नैनीताल, 17 जुलाई . उत्तराखंड हाई कोर्ट ने टिहरी जिले की ग्राम प्रधान पद की प्रत्याशी कुसुम कोठियाल को बड़ी राहत देते हुए उनके नामांकन रद्द करने के आदेश पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिए हैं कि उन्हें शीघ्र चुनाव चिन्ह जारी किया जाए ताकि वे चुनाव में भाग ले सकें.
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई. याचिका में कुसुम कोठियाल ने बताया कि वह ग्राम प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन उनका नामांकन इस आधार पर रद्द कर दिया गया कि उनके घर में शौचालय नहीं है.
चुनाव आयोग की ओर से जवाब में कहा गया कि नामांकन पत्र की जांच में यह पाया गया कि शपथ पत्र में शौचालय को लेकर सही जानकारी नहीं दी गई थी. इस पर समिति ने स्क्रूटनी के बाद उनका नामांकन रद्द कर दिया. हालांकि, याचिकाकर्ता की ओर से तर्क दिया गया कि यह निर्णय नियमों के खिलाफ है.
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय अक्सर घर के बाहर बनाए जाते हैं और यह आवश्यक नहीं कि वह घर के अंदर ही हों. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका शौचालय घर से लगभग 150 मीटर की दूरी पर स्थित है और वह पूरी तरह से व्यक्तिगत है, सार्वजनिक नहीं.
हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि केवल शौचालय की स्थिति के आधार पर किसी का नामांकन रद्द करना तर्कसंगत नहीं है, खासकर तब जब शौचालय व्यक्तिगत हो और ग्रामीण परिस्थितियों को ध्यान में रखा जाए.
यह फैसला राज्य चुनाव आयोग के उन नियमों पर भी सवाल उठाता है, जो अक्सर ग्रामीण वास्तविकताओं से मेल नहीं खाते. कोर्ट के निर्देश के बाद अब कुसुम कोठियाल ग्राम प्रधान पद की वैध प्रत्याशी मानी जाएंगी और उन्हें चुनाव चिह्न भी आवंटित किया जाएगा.
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एससीएच/एबीएम
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