मुंबई, 26 जून . महाराष्ट्र में लोगों को सरकार ने बड़ी राहत दी है. बिजली कंपनी की ओर से आगामी पांच वर्षों के लिए महाराष्ट्र के बिजली उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरों में कटौती का निर्णय लिया गया है. इससे घरेलु उपभोक्ताओं के बिजली की दरों में 26 फीसदी की कटौती होगी एवं अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं को भी बिजली की दरों में की गई कटौती का लाभ मिलेगा.
सरकार की ओर से इस ऐतिहासिक फैसले पर जब शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे से प्रतिक्रिया मांगी गई तो वह सवाल को टाल गए. उन्होंने कहा कि महायुति सरकार ने चुनावी वादे पूरे नहीं किए हैं.
आदित्य ठाकरे ने गुरुवार को समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि अगर आप महाराष्ट्र को देखें तो चुनाव प्रचार के दौरान महिलाओं और किसानों से किए गए वादे पूरी तरह झूठे निकले. अब बिहार में विधानसभा के चुनाव होंगे. वहां भी भाजपा की ओर से आवाम से बड़े-बड़े वादे किए जाएंगे. बिहार के अलावा जहां भी चुनाव होंगे वहां भाजपा बड़े-बड़े दावे करेगी. लेकिन, कोई भी भारतीय जनता पार्टी पर भरोसा नहीं कर सकता क्योंकि इनके वादे सिर्फ चुनावी होते हैं और चुनाव के बाद वे सब कुछ भूल जाते हैं.
त्रिभाषा नीति विवाद पर शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा कि हमें स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के बारे में सोचना चाहिए. उन्हें तीसरी भाषा सीखने के लिए क्यों मजबूर किया जाना चाहिए. अगर आप भाषाएं शुरू करना चाहते हैं, तो फ्रेंच भी सिखाएं, या फिर स्पेनिश भी. जिस राज्य में हम रहते हैं वहां मराठी और अंग्रेजी भाषा होनी चाहिए. तीसरी भाषा की जरूरत नहीं है. मैं इसका विरोध करता हूं और आगे भी विरोध जारी रखूंगा.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “मैंने बीते दो साल के भीतर मुंबई की टूटी-फूटी सड़कों के बारे में प्रमुखता से मुद्दा उठाया है. हाल ही में समृद्धि हाईवे को लेकर भी आवाज उठाई थी. सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.”
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डीकेएम/एकेजे
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