New Delhi, 13 अक्टूबर . Prime Minister Narendra Modi ने Monday को New Delhi स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित एक भव्य कृषि कार्यक्रम में देश भर के किसानों के साथ सीधा संवाद किया. इस अवसर पर उन्होंने किसान कल्याण और कृषि आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 35,440 करोड़ रुपए की दो महत्वाकांक्षी योजनाओं का शुभारंभ किया. इस कार्यक्रम में कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व सफलता हासिल करने वाले किसानों ने अपने अनुभव साझा किए.
Prime Minister मोदी ने कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए दो प्रमुख योजनाओं, Prime Minister धन धान्य कृषि योजना और दलहन में आत्मनिर्भर मिशन की घोषणा की. Prime Minister धन धान्य कृषि योजना में 24,000 करोड़ रुपए का परिव्यय रखा गया है, जिसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और कृषि पद्धतियों में सुधार करना है.
वहीं, दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन में 11,440 करोड़ रुपए के बजट के साथ यह मिशन देश को दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने पर केंद्रित है. इन योजनाओं के अलावा, Prime Minister ने कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी 5,450 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया.
Haryana के हिसार जिले के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट किसान ने बताया कि वे काबुली चने की खेती के साथ-साथ मूल्य संवर्धन पर भी काम कर रहे हैं. उन्होंने ‘दुगारी वाले’ ब्रांड के नाम से चना, लहसुन और पापड़ जैसे उत्पाद बनाने के लिए 20 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया है. उनके उत्पाद जीएएम पोर्टल के माध्यम से सेना को भी बेचे जा रहे हैं.
Prime Minister मोदी ने छोटे किसानों को समूह बनाकर खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया. इसका एक सफल उदाहरण साझा करते हुए एक किसान ने बताया कि लगभग 1200 एकड़ भूमि पर अवशेष-मुक्त काबुली चने की खेती की जा रही है, जिससे बेहतर बाजार पहुंच और आय सुनिश्चित हुई है.
Gujarat के अमरेली जिले के एक एफपीओ ने बताया कि कैसे 2 करोड़ रुपए के जमानत-मुक्त Governmentी ऋण ने उनके 1,700 किसानों के संगठन को सशक्त बनाया.
एक किसान ने होटल में रूम बॉय के रूप में काम करने से लेकर 250 से अधिक गिर गायों की गौशाला के मालिक बनने तक की अपनी यात्रा साझा की, जिसमें पशुपालन मंत्रालय की 50 प्रतिशत सब्सिडी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
वहीं, Prime Minister मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के लाभार्थियों ने बताया कि कैसे इस योजना ने उन्हें नौकरी खोजने वाले से नौकरी देने वाला बना दिया है. कश्मीर के एक युवक ने मात्र दो वर्षों में 15 लाख रुपए का वार्षिक मुनाफा कमाया और 14 लोगों को रोजगार दिया.
Madhya Pradesh के जबलपुर के एक युवा उद्यमी ने एरोपोनिक तकनीक से बिना मिट्टी के आलू के बीज उगाने की अपनी विधि का प्रदर्शन किया, जिसे Prime Minister ने मजाकिया अंदाज में “जैन आलू” कहा. कश्मीरी सेब उत्पादकों ने बताया कि कैसे रेल कनेक्टिविटी ने उनके उत्पादों को दिल्ली तक पहुंचाना आसान और सस्ता बना दिया है.
किसानों ने बताया कि Prime Minister किसान सम्मान निधि योजना जैसी योजनाओं से उन्हें बीज खरीदने और समय पर बुवाई करने में बहुत मदद मिली है. 6000 रुपए की वार्षिक सहायता हमारे लिए एक वरदान साबित हुई है.
बातचीत के दौरान Prime Minister ने बाजरा जैसे मोटे अनाजों (श्री अन्न) को पानी की कमी वाले क्षेत्रों के लिए जीवन रेखा बताया और प्राकृतिक खेती को धीरे-धीरे अपनाने का सुझाव दिया.
सत्र का समापन करते हुए, Prime Minister ने देश भर के किसानों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि उनकी सफलता की कहानियां दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं. किसानों ने भी Prime Minister से सीधे बात करने का अवसर मिलने पर भावुक कृतज्ञता व्यक्त की.
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एसएके/डीएससी
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