नई दिल्ली, 29 मई . केंद्रीय आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा कि पहली ‘मेड इन इंडिया’ 28-90 एनएम की सेमीकंडक्टर चिप इस साल बाजार में आएगी.
राष्ट्रीय राजधानी में सीआईआई एनुअल बिजनेस समिट को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हमने एक टारगेटेड एप्रोच का उपयोग करते हुए एक विशेष सेगमेंट को टारगेट किया है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है.”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “आज हमारे देश में छह सेमीकंडक्टर प्लांट्स का निर्माण हो रहा है. पहली मेड-इन-इंडिया 28-90 एनएम चिप इस साल बाजार में आ जाएगी.”
सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में छोटे नैनोमीटर (एनएम) का माप अधिक कॉम्पैक्ट ट्रांजिस्टर डिजाइन को दर्शाता है, जिससे निर्माताओं को एक ही चिप पर अधिक ट्रांजिस्टर फिट करने की सुविधा मिलती है. 28-90 एनएम चिप का उपयोग ऑटोमोटिव, दूरसंचार, बिजली और ट्रेनों में किया जाता है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “कई शीर्ष अर्थशास्त्री चाहते हैं कि हम सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करें. मैन्युफैक्चरिंग और सेवाएं दोनों ही विकास के अगले स्तर के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं. हमें जहां भी अवसर मिले, अपना काम बढ़ाना चाहिए. हमारे पास अपना खुद का आईपी, उत्पाद, डिजाइन और मानक होना चाहिए.”
उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के कारण हो रहे सकारात्मक बदलाव के बारे में बताया. केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हमने एआई के कारण एक बड़ा बदलाव देखा है, और यह हमेशा के लिए है.”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “इंटरनेट ने दुनिया के लिए जो किया, वैसा ही कुछ एआई से भी होगा. हमें उद्योग और क्षेत्र की परवाह किए बिना उस बदलाव के लिए तैयार रहना चाहिए. एआई हमारे समाज और उद्योग में बहुत बड़ा बदलाव लाएगा.”
उन्होंने भारतीय संस्कृति, बारीकियों, भाषाओं और सामाजिक मानदंडों पर प्रशिक्षित एआई मॉडल की आवश्यकता पर जोर दिया.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस तरह के पहले मॉडलों में से एक को सर्वम द्वारा विकसित किया जा रहा है.
आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स के रेल मंत्रालय का कार्यभार संभालने वाले वैष्णव ने कहा, “हमने 1,612 मिलियन टन माल की ढुलाई के साथ अमेरिका और रूस को पीछे छोड़ते हुए दुनिया में दूसरे सबसे बड़े मालवाहक रेलवे बनने की बड़ी उपलब्धि हासिल की है.”
वैष्णव ने कहा, “हमारी यात्री वहन क्षमता में भी काफी वृद्धि हुई है. हम उस स्तर पर पहुंच गए हैं जहां सपने पूरे हो रहे हैं और लक्ष्य हासिल किए जा रहे हैं. हम रेलवे में एक स्थिर दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और अधिक उद्योगों को इसमें शामिल होना चाहिए.”
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एबीएस/
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