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कांग्रेस देख रही थी महाराष्ट्र में सरकार बनाने का ख्वाब : संजय उपाध्याय

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मुंबई, 26 जून . भारतीय जनता पार्टी के विधायक संजय उपाध्याय ने गुरुवार को कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस महाराष्ट्र में अपना मुख्यमंत्री बनाने का सपना देख रही थी, लेकिन महायुति की रणनीति के आगे उसकी एक नहीं चली. महायुति ने घर-घर जनता से संपर्क स्थापित करके उनका विश्वास अर्जित किया जिसके कारण राज्य में उसकी सरकार बन पाई है.

संजय उपाध्याय ने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि मौजूदा समय में महाराष्ट्र में जिस तरह की स्थिति बनी हुई है, उससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि कांग्रेस हार की तरफ अपने कदम आगे बढ़ा चुकी है. कांग्रेस की विश्वसनीयता अब जनता के बीच में पूरी तरह खत्म हो चुकी है. कांग्रेस को अब देश प्रदेश की जनता किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करने वाली है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तरफ से मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप लगाए जा रहे हैं. इससे साफ जाहिर हो रहा है कि वह अब निराशा और हताशा की तरफ बढ़ चुकी है. उसे इस बात का एहसास हो चुका है कि प्रदेश की जनता अब उसे किसी भी कीमत पर स्वीकार करने वाली नहीं है.

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के आंकड़ों के साथ इस बात को स्पष्ट किया जा चुका है कि मतदाताओं की सूची में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं है. इसके बावजूद विपक्षी दलों के लोग कोर्ट में गए, जहां इन्हें निराशा ही हाथ लगी. अब इन लोगों ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है. लेकिन, इन्हें एक बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि आयोग एक स्वतंत्र संस्था है. वहीं, आयोग इसे लेकर काफी पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर चुका है.

भाजपा विधायक ने संविधान पर विश्वास नहीं करने के लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की निंदा की. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी लगातार संविधान की बात करते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि अब संविधान से उनका कोई लेना-देना नहीं है. संविधान को लेकर वे खोखले दावे कर रहे हैं.

उन्होंने शशि थरूर को लेकर कहा कि उन्हें किस पार्टी में शामिल होना है और किसमें नहीं, यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है. लेकिन, जिस तरह से विदेश में भारत की बात रखने पर उन्हें गांधी परिवार की तरफ से निशाने पर लिया गया, वह निंदनीय है, उसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता.

संजय उपाध्याय ने कहा कि अगर शशि थरूर देशहित के बारे में अपनी बात रख रहे हैं, तो गांधी परिवार के पेट में दर्द क्यों हो रहा है, इस पर गांधी परिवार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए. ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस विश्व में भारत की बढ़ते धाक से परेशान है. जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी ने सभी दलों के नेताओं को विदेश में भारत के पक्ष में अपनी बात रखने के लिए भेजा है, उसकी तारीफ की जानी चाहिए. इस सूची में शशि थरूर का भी नाम है, जिन्होंने राजनीति से परे हटकर विदेश में देश हित में अपनी बात रखी.

साथ ही, विधायक ने भारत-पाकिस्तान के रिश्ते में आए तनाव को लेकर भी अपनी बात कही. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ तनाव के बाद भारत ने वैश्विक मंच पर अपने पक्ष में बड़ा जनमत बनाने का काम किया है. वैश्विक मंच पर लोगों का भारत को लेकर विश्वास बढ़ा है.

उन्होंने कहा कि भारत ने वैश्विक मंच पर यह संदेश पहुंचाया है कि हमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होना होगा और यही संदेश रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी पूरी दुनिया के बीच देने की कोशिश की है. जिसे हर कोई स्वीकार कर रहा है. एक तरफ जहां भारत को लेकर वैश्विक मंच पर सकारात्मक माहौल बना हुआ है, वहीं दूसरी तरफ आज की तारीख में पाकिस्तान की हकीकत किसी से छुपी नहीं है.

वहीं, उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को मालेगांव शुगर फैक्ट्री चुनाव में मिली ऐतिहासिक जीत के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि अब शरद पवार को पुनर्विचार करना चाहिए कि लोग उनका चेहरा देखकर थक चुके हैं. बार-बार जाति की राजनीति करने वाले शरद पवार क्यों खुद को राजनीति का चाणक्य कहलवाना चाह रहे हैं, जबकि उनकी सच्चाई को मालेगांव शुगर फैक्ट्री के नतीजों ने साफ कर दी है.

एसएचके/एकेजे

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