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डोनाल्ड ट्रंप का नया टैरिफ झटका, दवाओं पर 100% शुल्क, भारत समेत वैश्विक व्यापार प्रभावित

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से अंतरराष्ट्रीय व्यापार में हलचल पैदा कर दी है। इस बार उन्होंने फार्मास्यूटिकल्स, फर्नीचर, किचन कैबिनेट और भारी ट्रकों पर नए टैरिफ लागू करने का ऐलान किया है। ये कदम खासकर उन देशों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है, जो अमेरिका को सबसे ज्यादा फार्मा प्रोडक्ट्स और अन्य वस्तुएं निर्यात करते हैं। ट्रंप का कहना है कि उनका लक्ष्य घरेलू उत्पादन (Domestic Manufacturing) को प्रोत्साहित करना है और इसीलिए जो कंपनियां अमेरिका में उत्पादन करेंगी, उन्हें इस टैरिफ से छूट मिलेगी। नए टैरिफ 1 अक्टूबर से लागू होंगे।

दवाओं और अन्य उत्पादों पर नए टैरिफ


राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि 1 अक्टूबर से दवाओं पर 100%, किचन कैबिनेट और बाथरूम वैनिटी पर 50%, फर्नीचर पर 30% और हैवी ट्रकों पर 25% टैरिफ लागू किया जाएगा। ट्रंप के सोशल मीडिया पोस्ट से यह स्पष्ट हुआ कि उनका यह कदम अगस्त में लागू ट्रेड स्ट्रक्चर और इंपोर्ट टैक्स तक सीमित नहीं है। उनका मानना है कि ये टैरिफ सरकार के बजट घाटे को कम करेंगे और अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि इन नए शुल्क से महंगाई बढ़ने की संभावना है और आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी पड़ सकती है। वहीं, कंपनियों और इम्प्लॉयर्स को पहले से लागू इंपोर्ट टैक्स के अनुभव से अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि वस्तुओं की बढ़ी कीमतें महंगाई को और तेज कर सकती हैं।

फार्मा कंपनियों पर प्रभाव और कीमतों में वृद्धि

ट्रंप ने कहा कि फार्मा टैरिफ उन कंपनियों पर लागू नहीं होंगे, जो अमेरिका में उत्पादन कर रही हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि पहले से मौजूद अमेरिकी फैक्ट्री वाले विदेशी कंपनियों पर यह टैरिफ कैसे लागू होगा। जनगणना ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में अमेरिका ने लगभग 233 अरब डॉलर की दवाइयां और औषधीय उत्पाद आयात किए। इससे कुछ दवाइयों की कीमतें दोगुनी होने की संभावना है, जिससे स्वास्थ्य सेवा और मेडिकेयर/मेडिकेड पर खर्च भी बढ़ सकता है।



फर्नीचर और भारी ट्रक पर टैरिफ का असर

ट्रंप ने बताया कि विदेशी फर्नीचर और कैबिनेटरी अमेरिकी बाजार में अत्यधिक प्रवेश कर रहे हैं, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य कारणों से रोका जाना चाहिए। नए शुल्क से घर बनाने की लागत बढ़ सकती है, खासकर तब जब आवास की कमी और उच्च लेंडिंग रेट्स के कारण खरीदार पहले ही दबाव में हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि भारी ट्रक और उनके पुर्जे घरेलू उत्पादकों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बड़े निर्माता जैसे पीटरबिल्ट, केनवर्थ, फ्रेटलाइनर और मैक ट्रक्स अब विदेशी व्यवधानों से सुरक्षित रहेंगे।

महंगाई और रोजगार पर असर

ट्रंप लंबे समय से यह दावा करते रहे हैं कि टैरिफ घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए कंपनियों को प्रेरित करेंगे। उन्होंने इस चिंता को खारिज किया कि टैरिफ की लागत उपभोक्ताओं पर पड़ेगी। फिर भी, पिछले 12 महीनों में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में 2.9% की वृद्धि हुई है, जबकि अप्रैल में यह 2.3% थी। श्रम सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल से अब तक मेकर्स ने 42,000 और बिल्डर्स ने 8,000 नौकरियां कम की हैं। ट्रंप का कहना है कि महंगाई कोई समस्या नहीं है और अमेरिका को अविश्वसनीय सफलता मिली है।

इस नए टैरिफ से भारत और अन्य फार्मा निर्यातक देशों के व्यापार पर सीधा असर पड़ेगा। दवाइयों और अन्य उत्पादों पर शुल्क बढ़ने से कीमतें महंगी हो सकती हैं और निर्यात प्रभावित हो सकता है।

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