क्वेटा, 5 नवंबर . मानवाधिकार संस्था बलूच यकजेहती कमेटी (बीवाईसी) ने बलूचिस्तान के Political कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार रक्षकों को Pakistan के आतंकवाद विरोधी अधिनियम (एटीए) की चौथी अनुसूची में डालने की कड़ी आलोचना की. इस कदम को मानवाधिकार संस्था ने बलूच जन संघर्ष को बल प्रयोग के जरिए खत्म करने की कोशिश बताया.
बीवाईसी ने बयान जारी कर कहा, “यह कार्रवाई न केवल गैरकानूनी है, बल्कि एक खतरनाक प्रवृत्ति को भी दर्शाती है. इसके माध्यम से शांतिपूर्ण Political गतिविधियों को दबाने, वैध मतभेदों को दबाने और मानवाधिकारों, न्याय और Political स्वतंत्रता के लिए आवाज उठाने वालों को अपराधी बनाने का प्रयास किया जा रहा है.”
बयान में कहा गया, “बीवाईसी के कार्यकर्ताओं सहित सैकड़ों बलूच Political और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के नाम बिना किसी पारदर्शी कार्यवाही, कानूनी सबूत या निष्पक्ष न्यायिक प्रक्रिया के चौथी अनुसूची में जोड़ दिए गए. इस सूची में लगातार Political कार्यकर्ताओं के नाम जोड़े जा रहे हैं.”
अधिकार निकाय के अनुसार, बलूचिस्तान के हब क्षेत्र के 64 व्यक्तियों के नाम इस सूची में जोड़े गए हैं. इन नामों में Political और मानवाधिकार कार्यकर्ता, छात्र और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं.
बीवाईसी ने आरोप लगाया है कि हालिया प्रक्रिया से संवैधानिक और मौलिक मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ है, जिनमें न्याय का अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, Political सभा की स्वतंत्रता और आवागमन की स्वतंत्रता शामिल हैं. ये अधिकार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों द्वारा संरक्षित हैं. आतंकवाद विरोधी कानूनों का Political हितों के लिए दुरुपयोग उत्पीड़न का एक गंभीर रूप है.
इसके अलावा, मानवाधिकार संस्था ने मांग की है कि Pakistan Political और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं सहित सभी व्यक्तियों के नाम चौथी अनुसूची से तुरंत हटा दे और लोकतांत्रिक Political संघर्षों को दबाने और आतंकवाद-रोधी कानूनों का Political उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने की प्रथा पर रोक लगाए.
पिछले महीने, कई मानवाधिकार संगठनों ने बलूचिस्तान Government द्वारा तीन शांतिप्रिय बलूच महिला कार्यकर्ताओं को एटीए की चौथी अनुसूची में शामिल करने के फैसले की कड़ी निंदा की थी.
बलूचिस्तान गृह विभाग द्वारा 16 अक्टूबर को जारी अधिसूचना में बलूच महिला फोरम (बीडब्ल्यूएफ) की केंद्रीय संयोजक शाली बलूच और बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) की सदस्य नाज गुल और सैयद बीबी पर “आतंकवाद” से संबंधित गतिविधियों में सहयोग करने और उनसे जुड़े होने का आरोप लगाया गया था और उन्हें एटीए के तहत सूचीबद्ध किया गया था.
–
केके/एबीएम
You may also like

12 सेंटीमीटर घाव के लिए 12 लाख... महिला पर स्ट्रे डॉग्स ने किया था अटैक, अब दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिका में 20 लाख का मांगा मुआवजा

लखनऊ के होटल में बंधक बनाकर दो दिनों तक लड़की से गैंगरेप, वीडियो वायरल करने दी धमकी

चौथा टी20 मैच : अर्धशतक चूके शुभमन गिल, ऑस्ट्रेलिया को 168 रन का टारगेट

'मैं योगराज सिंह जैसा बिल्कुल नहीं हूं' पिता के कोचिंग तरीके से तुलना पर बोले युवराज सिंह

UPSSSC Forest Guard Admit Card 2025: यूपी फॉरेस्ट गार्ड परीक्षा के एडमिट कार्ड जारी, 9 नवंबर को एग्जाम, देखें नोटिस




