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30 जून को ही क्यों मनाया जाता है सोशल मीडिया डे?

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नई दिल्ली, 29 जून . चाहे सामाजिक बदलाव के लिए जागरूकता फैलाना हो या व्यवसायों को बढ़ावा देना हो या फिर दोस्तों और परिवार के साथ जुड़े रहना हो, आज के इस दौर में सोशल मीडिया ने हमारे संवाद के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है. यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो हर व्यक्ति को अपनी आवाज को दुनिया तक पहुंचाने और सकारात्मक प्रभाव डालने का मौका देता है. इसके महत्व को रेखांकित करने के लिए हर साल 30 जून को ‘सोशल मीडिया डे’ मनाया जाता है.

यह दिन हमें सोशल मीडिया की उन अनगिनत खूबियों को याद दिलाता है, जो हमें वैश्विक स्तर पर जोड़ती हैं और विचारों को शेयर करने का प्लेटफॉर्म देती हैं और क्रिएटिविटी को नई उड़ान देने का काम करती हैं.

इस दिन की शुरुआत साल 2010 में एक प्रमुख डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म मैशेबल ने की थी. सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव को मान्यता देने के लिए 30 जून को चुना गया था. कहा जाता है कि जून के महीने में कई प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने कीर्तिमान स्थापित किए थे और यह महीना टेक इंडस्ट्री के लिए बेहद खास माना जाता है. मैशेबल की इस पहल को दुनिया भर के सोशल मीडिया यूजर्स, कंटेंट क्रिएटर्स, डिजिटल मार्केटर्स और ब्रांड्स ने अपनाया, जिससे यह एक ग्लोबल इवेंट बन गया.

इसका उद्देश्य सोशल मीडिया के प्रभाव, इसकी पहुंच और समाज पर इसके सकारात्मक योगदान को उजागर करना है. यह दिन लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़ने, विचार साझा करने और इसके रचनात्मक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करता है.

इस दिन लोग और संगठन सोशल मीडिया पर हैशटैग जैसे सोशल मीडिया डे का इस्तेमाल कर पोस्ट शेयर करते हैं. साथ ही वेबिनार और डिजिटल कैंपेन भी चलाए जाते हैं. इसके अलावा, यह दिन दुनिया भर में लाखों लोगों को एक-दूसरे से जोड़ने, जागरूकता फैलाने और सामाजिक बदलाव के लिए सोशल मीडिया की शक्ति को दर्शाता है.

आज के इस दौर में फेसबुक और लिंक्डइन जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटें व्यक्तिगत और पेशेवर रिश्तों को बनाने पर फोकस करती हैं, जबकि माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म, जैसे एक्स (पूर्व में ट्विटर) और थ्रेड्स छोटे-छोटे पोस्ट और तेजी से जानकारी साझा करने पर जोर देते हैं. इसके अलावा, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और स्नैपचैट जैसे मीडिया शेयरिंग नेटवर्क यूजर्स को तस्वीरें, वीडियो और लाइव स्ट्रीम साझा करने की सुविधा देते हैं.

इंटरनेशनल जनरल ऑफ होम साइंस में ‘सोशल मीडिया डे’ को लेकर प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में नई पीढ़ी के युवाओं के बीच सोशल मीडिया का उपयोग बढ़ रहा है. आज की दुनिया में सोशल मीडिया का इस्तेमाल इंसान के रोजमर्रा के जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है. नए युग की सोशल नेटवर्किंग संस्कृति को स्वीकार कर लिया गया है और अध्ययनों से स्पष्ट है कि सोशल मीडिया का युवाओं पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव पड़ता है.

सोशल मीडिया आज के डिजिटल युग में संचार, विचारों के आदान-प्रदान और वैश्विक जुड़ाव का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुका है. यह न केवल व्यक्तियों को अपनी आवाज को दुनिया तक पहुंचाने का अवसर देता है, बल्कि व्यवसायों, रचनाकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी अपनी पहचान स्थापित करने और प्रभाव डालने का मंच प्रदान करता है. यह एक ऐसा पुल है, जो दूरी को मिटाता है और हर व्यक्ति को अपनी कहानी साझा करने की ताकत देता है.

एफएम/एकेजे

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