New Delhi, 21 जुलाई . राहुल गांधी ने दावा किया कि विपक्ष के नेता के रूप में उन्हें संसद में बोलने का अवसर नहीं दिया जा रहा है. इस पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, “संसद में बोलने की व्यवस्था संवैधानिक प्रक्रियाओं के अनुसार होती है.”
शेखावत ने कहा, “सदन में व्यवस्था तय करने का अधिकार पीठासीन अधिकारी के पास है. Lok Sabha अध्यक्ष ने सभी पक्षों से प्राप्त सुझावों पर विचार करने के बाद उचित निर्णय लिया है. मुझे लगता है कि राहुल गांधी को पहले दिन से ही उनके परिवार के विशेषाधिकार (प्रिविलेज) के कारण जो सुविधाएं मिलती रही हैं, अब वह नहीं मिल रही हैं, जिसका उन्हें दुख हो रहा है.”
वहीं, इस पर भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा कि यह बयान सही नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया कि Lok Sabha में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बहुत ही स्पष्ट और प्रांजल तरीके से कहा था कि सरकार ऑपरेशन सिंधु पर चर्चा के लिए तैयार है.
सारंगी ने आगे कहा, “Lok Sabha की कार्यवाही बिजनेस एडवाइजरी कमेटी के माध्यम से तय होती है. इस कमेटी में सभी उठाए गए मुद्दों पर चर्चा होगी. इसके बाद यह निर्णय लिया जाएगा कि किन मुद्दों को Lok Sabha में प्राथमिकता दी जाए. संसद की कार्यवाही एक संवैधानिक प्रक्रिया, नीति और नियमों के तहत चलती है. यह किसी की इच्छा या मनमानी से नहीं चलती. संसद हमारी नीतियों और प्रक्रियाओं के दायरे में रहकर संचालित होती है.”
उन्होंने राहुल गांधी को सलाह दी, “इस मामले में धैर्य और संयम की जरूरत है. शांति से अपनी बात सुनें, बोलें और रखें. जब उचित समय आएगा, तब निश्चित रूप से उन्हें बोलने का मौका मिलेगा. हम सभी उनकी बात सुनना चाहते हैं.”
बता दें कि Lok Sabha अध्यक्ष ओम बिरला ने Monday को संसद के मानसून सत्र के दौरान पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति शोक प्रकट किया और आतंकवाद के खिलाफ केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता भी दोहराई.
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वीकेयू/केआर
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