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उत्तर कोरिया ने रूस के साथ रक्षा संधि के प्रति फिर जताई प्रतिबद्धता, द्विपक्षीय सहयोग को बताया 'रणनीतिक गारंटी'

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सोल, 19 जून . उत्तर कोरिया ने गुरुवार को रूस के साथ आपसी रक्षा संधि के प्रति अपनी अटल प्रतिबद्धता दोहराई है. यह बयान दोनों देशों के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग के बीच उस दिन आया है, जब इस संधि की पहली वर्षगांठ मनाई जा रही है.

उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच इस विस्तृत सामरिक साझेदारी संधि पर 19 जून 2024 को हस्ताक्षर हुए थे. इसमें यह प्रावधान है कि यदि दोनों में से किसी एक पर सशस्त्र हमला होता है, तो दूसरा देश “बिना देरी” के सैन्य सहायता प्रदान करेगा.

संधि की वर्षगांठ पर उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय के रूसी मामलों से जुड़े अधिकारी ने एक बयान में कहा कि रूस के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को मजबूत करने की उत्तर कोरिया की प्रतिबद्धता “अपरिवर्तित” है.

मंत्रालय ने इस संधि को एक “महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना” और दोनों देशों के वर्तमान एवं भविष्य के रिश्तों के लिए एक “रणनीतिक गारंटी” बताया.

उत्तर कोरिया ने संधि की ताकत को दर्शाने के लिए यह भी उल्लेख किया कि उसने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में सैनिक तैनात किए थे और कहा कि यह सहयोग भविष्य में और भी गहरा होगा.

दक्षिण कोरियाई खुफिया एजेंसियों के अनुसार, उत्तर कोरिया ने अक्टूबर 2023 से फरवरी 2024 के बीच यूक्रेन युद्ध में रूस की ओर से लड़ने के लिए लगभग 14 हजार सैनिक भेजे थे.

रूसी मीडिया ने इस सप्ताह की शुरुआत में बताया कि उत्तर कोरिया आने वाले समय में लगभग छह हजार सैन्य निर्माणकर्मी और बारूदी सुरंग हटाने वाले विशेषज्ञ कुर्स्क के युद्ध क्षेत्र में भेजेगा.

उत्तर कोरिया के आधिकारिक समाचार पत्र रोडोंग सिनमुन ने इस संधि की वर्षगांठ को प्रमुखता से प्रकाशित किया और इसे रूस के साथ मित्रता में “नए अध्याय की शुरुआत” बताया. लेख में कहा गया कि यह दोनों नेताओं की “असाधारण नेतृत्व क्षमता” का परिणाम है.

इस अवसर पर उत्तर कोरिया ने रूस के साथ अपने संधि संबंधों की ‘पूर्ण एकजुटता’ को रेखांकित करते हुए कहा कि यह साझेदारी भविष्य में भी बनी रहेगी और लगातार मजबूत होगी.

डीएससी/एकेजे

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