रहा है।
“कुछ याद नहीं, बस पैर एक्सीलेटर पर था”
पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी ने कहा, “मुझे कुछ भी याद नहीं है। बस पैर एक्सीलेटर पर था और गाड़ी अपने आप चलती रही। जो भी सामने आया, उसे कुचल दिया।” पुलिस ने आरोपी को घटनास्थल पर ले जाकर मौके की तस्दीक भी कराई, ताकि पूरे मामले की सच्चाई सामने आ सके। हादसे के बाद अलंकार कंस्ट्रक्शन कंपनी का मालिक रघुवीर सिंह फरार बताया जा रहा है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। वहीं, वह कार चालक जिससे आरोपी की झड़प हुई थी, वह भी फरार है। पुलिस दोनों की खोजबीन कर रही है ताकि पूरी घटना की कड़ी जोड़ी जा सके।
पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हादसे के समय चालक के खून में अल्कोहल की मात्रा कितनी थी और कंपनी ने सुरक्षा मानकों की अनदेखी क्यों की। जयपुर पुलिस कमिश्नर ने इस मामले को “प्राथमिकता जांच” में रखा है और कहा है कि इस तरह के हादसों को रोकने के लिए ट्रक ऑपरेटर्स पर निगरानी और सख्त लाइसेंस जांच की जाएगी।
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