रायपुर, 18 अक्टूबर ( ). छत्तीसगढ़ के उपChief Minister विजय शर्मा ने Saturday को 210 नक्सलियों के सामूहिक आत्मसमर्पण को ऐतिहासिक सफलता बताते हुए केंद्र और राज्य Governmentों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह बस्तर को लाल आतंक से मुक्त करने की दिशा में बड़ा कदम है. उन्होंने Prime Minister Narendra Modi और गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति की सराहना की, जो पवई हमले के बाद तैयार की गई थी.
उन्होंने कहा, “Prime Minister मोदी ने नक्सलवाद पर खुलकर बात की. पवई हमले से वे बहुत बेचैन थे. उनके निमंत्रण पर अमित शाह ने रणनीतियां तय कीं. Chief Minister विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में पूरी टीम ने काम किया.”
उन्होंने बताया कि 210 नक्सलियों ने हथियार डाले, जिनमें 153 हथियार शामिल हैं. इनमें से ज्यादातर सुरक्षा बलों से छीने गए थे. अब केवल 47 Naxalite बचे हैं. यह समूचे समाज की जीत है, खासकर सशस्त्र बलों के जवानों की.
डिप्टी सीएम अर्बन नक्सलियों पर निशाना साधा और कहा, “Government बनते ही हमें 55 लोगों को दिल्ली ले जाना पड़ा, जो दिव्य हो चुके थे. ये लाखों में हैं, लेकिन कोई पूछने वाला नहीं. ये लोगों के मन में भ्रम फैलाते हैं. विकास न होने से बंदूक नहीं उठाई जाती. लोकतंत्र में विरोध के हजार तरीके हैं. Naxalite धोखे से अपनी फोर्स बनाकर विकास रोकते रहे, लेकिन अब 210 लोगों ने मुख्यधारा में लौटकर हजारों जानें बचाईं.”
उन्होंने पूर्व Governmentों की आलोचना की और कहा कि झीरम घाटी की जांच रिपोर्ट आज तक क्यों नहीं दिखाई गई? पिछली Governmentें कुछ करती रहीं, लेकिन हमारी शिद्दत अलग है. अब जनता देख रही है. गृह मंत्री ने भी स्वीकार किया कि यह सकारात्मक कदम है.
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने ऑपरेशन की सफलता पर कहा, “20 दिनों में जरूरी हथियार एनटीआरओ, डीआरडीओ, इसरो, आईटीबीपी और एनएसजी से मिले. बस्तर के बांझी, चालकी, पुजारी, गायता और पेरूमल जैसे समुदाय आगे बढ़े हैं. भाजपा या Government ने इसे घटना नहीं बनाया, बल्कि समाज ने स्वीकार किया.”
मीडिया की भूमिका पर उन्होंने कहा, “मीडिया के बिना यह संभव नहीं. आपकी उपस्थिति से ही स्वीकृति मिलती है.”
उन्होंने आश्वासन दिया कि बस्तर जल्द नक्सल-मुक्त होगा. Chief Minister ने कहा कि अच्छी Government, विकास और विश्वास से लाल आतंक हार रहा है. यह आत्मसमर्पण दंडकारण्य क्षेत्र से है, जहां अब उत्तर-पश्चिम बस्तर पूरी तरह नक्सल-विहीन हो गया.
Government ने पुनर्वास नीति बनाई है, जिसमें आत्मसमर्पित नक्सलियों को डीआरजी में जबरन नहीं डाला जाएगा. यह घर वापसी का मौका है.
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एसएचके/एएस
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