रांची, 21 सितंबर . Jharkhand कांग्रेस ने राज्य में दलित नेतृत्व को उभारने और उन्हें संगठन से जोड़ने के अभियान की शुरुआत की है. इसी क्रम में Sunday को Jharkhand की पुरानी विधानसभा के सभागार में आयोजित एक विशेष कार्यशाला को संबोधित करते हुए पार्टी के प्रदेश प्रभारी के राजू ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व जहां बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की सोच के अनुरूप दलितों के उत्थान और उन्हें उनके वाजिब अधिकार दिलाने को संकल्पबद्ध है तो वहीं दूसरी तरफ केंद्र की भाजपा Government उनके संवैधानिक अधिकारों पर प्रहार कर रही है.
के राजू ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में इस Government ने दलितों के लिए बनी योजनाओं की राशि घटाई या उन्हें बंद कर दिया. विभिन्न संवैधानिक संस्थाओं और Government के महत्वपूर्ण निकायों में अनुसूचित जाति का प्रतिनिधित्व एक साजिश के तहत लगातार घटा दिया गया.
कांग्रेस विधायक सुरेश बैठा ने केंद्र के साथ-साथ राज्य Government पर दलित कल्याण के मुद्दे पर गंभीरता न दिखाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि Jharkhand में अनुसूचित जाति आयोग सक्रिय नहीं है और न ही वित्त निगम का गठन हुआ है. दलित छात्रों के लिए हॉस्टलों की संख्या बेहद कम है. उन्होंने बताया कि जहां आदिवासियों के लिए पूरे प्रदेश में 121 हॉस्टल हैं, वहीं दलित छात्रों के लिए केवल 23 हॉस्टल उपलब्ध हैं.
पूर्व Union Minister सुबोधकांत सहाय ने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही दलितों के हितों की पक्षधर रही है और अगर केंद्र Government संविधान को कमजोर करने की कोशिश करेगी तो कांग्रेस उसका कड़ा प्रतिरोध करेगी.
उन्होंने कहा कि पार्टी में दलित नेतृत्व को उचित स्थान मिल सके, इसके लिए रणनीति के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है. कार्यशाला में कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष केदार पासवान, प्रवक्ता निरंजन पासवान, प्रदेश सचिव पप्पू पासवान, प्रवक्ता जगदीश साहू और मीडिया विभाग के चेयरमैन सतीश पॉल मुंजनी सहित राज्यभर से अनुसूचित जाति के कांग्रेस नेता-कार्यकर्ता शामिल हुए. कार्यशाला के प्रतिभागियों के बीच भारतीय संविधान की प्रतियां भी बांटी गईं.
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एसएनसी/डीकेपी
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