चमोली, 23 अक्टूबर . उत्तराखंड के चमोली जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण में नई मिसाल बन रहा है. इस योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर देकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है.
जिले के दशोली विकासखंड की आठ ग्राम सभाओं की महिलाएं हरियाली स्वायत्त सहकारिता समूह, देवर-खडोरा से जुड़कर दूध उत्पादन और बिक्री के माध्यम से अपनी आजीविका कमा रही हैं.
लाभार्थी सुमन ने से बातचीत में बताया कि सहकारिता समूह के माध्यम से रोजाना सुबह दूध एकत्र किया जाता है और उसकी मॉनिटरिंग की जाती है. इस प्रणाली से न केवल गुणवत्ता सुनिश्चित होती है बल्कि समूह से जुड़ी महिलाओं की आय में भी निरंतर वृद्धि हो रही है.
वहीं, लाभार्थी ममता ने कहा कि आसपास के गांवों की महिलाएं दूध इकट्ठा कर उत्तराखंड Government की ग्रामोत्थान परियोजना के तहत संचालित दुग्ध डेयरी में बेचती हैं. इस डेयरी से समूह को हर महीने हजारों रुपए की कमाई हो रही है, जिससे दर्जनों परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधरी है.
समूह के संचालक मनोज के अनुसार, “सुबह दूध आने के बाद उसका वाटर लेवल और फैट जांचा जाता है, फिर उपभोक्ताओं को वितरित किया जाता है.” उन्होंने बताया कि आठ ग्राम सभाओं में दूध की आपूर्ति की जाती है, जिसमें करीब 128 लीटर दूध की दैनिक खपत होती है.
हरियाली स्वायत्त सहकारिता समूह से करीब 680 महिलाएं जुड़ी हुई हैं, जो इस डेयरी व्यवसाय से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से लाभान्वित हो रही हैं. इन महिलाओं को न केवल स्थायी आय का स्रोत मिला है, बल्कि आत्मविश्वास और सामाजिक पहचान भी मजबूत हुई है.
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत केंद्र Government ग्रामीण समुदायों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है. चमोली जिले में यह योजना अब सैकड़ों ग्रामीण महिलाओं के जीवन में नई रोशनी लेकर आई है.
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एएसएच/एबीएम
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