लखनऊ, 21 जून . अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के बीच सूर्य नमस्कार को लेकर सियासी घमासान मचा है. एक मुस्लिम धर्मगुरु बद्रे आलम ने सूर्य नमस्कार पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई. अब भाजपा के नेताओं ने मौलाना बद्रे आलम को जवाब दिया है. केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि मौलाना का आरोप बिल्कुल निराधार और बेतुका है.
भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने भी मौलाना बद्रे आलम की टिप्पणी पर जवाब दिया है. उन्होंने कहा, “कुछ लोगों को आपत्ति जताने की आदत होती है या फिर वो बस मीडिया की सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं. हालांकि, मैं दुनियाभर के उन सभी देशों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जिन्होंने योग को स्वीकार किया है.”
मौलाना बद्रे आलम की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए राकेश त्रिपाठी ने कहा, “चाहे योग हो या सूर्य नमस्कार, ये कोई आध्यात्मिक या धार्मिक अनुष्ठान नहीं है. ये हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है. दुर्भाग्य से कुछ लोग जानबूझकर कट्टर बने रहना और अंधविश्वास में फंसे रहना पसंद करते हैं. अपनी कठोर मानसिकता के कारण वो लोगों को योग से दूर रखने की कोशिश करते हैं, जो बीमारियों को रोकने और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है.”
इसी तरह उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि जब नमाज अदा की जाती है तो उसमें भी सूर्य नमस्कार जैसी प्रक्रिया आती है. सूर्य देव के बिना कोई भी जीवन प्रक्रिया संभव नहीं है. सूर्य के महत्व को समझना चाहिए और उस पर विवाद नहीं होना चाहिए.
धर्मगुरु बद्रे आलम संभल के चंदौसी की मस्जिद के मौलाना हैं. उन्होंने पिछले दिन योग को लेकर सवाल उठाए और कहा कि सरकार योग दिवस को मदरसों और मस्जिदों में जबरन न थोपे. उन्होंने सूर्य नमस्कार को लेकर भी आपत्ति जताई.
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डीसीएच/एबीएम
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